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स्पेशल: 10 साल बाद 'धरती पुत्रों' के चेहरे पर झलकी खुशियां, संवाददाता ने ग्राउंड जीरो से जाना किसानों की समस्या का सच

भीलवाड़ा जिले में इस बार सभी बांधों और तालाबों में मानसून की मेहरबानी अच्छी रहने से पर्याप्त मात्रा में पानी आया है. अब यह पानी रबी की फसल की बुवाई के लिए नहरों के जरिए छोड़ा जा रहा है.

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नहर से पानी मिलने पर किसानों की झलकी खुशी
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Published : Nov 27, 2019, 2:27 PM IST

भीलवाड़ा. जिले में रबी की फसल की बुवाई जोरों पर चल रही है. किसान अपने खलियानों को तैयार कर रबी की फसल की बुवाई के लिए नहरों के जरिए सिंचाई कर रहे हैं. जिले के आसींद विधानसभा क्षेत्र में स्थित खारी बांध में इस बार 10 साल बाद बांध में पानी आने से नहर के जरिए पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है.

नहर से पानी मिलने पर किसानों की झलकी खुशी...

भीलवाड़ा जिले में इस बार सभी बांधों और तालाबों में मानसून की मेहरबानी अच्छी रहने से पर्याप्त मात्रा में पानी आया है. जिससे यह पानी रबी की फसल की बुवाई के लिए नहरों के जरिए छोड़ा जा रहा है. किसान रबी की फसल की बुवाई में जुट गए हैं. रबी की फसल के रूप में गेहूं ,जौ, चना, तारामीरा और सरसों की बुवाई कर रहे हैं.

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जिले के सबसे बड़े बांध आसींद विधानसभा क्षेत्र में स्थित खारी बांध में 10 साल बाद नहर छोड़ने से किसानों के खलियान में पानी पहुंच रहा है. जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है. ईटीवी भारत में भीलवाड़ा जिले के आसींद विधानसभा क्षेत्र के खारी बांध की मुख्य नहर पर पहुंचकर धरातल की किसानों की खुशी की स्थिति का जायजा लिया. जहां किसानों ने ईटीवी भारत पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि 10 साल बाद हमारे क्षेत्र के इस बांध में पानी आया है, जिससे इस बार हमारे खलियान में रबी की फसल की अच्छी उपज होने की उम्मीद है.

भीलवाड़ा कृषि विभाग के उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जिले में रबी की फसल की बुवाई शुरू हो गई है. 45 हजार हेक्टेयर भूमि में चने की फसल की बुवाई हो चुकी है. वहीं 1 लाख 31हजार हेक्टेयर भूमि में गेहूं और जौ की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा है, जो पूरा कर लिया जाएगा.

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खारी बांध की मुख्य नहर क्षेत्र से ईटीवी भारत के साथ किसान दयाराम ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि 10 साल से हमारे इस बांध में पानी आया है, जहां इस बार नहर के जरिए पानी छोड़ा गया है. जिससे क्षेत्र में सिंचाई की जा रही है और रबी की फसल के रूप में हम गेहूं, जौ, चना और तारामीरा की फसल बो रहे हैं.

दयाराम ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो चुनाव से पहले नदी से नदी जोड़ने का वादा कर रहे थे, अगर उसको पूरा कर दे तो निश्चित रूप से यह बांध प्रतिवर्ष ओवरफ्लो हो सकता है. जिससे लगभग क्षेत्र के 100 गांवों के किसानों को रोजगार के लिए अन्य प्रदेश में नहीं जाना पड़ेगा.

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अब देखना यह होगा कि किसानों की समस्या को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार नदी से नदी जोड़ने की प्राथमिकता को पूरी करती है या नहीं. जिससे किसानों को रोजगार के लिए दूसरे राज्य में नहीं पलायन करना पड़े.

भीलवाड़ा. जिले में रबी की फसल की बुवाई जोरों पर चल रही है. किसान अपने खलियानों को तैयार कर रबी की फसल की बुवाई के लिए नहरों के जरिए सिंचाई कर रहे हैं. जिले के आसींद विधानसभा क्षेत्र में स्थित खारी बांध में इस बार 10 साल बाद बांध में पानी आने से नहर के जरिए पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है.

नहर से पानी मिलने पर किसानों की झलकी खुशी...

भीलवाड़ा जिले में इस बार सभी बांधों और तालाबों में मानसून की मेहरबानी अच्छी रहने से पर्याप्त मात्रा में पानी आया है. जिससे यह पानी रबी की फसल की बुवाई के लिए नहरों के जरिए छोड़ा जा रहा है. किसान रबी की फसल की बुवाई में जुट गए हैं. रबी की फसल के रूप में गेहूं ,जौ, चना, तारामीरा और सरसों की बुवाई कर रहे हैं.

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जिले के सबसे बड़े बांध आसींद विधानसभा क्षेत्र में स्थित खारी बांध में 10 साल बाद नहर छोड़ने से किसानों के खलियान में पानी पहुंच रहा है. जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है. ईटीवी भारत में भीलवाड़ा जिले के आसींद विधानसभा क्षेत्र के खारी बांध की मुख्य नहर पर पहुंचकर धरातल की किसानों की खुशी की स्थिति का जायजा लिया. जहां किसानों ने ईटीवी भारत पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि 10 साल बाद हमारे क्षेत्र के इस बांध में पानी आया है, जिससे इस बार हमारे खलियान में रबी की फसल की अच्छी उपज होने की उम्मीद है.

भीलवाड़ा कृषि विभाग के उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जिले में रबी की फसल की बुवाई शुरू हो गई है. 45 हजार हेक्टेयर भूमि में चने की फसल की बुवाई हो चुकी है. वहीं 1 लाख 31हजार हेक्टेयर भूमि में गेहूं और जौ की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा है, जो पूरा कर लिया जाएगा.

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खारी बांध की मुख्य नहर क्षेत्र से ईटीवी भारत के साथ किसान दयाराम ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि 10 साल से हमारे इस बांध में पानी आया है, जहां इस बार नहर के जरिए पानी छोड़ा गया है. जिससे क्षेत्र में सिंचाई की जा रही है और रबी की फसल के रूप में हम गेहूं, जौ, चना और तारामीरा की फसल बो रहे हैं.

दयाराम ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो चुनाव से पहले नदी से नदी जोड़ने का वादा कर रहे थे, अगर उसको पूरा कर दे तो निश्चित रूप से यह बांध प्रतिवर्ष ओवरफ्लो हो सकता है. जिससे लगभग क्षेत्र के 100 गांवों के किसानों को रोजगार के लिए अन्य प्रदेश में नहीं जाना पड़ेगा.

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अब देखना यह होगा कि किसानों की समस्या को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार नदी से नदी जोड़ने की प्राथमिकता को पूरी करती है या नहीं. जिससे किसानों को रोजगार के लिए दूसरे राज्य में नहीं पलायन करना पड़े.

Intro:भीलवाड़ा - भीलवाड़ा जिले में रबी की फसल की बुवाई जोरों पर चल रही है। जहां किसान अपने खलियान को तैयार कर रबी की फसल की बुवाई के लिए नहरों के जरिए सिंचाई कर रहे हैं ।जिले के आसींद विधानसभा क्षेत्र में स्थित खारी बांध में इस बार 10 साल बाद बांध में पानी आने से नहर के जरिये पानी छोड़ा जा रहा है । जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है।


Body:भीलवाड़ा जिले में इस बार सभी बांधों व तालाबों में मानसून की मेहरबानी अच्छी रहने से पर्याप्त मात्रा में पानी आया है। जिससे यह पानी रबी की फसल की बुवाई के लिए नेहरो के जरिए छोड़ा जा रहा है । जहां किसान रबी की फसल की बुवाई में जुट गए हैं। किसान रबी की फसल के रूप में गेहूं ,जौ, चना, तारामीरा व सरसों की बुवाई कर रहे हैं ।
जिले के सबसे बड़े बांध आसींद विधानसभा क्षेत्र में स्थित खारी बांध में 10 वर्ष बाद नहर छोड़ने से किसानों के खलियान में पानी पहुंच रहा है। जिससे किसान के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है । ईटीवी भारत में भीलवाड़ा जिले के आसींद विधानसभा क्षेत्र के खारी बांध की मुख्य नहर पर पहुंचकर धरातल की किसानों की खुशी की स्थिति का जायजा लिया । जहां किसानों ने ईटीवी भारत पर खुशी जाहिर करते हुऐ कहा कि 10 वर्ष बाद हमारे क्षेत्र के इस बांध में पानी आया है। जिससे इस बार हमारे खलियान में रबी की फसल की अच्छी उपज होने की उम्मीद है।

भीलवाड़ा कृषि विभाग के उपनिदेशक रामपाल खटीक ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जिले में रबी की फसल की बुवाई शुरू हो गई है 45 हजार हेक्टेयर भूमि में चने की फसल की बुवाई हो चुकी है । वहीं 1 लाख 31हजार हेक्टेयर भूमि में गेहूं व जौ की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा है जो पूरा कर लिया जाएगा।
बाइट- रामपाल खटीक
कृषि उपनिदेशक भीलवाड़ा

भीलवाड़ा जिले के आसींद विधानसभा क्षेत्र के खारी बांध की मुख्य नहर से ईटीवी भारत के साथ किसान दयाराम ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि 10 वर्ष से हमारे इस बांध में पानी आया है जहां इस बार नहर के जरिये पानी छोड़ा गया है। जिससे क्षेत्र में सिंचाई की जा रही है और रबी की फसल के रूप में हम गेहूं, जो, चना व तारामीरा की फसल बो रहे हैं। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो चुनाव से पहले नदी से नदी जोड़ने का वादा कर रहे थे अगर उसको पूरा कर दे तो निश्चित रूप से हमारा यह बांध प्रतिवर्ष ओवरफ्लो हो सकता है जिससे लगभग क्षेत्र के 100 गांवों के किसानों को रोजगार के लिए अन्य प्रदेश में नहीं जाना पड़ेगा।

अब देखना यह होगा कि किसान की समस्या को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार नदी से नदी जोड़ने की प्राथमिकता को पूरी करती है या नहीं जिससे किसानों को रोजगार के लिए दूसरे राज्य में नहीं पलायन करना पड़े।

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

वन टू वन- दयाराम
किसान खारी बांध आसींद


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