भीलवाड़ा. शहर के निजी रिसोर्ट में भारत-तिब्बत सहयोग मंच चित्तौड़ प्रांत की बैठक रखी गई. बैठक में इस संगठन के राष्ट्रीय सचिव रामकिशोर पहुंचे जहां संगठन की गतिविधियों और आने वाले दिनों के कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई.
इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत तिब्बत सहयोग मंच की स्थापना 1999 में गठन किया गया. इसके पीछे हमारा उद्देश्य है कि जो कैलाश मानसरोवर की यात्रा जहां भारतीयों को चीन में होकर जाना पड़ता है, वहां सरलीकरण किया जाए. चीन से कैलाश मानसरोवर मुक्त करवाया जाए. साथ ही तिब्बत की आजादी, भारत की सुरक्षा और चीनी सामानों का बहिष्कार करने पर विचार विमर्श किया गया.
पढ़ें: भीलवाड़ा शर्मसारः खेत में अकेला पाकर नाबालिग की दुष्कर्म के बाद हत्या
बैठक के बाद प्रेस से मुखातिब मुखातिब होते हुए रामकिशन ने कहा कि मंगलवार को संगठन की गतिविधियां और आने वाले दिनों की रूपरेखा बनाने के लिए बैठक का आयोजन किया गया. जहां हमारा मुख्य उद्देश्य है कि कैलाश मानसरोवर को चीन से मुक्त करवाना, तिब्बत की आजादी, भारत की सुरक्षा और चीनी सामानों का बहिष्कार पर विचार-विमर्श किया गया.
साथ ही मौके पर भारत-तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि हमारे संगठन की स्थापना 1999 में दलाई लामा की उपस्थिति में हुई. हम लगातार केंद्र सरकार और सभी संगठन के पदाधिकारियों को कैलाश मानसरोवर सहित भारत की सुरक्षा को लेकर विचार विमर्श कर रहे हैं.
अब देखना यह होगा क्या केंद्र सरकार जिस तरह जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाया उसी तरह कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने के लिए और भारत की सुरक्षा और तिब्बत की आजादी के लिए क्या प्रयास करती है.