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भीलवाड़ाः प्रवासियों ने जिले में बढ़ाया कोरोना का खतरा

कोरोना सक्रंमण की चेन को खत्म कर देश में मॉडल बने भीलवाड़ा में दूसरे प्रदेश से आए प्रवासियों ने फिर जिला प्रशासन को चिंता में डाल दिया है. बीती रात अचानक 27 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से जिला प्रशासन सकते में आ गया है. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा, कि अन्य प्रदेश में कोविड की जांच नेगेटिव होने के बाद ही प्रदेश में उन मजदूरों को लाना चाहिए.

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प्रवासियों ने जिले में बढ़ाया कोरोना का खतरा
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Published : May 18, 2020, 1:46 PM IST

भीलवाड़ा. प्रदेश में सबसे पहले कोरोना की शुरुआत भीलवाड़ा से हुई, जहां जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग की अथक मेहनत के कारण काफी हद तक कोरोना संक्रमण की चैन को कम करने के बेहतर प्रयास किए गए. इसी कारण देश में भीलवाड़ा मॉडल का नाम जिले में उभरकर सामने आया.

प्रवासियों ने जिले में बढ़ाया कोरोना का खतरा

जिले में रविवार देर रात को एक ही दिन में सर्वाधिक 27 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से हड़कंप मच गया. रविवार को पॉजिटिव मिले सभी मरीज महाराष्ट्र के मुंबई, मध्य प्रदेश के इंदौर, नीमच और प्रदेश के अजमेर और जयपुर जैसे शहरों से आए. इन 27 में से 23 संक्रमित भीलवाड़ा जिले के गंगापुर, सहाड़ा, रायपुर करेडा और मांडल क्षेत्र के रहने वाले है और चार पॉजिटिव भीलवाड़ा शहर के हैं.

ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा की राजमाता विजय राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज पहुंची, जहां के प्रिंसिपल डॉ. राजन नंदा ने कहा, कि भीलवाड़ा में कोरोना की संख्या अचानक बढ़ी है. उनका कहना है कि प्रवासी मजदूर जो दूसरे प्रदेश से आए हैं उनको होम क्वॉरेंटाइन में रखा हुआ है. इसकेस साथ ही संदिग्धों के सैंपल अचानक पॉजिटिव आने से यह संख्या बढ़ी है

पढ़ेंः लॉकडाउन 4.0 के लिए गहलोत सरकार आज जारी करेगी दिशा-निर्देश, पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मिल सकती है छूट

रविवार देर रात जो रिपोर्ट आई है, जिसमें 27 संदिग्धों की संख्या पॉजिटिव आई है. अब भीलवाड़ा जिले में यह संख्या बढ़कर 77 हो गई है. जिनमें से काफी लोग ठीक भी हो चुके हैं और 38 भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती है. अचानक 27 पॉजिटिव आने से हमें भी विश्वास नहीं हुआ जिसके बाद हमने सभी सैंपलो की दो से तीन बार जांच कर जिला प्रशासन को अवगत करवाया. डॉ. राजन का कहना है कि वह लोगों से यही अपील करना चाहते हैं कि लोग चोरी-छिपे नहीं आए.

भीलवाड़ा. प्रदेश में सबसे पहले कोरोना की शुरुआत भीलवाड़ा से हुई, जहां जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग की अथक मेहनत के कारण काफी हद तक कोरोना संक्रमण की चैन को कम करने के बेहतर प्रयास किए गए. इसी कारण देश में भीलवाड़ा मॉडल का नाम जिले में उभरकर सामने आया.

प्रवासियों ने जिले में बढ़ाया कोरोना का खतरा

जिले में रविवार देर रात को एक ही दिन में सर्वाधिक 27 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने से हड़कंप मच गया. रविवार को पॉजिटिव मिले सभी मरीज महाराष्ट्र के मुंबई, मध्य प्रदेश के इंदौर, नीमच और प्रदेश के अजमेर और जयपुर जैसे शहरों से आए. इन 27 में से 23 संक्रमित भीलवाड़ा जिले के गंगापुर, सहाड़ा, रायपुर करेडा और मांडल क्षेत्र के रहने वाले है और चार पॉजिटिव भीलवाड़ा शहर के हैं.

ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा की राजमाता विजय राजे सिंधिया मेडिकल कॉलेज पहुंची, जहां के प्रिंसिपल डॉ. राजन नंदा ने कहा, कि भीलवाड़ा में कोरोना की संख्या अचानक बढ़ी है. उनका कहना है कि प्रवासी मजदूर जो दूसरे प्रदेश से आए हैं उनको होम क्वॉरेंटाइन में रखा हुआ है. इसकेस साथ ही संदिग्धों के सैंपल अचानक पॉजिटिव आने से यह संख्या बढ़ी है

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रविवार देर रात जो रिपोर्ट आई है, जिसमें 27 संदिग्धों की संख्या पॉजिटिव आई है. अब भीलवाड़ा जिले में यह संख्या बढ़कर 77 हो गई है. जिनमें से काफी लोग ठीक भी हो चुके हैं और 38 भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती है. अचानक 27 पॉजिटिव आने से हमें भी विश्वास नहीं हुआ जिसके बाद हमने सभी सैंपलो की दो से तीन बार जांच कर जिला प्रशासन को अवगत करवाया. डॉ. राजन का कहना है कि वह लोगों से यही अपील करना चाहते हैं कि लोग चोरी-छिपे नहीं आए.

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