भीलवाड़ा. जिले में आसमान में बादल छाए रहने से दलहनी फसलों में कीटों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जहां सितंबर में पिछले 2 दिन से अच्छी बरसात होने के कारण फसलों में धीरे-धीरे पीलापन का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. इसके साथ ही इसके कारण कहीं जगह खलियानों से फसलें नष्ट हो गई है. जिले में मक्का के बाद सबसे ज्यादा दलहनी फसलों की बुवाई होती है. भीलवाड़ा कृषि विभाग के अनुसार 44000 हेक्टेयर भूमि में दलहनी फसलों की बुवाई हो रखी है.
ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा जिले के मांडल, शाहपुरा, कोटड़ी, गुलाबपुरा और हुरडा क्षेत्र की फसलों की स्थिति का जायजा लिया. जहां उड़द की फसल खलियानों से नष्ट हो गई है. कंवलियास के किसान महेंद्र ने कहा कि पहले तो कोरोना की वजह से हमें मजदूरी नहीं मिल रही है, वहीं अब इस बार फसल में पीलापन का प्रकोप बढ़ गया है. जिससे हमारी उम्मीद पर पानी फिर गया है. हमारे पूरे खेत से फसल नष्ट हो गई है.
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अब इस उड़द की फसल में बिल्कुल उपज नहीं होगी. हमने कर्जदारी लेकर 10 बीघा उड़द की फसल बोई है जो अभी नष्ट हो गई है. साथ ही कहा कि हम तो यह चाहते हैं कि सरकार हमारी कुछ कुछ मदद करें, जिससे हमें कुछ राहत मिल सके.