भीलवाड़ा. निजी स्कूलों में फीस माफी को लेकर मंगलवार को अभिभावक संघ समिति के बैनर तले कार्यकर्ताओं ने जिलाधीश कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट को ज्ञापन भी सौंपा. साथ ही 5वीं कक्षा तक ऑनलाइन पढ़ाई बंद करवाने और स्कूल संचालन जुलाई के बजाय सितंबर में चालू करने की मांग की.
लॉकडाउन के कारण सभी स्कूल बंद हैं, बावजूद इसके ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर प्राइवेट स्कूल अभिभावकों से लगातार फीस मांग रहे हैं. इससे तंग आ चुके अभिभावकों ने अब मोर्चा खोलने का मन बना लिया है. समिति के अध्यक्ष सुनील कोठारी ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण 3 माह तक सब कुछ बंद रहा. इसके कारण अब लोगों के पास पैसे नहीं हैं कि वह स्कूलों की फीस भर सकें. जिसके चलते स्कूलों की फीस माफ की जाए.
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उन्होंने कहा कि 5वीं तक के बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई रुकवाई जाए. इसके कारण बच्चों की आंखों पर काफी बुरा असर होता है. साथ ही ऑनलाइन क्लासेस के लिए जरूरी संसाधन जैसे मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर, नेट कनेक्शन जोड़ने का कार्य अभी अभिभावक को अपने स्तर पर करना पड़ता है. इन सब संसाधनों के चलते बच्चों की आंखें खराब होने का भी अंदेशा बना रहता है.
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वहीं कोठारी ने यह भी कहा कि निजी स्कूलों की ओर से पेश किए गए बैलेंस शीट की जांच के आदेश दिए जाएं. देश में एक शिक्षा, एक बोर्ड, एक पुस्तक और एक पाठ्यक्रम की नीति बनाई जाए. निजी स्कूल प्रबंधन निजी प्रकाशकों की महंगी किताबों को कोर्स में लगाते हैं और तय दुकानों से ही किताबें खरीदने का दबाव बनाते हैं. कमाई करने के चलते स्कूल निजी प्रकाशकों की किताबें 175 से 200 प्रतिशत अधिक कीमत पर किताबें खरीदने के लिए बाध्य करते हैं. इसके लिए प्रदेश के सभी निजी स्कूलों में NCERT की पुस्तकों से पढ़ाई कराने के आदेश जारी करें.