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निजी स्कूलों को पूरी फीस देने के आदेश के खिलाफ भीलवाड़ा में विरोध प्रदर्शन, सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन - अभिभावक संघर्ष समिति

सुप्रीम कोर्ट की ओर से निजी स्कूलों को पूरी फीस देने के आदेश का विरोध करते हुए भीलवाड़ा जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर अभिभावक संघर्ष समिति के बैनर तले अभिभावकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया है. साथ ही कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया है.

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निजी स्कूलों को पूरी फीस देने के आदेश का भीलवाड़ा में विरोध प्रदर्शन
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Published : Feb 12, 2021, 8:02 PM IST

भीलवाड़ा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजी स्कूलों को पूरी फीस देने के आदेश का विरोध करते हुए भीलवाड़ा जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर अभिभावक संघर्ष समिति के बैनर तले अभिभावकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया है. उन्होंने जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन भी सौंपा. इसमें अभिभावक के पक्ष को मजबूती से कोर्ट में रखकर फैसला वापस लेने की मांग की है. वहीं प्रदर्शन के बाद उन्होंने चेतावनी भी दी कि यदि मांगे नहीं मानी गई, तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा.

निजी स्कूलों को पूरी फीस देने के आदेश का भीलवाड़ा में विरोध प्रदर्शन

अभिभावक संघ समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कोठारी ने कहा कि विद्यालय 11 महीने से बंद थे और उनके खर्चा भी बहुत कम हुआ था. इसके बावजूद जो सुप्रीम कोर्ट ने जो 8 तारिख को स्कूल फीस 100 फीसदी जमा करवाने के आदेश दिए हैं, उसका हम विरोध करते हैं. कोरोना काल के बाद अभी भी अभिभावक आर्थिक बोझ के तले दबा हुआ है. अभी तक अभिभावक इस आर्थिक तंगी से उभर नहीं पाया है. लॉक डाउन के समय अनावश्यक खर्चा हुआ है. ऑनलाइन क्लासेस में मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर जैसे ऑनलाइन गैजेट खरीदना और उनका इंटरनेट बिल के साथ ही विभिन्न प्रोजेक्ट में जो खर्चा हुआ है, उसी में ही अभिभावक कहीं रुपए खर्च कर चुका है. इसी के बाद अब स्कूल शुरू होने के साथ अभिभावक को दोबारा खर्चा करके स्कूल को पूरी फीस चुकानी होगी.

यह भी पढ़ें- कोटा ACB की कार्रवाई : अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और कैशियर 10 हजार की घूस लेते गिरफ्तार

कोरोना काल से अब तक में जहां ज्यादातर स्कूलों के संसाधन इस्तेमाल नहीं हुए हैं. स्टाफ की संख्या भी 50 प्रतिशत से अधिक कटौती कर दी गई है और कार्यकर्ता की सैलरी भी आधी कर दी गई है. स्कूलों द्वारा अपने खर्चों से ज्यादा फीस वसूली नहीं कर सकते. ऐसी स्थिति में हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान के अभिभावकों का पक्ष पुरजोर तरीके से रखकर सुप्रीम न्यायालय को अपने निर्णय को पूर्ण विचार करने की याचिका प्रस्तुत करवाएं और समाधान कराए. राजस्थान स्कूल फीस अधिनियम 2016 की सख्ती से पालना सुनिश्चित हो, ऐसे विभागीय आदेश जारी करवाएं. हमारी मांग है कि इसमें अभिभावकों को राहत प्रदान करवाई जाए. इसके साथ हम मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में अभिभावकों के पक्ष को मजबूती से रख कर फैसले में राहत प्रदान करवाई जाए.

भीलवाड़ा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजी स्कूलों को पूरी फीस देने के आदेश का विरोध करते हुए भीलवाड़ा जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर अभिभावक संघर्ष समिति के बैनर तले अभिभावकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया है. उन्होंने जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन भी सौंपा. इसमें अभिभावक के पक्ष को मजबूती से कोर्ट में रखकर फैसला वापस लेने की मांग की है. वहीं प्रदर्शन के बाद उन्होंने चेतावनी भी दी कि यदि मांगे नहीं मानी गई, तो आने वाले समय में उग्र आंदोलन किया जाएगा.

निजी स्कूलों को पूरी फीस देने के आदेश का भीलवाड़ा में विरोध प्रदर्शन

अभिभावक संघ समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कोठारी ने कहा कि विद्यालय 11 महीने से बंद थे और उनके खर्चा भी बहुत कम हुआ था. इसके बावजूद जो सुप्रीम कोर्ट ने जो 8 तारिख को स्कूल फीस 100 फीसदी जमा करवाने के आदेश दिए हैं, उसका हम विरोध करते हैं. कोरोना काल के बाद अभी भी अभिभावक आर्थिक बोझ के तले दबा हुआ है. अभी तक अभिभावक इस आर्थिक तंगी से उभर नहीं पाया है. लॉक डाउन के समय अनावश्यक खर्चा हुआ है. ऑनलाइन क्लासेस में मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर जैसे ऑनलाइन गैजेट खरीदना और उनका इंटरनेट बिल के साथ ही विभिन्न प्रोजेक्ट में जो खर्चा हुआ है, उसी में ही अभिभावक कहीं रुपए खर्च कर चुका है. इसी के बाद अब स्कूल शुरू होने के साथ अभिभावक को दोबारा खर्चा करके स्कूल को पूरी फीस चुकानी होगी.

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कोरोना काल से अब तक में जहां ज्यादातर स्कूलों के संसाधन इस्तेमाल नहीं हुए हैं. स्टाफ की संख्या भी 50 प्रतिशत से अधिक कटौती कर दी गई है और कार्यकर्ता की सैलरी भी आधी कर दी गई है. स्कूलों द्वारा अपने खर्चों से ज्यादा फीस वसूली नहीं कर सकते. ऐसी स्थिति में हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान के अभिभावकों का पक्ष पुरजोर तरीके से रखकर सुप्रीम न्यायालय को अपने निर्णय को पूर्ण विचार करने की याचिका प्रस्तुत करवाएं और समाधान कराए. राजस्थान स्कूल फीस अधिनियम 2016 की सख्ती से पालना सुनिश्चित हो, ऐसे विभागीय आदेश जारी करवाएं. हमारी मांग है कि इसमें अभिभावकों को राहत प्रदान करवाई जाए. इसके साथ हम मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में अभिभावकों के पक्ष को मजबूती से रख कर फैसले में राहत प्रदान करवाई जाए.

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