भीलवाड़ा. जिले से कोरोना की चेन को खत्म करने के लिए पिछले 20 मार्च से कर्फ्यू लगा हुआ है. वहीं 3 अप्रैल से भीलवाड़ा शहर में महा कर्फ्यू में तब्दील हो गया है. वहीं भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में भी लॉकडाउन का काफी असर देखने को मिल रहा है. लॉकडाउन के तहत गरीब परिवार को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए प्रशासन के साथ ही राजनेताओं व स्वयंसेवी संगठनों ने भी हाथ बढ़ाना शुरू कर दिया है.
ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा जिले की हुंरडा पंचायत समिति के खारी का लाम्बा गांव पहुंची. जहां काफी संख्या में गांव में किसान, मजदूर व निजी इंडस्ट्रीज में करने काम करने वाले अन्य प्रदेश के मजदूर हैं. इन मजदूरों के बच्चे-बच्चियों को भोजन के साथ ही किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए गांव के समाजसेवी व जिला परिषद सदस्य हनुमंत सिंह राठौड़ के नेतृत्व में अन्नपूर्णा दुग्ध वितरण समिति बनाई गई. जिसमें पहले इन गांव वालों को भोजन के लिए कच्ची खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई जाती है. अब सभी की स्थिति को देखते हुए जिला परिषद सदस्य हनुमंत सिंह राठौड़ के नेतृत्व में 300 परिवारों को 250ml दूध उपलब्ध करवाया जा रहा है.
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हनुमंत सिंह राठौड़ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि हमने 23 मार्च से शुरुआत की है. सबसे पहले तो क्षेत्र में प्रत्येक परिवार को चिन्हित किया. साथ ही जिनके घर में गाय भैंस नहीं है, उनको 14 अप्रैल तक 10-10 निःशुल्क दुग्ध के कूपन वितरित किए. जिससे इनको सुबह-शाम 250ml दूध दिया जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के तहत ग्रामीण जनता को समस्या नहीं हो इसके लिए यह बीड़ा उठाया है. पहले उनकी टीम ने घर-घर जाकर सर्वे किया. सर्वे में यह बात सामने निकलकर आई कि इस गांव में किसान व मजदूर ज्यादा रहते हैं. इसके बाद 26 मार्च से राशन बांटने का काम किया. लेकिन कार्यकर्ताओं ने राशन बांटने के साथ उन परिवार के नन्हे-मुन्ने बच्चों को देखकर दूध वितरण की पहल की. जिस पर यहां दूध वितरण की शुरुआत की गई है. अब 300 परिवारों को सुबह-शाम दूध दिया जा रहा है.
राठौड़ ने कहा हमारा लक्ष्य इन छोटे बच्चों को राहत देना है क्योंकि मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है. साथ ही उन्होंने दवाई की भी व्यवस्था कर रखी है. जहां क्षेत्र में रहने वाले ब्लड प्रेशर व शुगर के मरीजों को भी व्हाट्सएप के जरिए पर्ची मंगवा कर शहर से दवाई मंगा कर इनको निःशुल्क दी जाती है.