भीलवाड़ा. पूरी दुनिया में अपना कहर मचा रही कोरोना वायरस महामारी से जहां हर क्षेत्र के लोगों ने खामियाजा भुगता है तो इस कहर से त्योहार भी अब अछूता नहीं है. इसका खासा असर इस बार होने वाली गणेश चतुर्थी के महापर्व पर भी देखने को मिला है. जिसके चलते इस बार ना तो शहरों में पंडाल सजेंगे ना ही गणेश मंदिरों में भव्य कार्यक्रम होगा. इसी के साथ ही मेले का आयोजन तक भी रद्द कर दिया गया है. जिसके कारण गणपति महोत्सव घरो में ही सिमट कर रह गया है.
भीलवाड़ा में गणेश चतुर्थी के अवसर पर इस बार पांडाल नहीं सजने के कारण ईको फ्रेंडली छोटी प्रतिमाएं बाजारों में सजी हुई है. कोरोना वायरस के चलते इस बार इनके भाव में तेजी होने से इनकी खरीद पर भी असर पड़ा है. इस बार बाजार में बड़ी प्रतिमाएं नहीं बिक रही है और छोटी मूर्तियां ही इस बार घरों में स्थापित की जाएंगी.
शहर में गणेश महोत्सव व्यापक स्तर पर मनाया जाता है. कोरोना कहर से 27 साल पुरानी परंपरा इस बार टूटती हुई नजर आ रही हैं. गणेश चतुर्थी पर्व भी अब घरों में ही सिमट कर रह जाएगा. जो विकट स्थिति बनी हुई है उसके कारण इस बार सड़क और सार्वजनिक स्थानों पर पंडालों में गणेश प्रतिमाओं की स्थापना नहीं हो सकेगी और ना ही डीजे पर गणपति बप्पा मोरिया का शोर सुनाई देगा.
शहर में मई-जून में ही गणेश मूर्ति बनाने के साथ ही गणेश चतुर्थी की तैयारियां शुरू कर दी जाती है, लेकिन इस बार कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन की वजह से बाहरी राज्यों से मूर्ति कलाकार भीलवाड़ा नहीं आ सके. हालांकि शहर के कुछ इलाकों में गणेश जी की छोटी मूर्तियां बिक्री करने के लिए लोग आए हैं, लेकिन उनके ग्राहकी पर भी इस बार खासा असर दिखता हुआ नजर आ रहा है.
हर साल महोत्सव मनाने वाले सौरभ सहानी ने कहा कि इस बार कोविड-19 कहर के चलते पूरे शहर यहां तक कि प्रदेश में गणेश महोत्सव को लेकर कोई भी बड़ा कार्यक्रम नहीं किया जाएगा. जिसके चलते गणेश भक्तों को इसके प्रति मायूसी है, लेकिन सद्भावना के अनुसार गणेश भक्त ईको फ्रेंडली मूर्ति गणेश जी की घर में ही विराजित करेंगे. वहीं, जहां 27 साल से भीलवाड़ा शहर के गणेश मंदिर में चतुर्थी के दो दिवसीय मेला लगाया जाता था, वो अब रद्द कर दिया गया है. यही नहीं इस बार कहीं भी पंडाल भी नहीं सजेंगे.
पढ़ें- भीलवाड़ा में नहीं थम रहा कोरोना का कहर, 113 नए मामलों के साथ संक्रमितों की संख्या हुई 1482
वहीं दूसरी ओर गणेश प्रतिमा बनाने वाले राजेंद्र प्रजापत ने कहा कि इस बार बड़ी प्रतिमा नहीं बनने के कारण हमने छोटी प्रतिमा मिट्टी की बनाई है. जिसके कारण इनका विसर्जन कहीं भी किया जा सकता है. इस बार कोरोना वायरस होने के कारण हमारी बिक्री पर भी बहुत बड़ा असर पड़ा है. पिछली बार के मुकाबले इस बार हमें मूर्ति बनाने और बेचने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
गणेश की प्रतिमा लेने आए दिनेश वैष्णव ने कहा कि इस बार कोरोना के कारण मूर्तियां काफी महंगी है. इसके कारण खरीदार भी कम है. हम पंडाल तो इस बार नहीं सजा सकते, लेकिन गणेश प्रतिमा को विराजित करके नियमित पूजा अर्चना की जाएगी.