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Special : मिलिए खेती के 'अर्जुन' से...अनार के बाद अब सहजन से कमा रहे लाखों रुपये महीना

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Published : Apr 28, 2022, 8:13 PM IST

भीलवाड़ा के अर्जुन को खेती का 'अर्जुन' कहा जाए तो गलत नहीं होगा. पारंपरिक खेती में जूझने के बाद अर्जुन लाल शर्मा ने राजस्थान में पहले अनार की खेती के लिए हाथ आजमाए. प्रदेश में सबसे पहले अनार की खेती करने वाले अर्जुन लाल को राज्य से केंद्र तक सम्मानित किया गया. यही अर्जुन अब सहजन की खेती (Drumstick Farming in Bhilwara) करके हर साल लाखों रुपये कमा रहे हैं.

Farmer Arjun Lal Sharma Big Achievement
होनहार किसान अर्जुन लाल शर्मा

भीलवाड़ा. लगन और नई तकनीक का उपयोग करते हुए खेती की जाए तो यह घाटे का सौदा नहीं है. इसे सच साबित कर दिखाया है भीलवाड़ा के किसान अर्जुन लाल शर्मा ने. उन्होंने प्रदेश में सबसे पहले अनार का उत्पादन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाते हुए केंद्र सरकार से प्रकृति शील किसान का अवार्ड लिया. उसके बाद अब सहजन (मोरंगो) की फसल का उत्पादन करते हुए हर वर्ष लाखों रुपए कमा रहे हैं. अर्जुन लाल वर्तमान में 15 बीघा में फसल पैदा कर रहे हैं. अर्जुन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए खेती को लेकर किए गए प्रयोगों के बारे में बताया.

जिले के आसींद पंचायत समिति के कालियास ग्राम पंचायत क्षेत्र में रहने वाले अर्जुन लाल शर्मा ने प्रदेश में सबसे पहले अनार का उत्पादन किया था. उन्होंने ग्राफ्टेड हाइब्रिड अनार के पौधे तैयार कर पूरे प्रदेश में जगह-जगह बागवानी के रूप में अनार के बागान तैयार किए थे. जिसके कारण उनको दो बार जिला स्तर, एक बार प्रदेश स्तर व एक बार राष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित किया था. वर्तमान में किसान आवारा और जंगली जानवरों से परेशान होकर मोरंगो यानी (सहजन) की खेती की शुरुआत की है. वे 15 बीघा में सहजन की खेती कर प्रतिवर्ष लाखों रुपये मेहनताना कमा रहे हैं.

क्या कहते हैं किसान अर्जुन लाल शर्मा

अनार की खेती से शुरू किया सफरः ईटीवी भारत की टीम इस होनहार किसान के पास पहुंची. जहां किसान वर्तमान में पौधों की कटाई कर रहा था. किसान अर्जुन लाल शर्मा ने बातचीत करते हुए कहा कि मैंने सबसे पहले अनार की खेती करते हुए राजस्थान में शुरुआत की थी. उन्होंने बताया कि वे महाराष्ट्र गए थे. वहां अनार उत्पादन के बारे में पुरी जानकारी लेने के बाद वर्ष 2004 में 4.5 खलियान में अनार के पौधे लगाए. उसमें अच्छा उत्पादन हुआ फिर 25 बीघा में अनार के पौधे लगाए थे. अनार में अच्छा उत्पादन होने के कारण प्रदेश से कई राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी व होनहार किसान यहां बागान देखने आते थे.

अनार में अच्छा उत्पादन लेने के कारण अर्जुन को दो बार जिला स्तर, एक बार राज्य स्तर पर व एक बार (Farmer Arjun Lal Sharma Big Achievement) राष्ट्रीय स्तर पर प्रकृति शील कृषक सम्मान से सम्मानित किया था. अर्जुन ने नवाचार करते हुए अनार के छोटे-छोटे ग्राफ्टेड पौधे तैयार किए. साथ ही राजस्थान में कई जगह अनार के बगान विकसित किए थे.

पढ़ें : नींबू की फसल के तीन सीजन मृग, अंबे और हस्त बहार...वॉटर मैनेजमेंट से साल भर कर सकते हैं खेती

अब शुरू की है सहजन की खेतीः किसान अर्जुन लाल शर्मा ने बताया कि वर्तमान में जंगली जानवर व आवारा जानवरों के कारण अनार का उत्पादन लेने मे काफी समस्या हो रही है. ऐसे में मैंने सहजन (मोरगो) की खेती की शुरुआत की है. सहजन से दवाइयां बनती हैं. उन्होंने बताया कि 15 बीघा में सहजन की फसल बोई है. इसका अच्छा उत्पादन होता है. इसमें कीट का प्रकोप कम होता है, जिसके कारण वर्ष में एक बार दवाई छिड़कनी पड़ती है. इस फसल को न जंगली जानवर व आवारा पशु खाते हैं. एक बीघा में एक लाख रूपये का उत्पादन ले सकते हैं.

सहजन से बनता है कैप्सूलः किसान ने बताया कि सहजन की फसल से मोरंगो पाउडर बनता है. उस पाउडर से कैप्सूल बनता है, जिसमें कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होती है. जिससे 300 प्रकार के रोग को कंट्रोल करता है. सहजन की फली से सब्जी बनती है जो मानव स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में इन पौधों की कटाई कर दी है. दो माह में ही अच्छी फलियां वापस पौधे पर आ जाएंगी. उन्होंने किसानों से अपील की है कि मेहनत और लगन से फसल करें तो हर फसल में अच्छा उत्पादन कर सकते हैं.

भीलवाड़ा. लगन और नई तकनीक का उपयोग करते हुए खेती की जाए तो यह घाटे का सौदा नहीं है. इसे सच साबित कर दिखाया है भीलवाड़ा के किसान अर्जुन लाल शर्मा ने. उन्होंने प्रदेश में सबसे पहले अनार का उत्पादन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाते हुए केंद्र सरकार से प्रकृति शील किसान का अवार्ड लिया. उसके बाद अब सहजन (मोरंगो) की फसल का उत्पादन करते हुए हर वर्ष लाखों रुपए कमा रहे हैं. अर्जुन लाल वर्तमान में 15 बीघा में फसल पैदा कर रहे हैं. अर्जुन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए खेती को लेकर किए गए प्रयोगों के बारे में बताया.

जिले के आसींद पंचायत समिति के कालियास ग्राम पंचायत क्षेत्र में रहने वाले अर्जुन लाल शर्मा ने प्रदेश में सबसे पहले अनार का उत्पादन किया था. उन्होंने ग्राफ्टेड हाइब्रिड अनार के पौधे तैयार कर पूरे प्रदेश में जगह-जगह बागवानी के रूप में अनार के बागान तैयार किए थे. जिसके कारण उनको दो बार जिला स्तर, एक बार प्रदेश स्तर व एक बार राष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित किया था. वर्तमान में किसान आवारा और जंगली जानवरों से परेशान होकर मोरंगो यानी (सहजन) की खेती की शुरुआत की है. वे 15 बीघा में सहजन की खेती कर प्रतिवर्ष लाखों रुपये मेहनताना कमा रहे हैं.

क्या कहते हैं किसान अर्जुन लाल शर्मा

अनार की खेती से शुरू किया सफरः ईटीवी भारत की टीम इस होनहार किसान के पास पहुंची. जहां किसान वर्तमान में पौधों की कटाई कर रहा था. किसान अर्जुन लाल शर्मा ने बातचीत करते हुए कहा कि मैंने सबसे पहले अनार की खेती करते हुए राजस्थान में शुरुआत की थी. उन्होंने बताया कि वे महाराष्ट्र गए थे. वहां अनार उत्पादन के बारे में पुरी जानकारी लेने के बाद वर्ष 2004 में 4.5 खलियान में अनार के पौधे लगाए. उसमें अच्छा उत्पादन हुआ फिर 25 बीघा में अनार के पौधे लगाए थे. अनार में अच्छा उत्पादन होने के कारण प्रदेश से कई राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी व होनहार किसान यहां बागान देखने आते थे.

अनार में अच्छा उत्पादन लेने के कारण अर्जुन को दो बार जिला स्तर, एक बार राज्य स्तर पर व एक बार (Farmer Arjun Lal Sharma Big Achievement) राष्ट्रीय स्तर पर प्रकृति शील कृषक सम्मान से सम्मानित किया था. अर्जुन ने नवाचार करते हुए अनार के छोटे-छोटे ग्राफ्टेड पौधे तैयार किए. साथ ही राजस्थान में कई जगह अनार के बगान विकसित किए थे.

पढ़ें : नींबू की फसल के तीन सीजन मृग, अंबे और हस्त बहार...वॉटर मैनेजमेंट से साल भर कर सकते हैं खेती

अब शुरू की है सहजन की खेतीः किसान अर्जुन लाल शर्मा ने बताया कि वर्तमान में जंगली जानवर व आवारा जानवरों के कारण अनार का उत्पादन लेने मे काफी समस्या हो रही है. ऐसे में मैंने सहजन (मोरगो) की खेती की शुरुआत की है. सहजन से दवाइयां बनती हैं. उन्होंने बताया कि 15 बीघा में सहजन की फसल बोई है. इसका अच्छा उत्पादन होता है. इसमें कीट का प्रकोप कम होता है, जिसके कारण वर्ष में एक बार दवाई छिड़कनी पड़ती है. इस फसल को न जंगली जानवर व आवारा पशु खाते हैं. एक बीघा में एक लाख रूपये का उत्पादन ले सकते हैं.

सहजन से बनता है कैप्सूलः किसान ने बताया कि सहजन की फसल से मोरंगो पाउडर बनता है. उस पाउडर से कैप्सूल बनता है, जिसमें कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होती है. जिससे 300 प्रकार के रोग को कंट्रोल करता है. सहजन की फली से सब्जी बनती है जो मानव स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में इन पौधों की कटाई कर दी है. दो माह में ही अच्छी फलियां वापस पौधे पर आ जाएंगी. उन्होंने किसानों से अपील की है कि मेहनत और लगन से फसल करें तो हर फसल में अच्छा उत्पादन कर सकते हैं.

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