भीलवाड़ा. दहेज की मांग को पूरा नहीं कर पाने पर ससुराल पक्ष के लोगों ने अपनी ही बहू को डायन बताकर बहू और 2 बच्चों को बंधक बना लिया. पीड़िता ने इसकी सूचना देवली थाना पुलिस को दी. जिस पर प्रशिक्षु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हंसराज बैरवा ने मौके पर जाकर महिला को घर का ताला तोड़कर मुक्त करवाया. वहीं थाने में मामला दर्ज नहीं होने के कारण पीड़िता ने बुधवार को जिला पुलिस अधीक्षक के सामने पहुंच कर न्याय की गुहार लगाई.
पीड़िता जहाजपुर थाना क्षेत्र के रामनगर की रहने वाली है. उसने बताया कि उसका विवाह 8 साल पहले टोंक जिले के देवली कस्बे में हुआ था. जिसके बाद से ही ससुराल पक्ष वाले दहेज की मांग को लेकर आए दिन मारपीट करते आ रहे हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने उसे पीहर से रुपये लाने की मांग की थी. जब उसने मना कर दिया तो उन्होंने उसे डायन बताकर प्रताड़ित करना शुरू कर दिया.
पीड़िता ने बताया कि ससुराल पक्ष के लोगों ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया. 2 दिन तक वह अपने बच्चों के साथ भूखे प्यासे उसी कमरे में बंद रही. जिसके बाद उसने 100 नंबर पर फोन करके पुलिस को सूचना दी. जिसके बाद मंगलवार सुबह प्रशिक्षु एएसपी हंसराज बैरवा और कांस्टेबल संदीप यादव ने तुरंत मौके पर पहुंचकर दरवाजे का ताला तोड़कर उसे मुक्त करवाया.
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पीड़िता के भाई ने बताया कि उसकी बहन के ससुर सीआरपीएफ में कार्य करते थे. इसलिए अच्छे इंसान समझ कर उन लोगों ने बहन का विवाह करवाया था. मगर उन्होंने कुछ दिन बाद ही रुपए की मांग करने शुरू कर दी. आज उसके दो बच्चे होने के कारण उसे डायन बताकर अपने घर में ही कैद कर लिया. इससे कि वह घुट-घुट कर मर जाए.
वहीं दूसरी ओर पीड़िता के अधिवक्ता पंकज पंचोली ने कहा कि जिस तरह से पीड़िता को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है, यह पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान उठाता है. हमें भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक प्रीती चंद्रा से उम्मीद है कि एक महिला होने के नाते वह इस महिला की बाद मुख्य रूप से उठाएंगी.