भीलवाड़ा. नगर परिषद सभापति पर भाजपा और निर्दलीय पार्षदों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. इस पर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने 28 नवंबर की तारीख मुकर्रर की. बता दें कि लगभग 2 माह पूर्व भीलवाड़ा नगर परिषद सभापति ललिता समदानी, भाजपा से प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर कांग्रेस के वरिष्ठ राजनेताओं के समक्ष कांग्रेस पार्टी में शामिल हुई. उसके बाद लगातार भाजपा के पार्षद और निर्दलीय पार्षद सभापति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे.
हाल ही में भीलवाड़ा नगर परिषद सभापति समदानी के खिलाफ भाजपा के पार्षद और निर्दलीय पार्षद एकत्रित होकर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. शहर विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी के नेतृत्व में भाजपा के 43 पार्षद जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. वहां जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. उसी समय सभी पार्षदों को बाड़ेबंदी के लिए राज्य के दूसरे जिले में भेज दिया गया. वहीं भीलवाड़ा जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने मतदान के लिए 28 नवंबर की तारीख मुकर्रर की. अब 28 नवंबर को भीलवाड़ा नगर परिषद सभापति ललिता समदानी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मतदान होगा.
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मामले में भीलवाड़ा से भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मीनारायण डाड ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि नगर परिषद सभापति ललिता समदानी का जो पाप है, उसका प्रायश्चित और परिमार्जन कर शहर को ललिता समदानी के श्राप से मुक्त करने के लिए हमारे पार्षदों ने जो संकल्प लिया है, मैं उनकी सराहना करता हूं. मै र से प्रार्थना करता हूं कि हमारे इस पुण्य काम में हमें सफलता मिले.
दरअसल, भीलवाड़ा नगर परिषद में कुल 55 पार्षद हैं और एक विधायक और एक सांसद मिलाकर 57 प्रतिनिधि होते हैं. साथ ही अविश्वास प्रस्ताव के लिए 43 पार्षदों की आवश्यकता होती है. जहां भाजपा से शहर विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी की मौजूदगी में 43 पार्षद और एक वह स्वयं अविश्वास प्रस्ताव पेश करने गए थे. लेकिन, अब मतदान के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि ये 43 पार्षद एकजुट हो पाते हैं या नहीं. अगर एकजुट रहते हैं तो निश्चित रूप से ललिता समदानी को अपना पद गंवाना पड़ेगा.