भोपालगढ़ (जोधपुर). राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से स्कूली पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप के इतिहास के साथ परिवर्तन करने को लेकर भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने महापुरुषों का अपमान नहीं करने की मांग की है.
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने स्कूली पाठ्यक्रम में महापुरुषों के अपमान के संबंध में संज्ञान लेने की बात कही है. पत्र में बताया गया है कि आगामी शिक्षा सत्र 2020- 21 के पाठ्यक्रम में राजस्थान के ही नहीं पूरे विश्व के इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले महाराणा प्रताप की जीवनी के लेखन में जुड़े हुए पूर्व के तथ्यों को छेड़छाड़ कर हटाया जा रहा है, जो गौरवशाली इतिहास रहा है. उसकी जगह गुलाम मानसिकता के इतिहास को पढ़ाने का प्रयास हो रहा है. यह महापुरुषों का अपमान है.
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गर्ग का कहना है कि राजस्थान के अंदर ही ऐसा अपमान अपने आप में चिंताजनक हैं. जबकि देश के कई राज्यों में महाराणा प्रताप की महानता के अनेकों पाठ पाठ्यक्रमों में सम्मिलित हैं. इतिहास और लोक गाथाओं में आज भी मेवाड़ में महाराणा प्रताप की वीर गाथा को गाते हैं.
ऐसे में राजस्थान के पाठ्यक्रम में छेड़छाड़ करना वीर योद्धा महाराणा प्रताप के साथ-साथ पूरे राजस्थानवासियों ही नहीं समस्त देशवासियों का भी अनादर करना है. ऐसे में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नेमुख्यमंत्री अशोक गहलोत से तुरंत इस मामले में संज्ञान लेकर इस त्रुटि को सुधार करवाने की मांग की है.
क्या है विवाद
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में इस बार दसवीं कक्षा की नई किताब में महाराणा उदय सिंह को बनवीर का हत्यारा बताया गया है. किताब के पहले अध्याय में राजस्थान के प्रमुख राजपूत वंश का परिचय दिया गया है. जिसमें पेज नंबर 11 पर लिखा है कि 1537 ईसवी में उदय सिंह का राज्याभिषेक हुआ. 1540 ईसवी में मावली के युद्ध में उदय सिंह ने मालदेव के सहयोग से बनवीर की हत्या कर मेवाड़ की पैतृक सत्ता प्राप्त की थी. 1559 में उदयपुर में नगर बसाकर उसे राजधानी बनाई.
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पेज नंबर 12 पर हल्दीघाटी के नामकरण को लेकर अजीबोगरीब तर्क लिखा गया है. यहां डॉक्टर महेंद्र भाणावत की किताब 'अजूबा भारत' के हवाले से लिखा गया है कि हल्दीघाटी नाम हल्दी जैसे रंग की मिट्टी के कारण नहीं पड़ा, बल्कि इसका एकमात्र कारण यह है कि यहां हल्दी चढ़ी कई नवविवाहिताएं पुरुष भेष में लड़ीं और वीरगति को प्राप्त हुईं.