भीलवाड़ा. देश में कोरोना को लेकर सबसे पहले हॉट स्पॉट बने भीलवाड़ा जिले में लोगों को जागरूक करने के लिए एक चित्रकार ने कोरोना जागरूकता का अनूठा पोस्टर बनाया है. पोस्टर में कोरोना को महाभारत के युद्ध से जोड़ कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है. इस पोस्टर मे कोरोना को कौरवों की संज्ञा दी है.
देश में कोरोना को लेकर सबसे पहले हॉट स्पॉट बने भीलवाड़ा जिले में कोरोना संक्रमण की चेन को खत्म करने व भीलवाड़ा जिले वासियों को जागरूक करने के लिए प्रसिद्ध चित्रकार ने एक कोरोना गाइडलाइन पालना का अनूठा पोस्टर बनाया है. यह पोस्टर महाभारत से जोड़कर बनाया है, जिसमें कोरोना को कौरवों की संज्ञा दी है और पोस्टर में सरकार की गाइडलाइन की पूरी पालना के चित्र उकेरे गए हैं.
ईटीवी भारत की टीम प्रसिद्ध चित्रकार गोपाल दास वैष्णव के पास पहुंची. जहां यह कोरोना गाइडलाइन का पोस्टर देखकर वह भी दंग रह गई. इस दौरान प्रसिद्ध चित्रकार गोपाल दास वैष्णव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि वर्तमान काल में कोरोना से वैश्विक महामारी चल रही है. उस पर भी मैंने पेंटिंग बनाई है. मैने जीवन में कई समसामयिक विषयों पर भी पेंटिंग बनाई है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में यह बहुत गंभीर महामारी चल रही है. मैंने अपनी पेंटिंग में कोरोना मरीज को महाभारत के युद्ध से जोड़कर बनाया है. इसमें कोरोना को कौरवों का बुराई का प्रतीक बताया और जबकि पांडव जो सात्विक प्रवृत्ति के थे, उनके साथ कृष्ण जैसे महापुरुष थे. जहां प्रसिद्ध चित्रकार ने पोस्टर में कोरोना के एक-एक शब्द का उपयोग बताते हुए कहा कि जिस व्यक्ति में कोरोना के सिंबल पाए जाते हैं, उनसे कैसे लड़ सकते हैं. इससे बचाव के लिए सैनिटाइज, मास्क, ग्ल्वस पहनना जरूरी है.
पढ़ें- चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की तबीयत खराब, SMS हॉस्पिटल में हुए भर्ती
उन्होंने बताया कि जल्द ही वैक्सीन आने पर हमने कोरोना से मुक्ति के लिए तीर का इस्तेमाल किया है. जिस तरह तीर कमान से निकलने के बाद में अगला पराजित हो जाता है. उसी तरह वैक्सीन आने पर कोरोना से देश में मुक्ति मिल जाएगी. भगवान कृष्ण कोरोना मुक्ति के बांसुरी बजा रहे हैं व पांडवों के साथ संबल बनकर खड़े हैं और वह इस पोस्टर में बांसुरी बजा रहे हैं. द्रोपती ताली बजा रही है. इसी तरह पांडवों का एक भाई संखनाद करके इस कोरोना से जैसी लड़ाई की चैन को खत्म करने के लिए खड़ा है.
साथ ही बताया कि कोरोना मुक्ति के लिए महाभारत के रूप में पेंटिंग बनाई है, इसके पीछे हमारा उद्देश्य यह है कि हम जिस तरह महाभारत में सच्चाई की जीत हुई. उसी तरह अगर हम सरकार की गाइडलाइन की पालना करते हैं तो निश्चित रूप से इस बीमारी से हम निजात पा सकते हैं.
महाभारत की संज्ञा के सवाल पर चित्रकार ने कहा कि महाभारत में एक तरफ सच्चाई थी और एक तरफ बुराई थी. यहां कोरोना का प्रतीक बताया है, जो कौरवों का प्रतीक है, जिस तरह कौरवों ने पांडवों पर हमला किया था. उसी तरह यह कोरोना कमजोर व्यक्तियों के शरीर में पहुंचकर उनको अपनी चपेट में ले रहा है.