भीलवाड़ा. जिले की एनडीपीएस (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) कोर्ट ने 4 साल पुराने तस्करी के एक मामले में दो तस्करों को दस-दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोनों दोषियों पर 1-1 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अभियोजन पक्ष कि ओर से मामले में 11 गवाह और 93 दस्तावेज पेश कर तस्करों पर लगे आरोप सिद्ध किए हैं.
विशिष्ट लोक अभियोजक कैलाशचंद्र चौधरी ने कहा कि तत्कालीन हमीरगढ़ थाना प्रभारी सुगन सिंह ने 21 जनवरी 2019 को चित्तौडगढ़ हाइवे पर स्वरुपगंज में नाकाबंदी की. इस दौरान चित्तौडगढ़ की ओर से आई एक स्विफ्ट कार को पुलिस ने रुकवाने के लिए चालक को इशारा किया. चालक कार को रोकने के बजाय रेलवे फाटक की ओर गलत दिशा में ले और भागने का प्रयास करने लगा जिस पर पुलिस ने पीछा कर स्वरुपगंज चौकी के सामने कार को रुकवा लिया.
कार में दो लोग सवार थे. पूछताछ में चालक ने खुद को कानासर जौधपुर निवासी अशोक विश्नौई और उसके साथ बैठे व्यक्ति ने मांगीलाल विश्नौई बताया. पुलिस ने कार की तलाशी ली तो उसमें 6 कट्टों में भरा 60 किलो डोडाचूरा मिला. पुलिस ने कार सहित बरामद हुआ डोडाचूरा जब्त कर दोनों तस्करों को गिरफ्तार कर लिया.
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पुलिस ने मामले की तफ्तीश के बाद तस्करों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट पेश की. जिसके बाद अभियोजन पक्ष कि ओर से 11 गवाह और 93 दस्तावेज पेश कर तस्करों पर लगे आरोप सिद्ध किये. न्यायालय में बुधवार को सुनवाई पूरी होने पर दोनों तस्करों को 10 -10 साल के कठोर कारावास की सजा (Bhilwara NDPS court sentenced for smuggling) और 1-1 लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया.