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भीलवाड़ाः रबी की अच्छी फसल के साथ आपदा की चिंता से मुक्त, किसान करवा रहे प्रधानमंत्री बीमा योजना से बीमा

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Published : Feb 11, 2020, 3:28 PM IST

भीलवाड़ा में इस बार किसानों को उनकी फसलों से काफी उम्मीदें है. ऐसे में किसी आपदा से किसानों की फसल खराब ना हो जाए, ऐसे में किसानों ने अपनी फसलों का प्रधानमंत्री बीमा योजना से बीमा करवाया है. जिससे कि अनहोनी होने पर मुआवजा उन्हें मिल सके.

रबी की फसल को लेकर किसानों की है उम्मीद है, Farmers in Bhilwara got crop insurance
किसानों ने फसल का कराया प्रधानमंत्री बीमा योजना से बीमा

भीलवाड़ा. कपड़ा नगरी भीलवाड़ा जिले में इस वर्ष रबी की फसल को लेकर किसानों को काफी उम्मीदें हैं. बरसात अच्छी होने के कारण किसानों के चेहरे पर अपनी फसलों को लहराता देखकर खुशी दिखाई दे रही है. इस बार जिले में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अधिक बुआई की गई है.

किसानों ने फसल का कराया प्रधानमंत्री बीमा योजना से बीमा

वहीं इस बुवाई के साथ किसानों को एक चिंता भी सता रही है कि कोई प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की फसलें खराब हो जाती है, तो उन्हें काफी नुकसान उठना होगा. जिसको लेकर किसानों ने अपनी फसलों का प्रधानमंत्री बीमा योजना से बीमा करवाया है. जिससे कि अनहोनी होने पर मुआवजा उन्हें मिल सके.

पढ़ें- Reality check: जयपुर की लो फ्लोर बसें 'चलो एप' से कितने हुई स्मार्ट, देखें रिपोर्ट

वहीं खेती करने वाले किसान चाहे रतनलाल हो या फिर कमला देवी उनका कहना है कि इस बार बारिश अच्छी होने के कारण खेतों में फसलें भी लहरा रही है. हमें उम्मीद है कि इस बार हमें अच्छी उपज मिल सकेगी, लेकिन हमें एक चिंता यह भी सता रही है कि अगर हमारी फसल खराब हो जाती है या फिर गल जाती है या फिर कोई प्राकृतिक आपदा के कारण नष्ट हो जाती है, तो हमें फसलों को लेकर काफी नुकसान होगा.

पढ़ें- भीलवाड़ा हादसा : सभी 9 मृतकों के शवों का आज होगा पोस्टमार्टम, CM ने ट्वीट कर व्यक्त की संवेदना

हमने यह फसल ऋण लेकर आई थी और कर्जदार भी हमारे माथे आ जाएंगे, लेकिन हम इस बात से निश्चित है कि फसलबीमा योजना से हमारी फसल का बीमा कराया है. अगर कोई फसल खराब हो जाती है, तो हमें उस फसल का मुआवजा बीमा के जरिए मिल पाएगी.

वहीं दूसरी ओर कृषि विभाग के उप निदेशक रामपाल खटीक ने कहा कि जिले में रबी की फसलें इस बार 2 लाख 93 हजार हेक्टर में बुआई की गई है. जिसमें गेहूं 1 लाख 47 हजार, जो 42 हजार, चना 66 हजार और सरसो 21 हजार हेक्टर में फसलें लगाई गई है. इस बार पिछले साल के मुकाबले सरसों की फसल का हेक्टर कम रहा है फसलों के लिए यूरिया हमने इस बार 40 हजार मेट्रिक टन मंगवाया था. जिसके कारण कहीं भी इसकी कमी नहीं रहे.

पढे़ं : SPECIAL : झुंझुनू में लहलहाने लगी काले गेहूं की फसल...रंग लाई किसानों की मेहनत

वहीं किसानों ने 5 फसलों का बीमा भी करवाया है. इस फसल बीमा योजना से किसान इस बात से निश्चित कह सकते हैं कि अगर प्राकृतिक आपदा द्वारा उनकी फसलें खराब हो जाती है तो उन्हें एक रिपोर्ट पेश करनी होगी. उसके बाद फसलों का सर्वे किया जाएगा और गत पश्चात उन किसानों को खराब हुई फसलों का मुआवजा मिल पाएगा. सोचने वाली बात यह है किसानों ने फसल बीमा योजना से बीमा तो करवा दिया लेकिन क्या किसानों को बीमा की रकम मिल पाती है या किसान यूं ही सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते रहे जाएंगे.

भीलवाड़ा. कपड़ा नगरी भीलवाड़ा जिले में इस वर्ष रबी की फसल को लेकर किसानों को काफी उम्मीदें हैं. बरसात अच्छी होने के कारण किसानों के चेहरे पर अपनी फसलों को लहराता देखकर खुशी दिखाई दे रही है. इस बार जिले में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अधिक बुआई की गई है.

किसानों ने फसल का कराया प्रधानमंत्री बीमा योजना से बीमा

वहीं इस बुवाई के साथ किसानों को एक चिंता भी सता रही है कि कोई प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की फसलें खराब हो जाती है, तो उन्हें काफी नुकसान उठना होगा. जिसको लेकर किसानों ने अपनी फसलों का प्रधानमंत्री बीमा योजना से बीमा करवाया है. जिससे कि अनहोनी होने पर मुआवजा उन्हें मिल सके.

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वहीं खेती करने वाले किसान चाहे रतनलाल हो या फिर कमला देवी उनका कहना है कि इस बार बारिश अच्छी होने के कारण खेतों में फसलें भी लहरा रही है. हमें उम्मीद है कि इस बार हमें अच्छी उपज मिल सकेगी, लेकिन हमें एक चिंता यह भी सता रही है कि अगर हमारी फसल खराब हो जाती है या फिर गल जाती है या फिर कोई प्राकृतिक आपदा के कारण नष्ट हो जाती है, तो हमें फसलों को लेकर काफी नुकसान होगा.

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हमने यह फसल ऋण लेकर आई थी और कर्जदार भी हमारे माथे आ जाएंगे, लेकिन हम इस बात से निश्चित है कि फसलबीमा योजना से हमारी फसल का बीमा कराया है. अगर कोई फसल खराब हो जाती है, तो हमें उस फसल का मुआवजा बीमा के जरिए मिल पाएगी.

वहीं दूसरी ओर कृषि विभाग के उप निदेशक रामपाल खटीक ने कहा कि जिले में रबी की फसलें इस बार 2 लाख 93 हजार हेक्टर में बुआई की गई है. जिसमें गेहूं 1 लाख 47 हजार, जो 42 हजार, चना 66 हजार और सरसो 21 हजार हेक्टर में फसलें लगाई गई है. इस बार पिछले साल के मुकाबले सरसों की फसल का हेक्टर कम रहा है फसलों के लिए यूरिया हमने इस बार 40 हजार मेट्रिक टन मंगवाया था. जिसके कारण कहीं भी इसकी कमी नहीं रहे.

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वहीं किसानों ने 5 फसलों का बीमा भी करवाया है. इस फसल बीमा योजना से किसान इस बात से निश्चित कह सकते हैं कि अगर प्राकृतिक आपदा द्वारा उनकी फसलें खराब हो जाती है तो उन्हें एक रिपोर्ट पेश करनी होगी. उसके बाद फसलों का सर्वे किया जाएगा और गत पश्चात उन किसानों को खराब हुई फसलों का मुआवजा मिल पाएगा. सोचने वाली बात यह है किसानों ने फसल बीमा योजना से बीमा तो करवा दिया लेकिन क्या किसानों को बीमा की रकम मिल पाती है या किसान यूं ही सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते रहे जाएंगे.

Intro:

भीलवाड़ा - कपड़ा नगरी भीलवाड़ा जिले में इस वर्ष रबी की फसल को लेकर किसानों को काफी उम्मीदें हैं बरसात अच्छी होने के कारण किसानों के चेहरे पर अपनी फसलों को लहराता देखकर खुशी दिखाई दे रही है। इस बार जिले में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अधिक बुआई की गई है । वहीं इस बुवाई के साथ किसानों को एक चिंता भी सता रही है कि यदि कोई प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की फसलें खराब हो जाती है तो उन्हें काफी नुकसान उठना होगा । जिसको लेकर किसानों ने अपनी फसलों का प्रधानमंत्री बीमा योजना से बीमा करवाया है जिससे कि अनहोनी होने पर मुआवजा उन्हें मिल सके ।





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वही खेती करने वाले किसान चाहे रतनलाल हो या फिर कमला देवी का कहना है कि इस बार बारिश अच्छी होने के कारण खेतों में फसलें भी लहरा रही है हमें उम्मीद है कि इस बार हमें अच्छी उपज मिल सकेगी परंतु हमें एक चिंता यह भी सता रही है कि अगर हमारी फसल खराब हो जाती है गल जाती है या फिर कोई प्राकृतिक आपदा के कारण नष्ट हो जाती है तो हमें फसलों को लेकर काफी नुकसान होगा हमने यह फसल ऋण लेकर आई थी और कर्जदार भी हमारे माथे आ जाएंगे । परंतु हम इस बात से निश्चित है कि फसलबीमा योजना से हमारी फसल का बीमा कराया है अगर कोई फसल खराब हो जाती है तो हमें उस फसल का मुआवजा बीमा के जरिए मिल पाएगी । वहीं दूसरी ओर कृषि विभाग के उप निदेशक रामपाल खटीक ने कहा कि जिले में रबी की फसलें इस बार 2 लाख 93 हजार हेक्टर में बुआई की गई है जिसमें गेहूं 1 लाख 47 हजार , जो 42 हजार , चना 66 हजार और सरसो 21 हजार हेक्टर में फसलें लगाई गई है। इस बार पिछले साल के मुकाबले सरसों की फसल का हेक्टर कम रहा है फसलों के लिए यूरिया हमने इस बार 40 हजार मेट्रिक टन मंगवाया था । जिसके कारण कहीं भी इसकी कमी नहीं रहे वहीं किसानों ने 5 फसलों का बीमा भी करवाया है इस फसल बीमा योजना से किसान इस बात से निश्चित रह सकते हैं कि अगर प्राकृतिक आपदा द्वारा उनकी फसलें खराब हो जाती है तो उन्हें एक रिपोर्ट पेश करनी होगी उसके बाद फसलों का सर्वे किया जाएगा व गत पश्चात उन किसानों को खराब हुई फसलों का मुआवजा मिल पाएगा ।



Conclusion:

सोचने वाली बात यह है किसानों ने फसल बीमा योजना से बीमा तो करवा दिया परंतु क्या किसानों को बीमा की रकम मिल पाती है या किसान यूं ही सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते रहे जाएंगे



बाइट - रतन लाल , किसान

कमला देवी


रामपाल खटीक , उपनिदेशक निदेशक, कृषि विभाग भीलवाड़ा
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