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चौथ माता का मेला आज से शुरू, सोने-चांदी से माता का किया विशेष श्रृंगार

भीलवाड़ा के रायला क्षेत्र में गुरुवार से चौथ माता मंदिर में दो दिवसीय मेले का आयोजन किया जा (Chauth Mata Mandir Mela) रहा है. माता का सोने का मुकुट, चांदी के छत्र सहित गहने, आभूषणों से श्रृंगार किया गया. माता के दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से आ रहे हैं.

chauth mata Mela in Bhilwara
चौथ माता का मेला
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Published : Sep 29, 2022, 5:22 PM IST

भीलवाड़ा. जिले के रायला क्षेत्र में प्रसिद्ध चौथ माता मंदिर में गुरुवार से दो दिवसीय विशेष मेले का आयोजन हो (Chauth Mata Mandir Mela) रहा है. जहां 4 किलो चांदी के छत्र से माता का विशेष श्रृंगार किया गया. वहीं, काफी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं.

मंदिर के पुजारी कैलाश गुर्जर ने बताया कि रविवार को घटस्थापना दोपहर 3:00 बजे की गई. मेले का आयोजन नवरात्रि के चौथे (chauth mata Mela in Bhilwara) दिन होता है. दो दिवसीय मेले में दूर-दूर से भक्त जन माता रानी के दर्शन के लिए आते हैं. चौथ माता के मंदिर में करवाचौथ के दिन भी सुहागिन महिलाएं भी पूजा-अर्चना करती हैं. 101 फीट पर चौथ माता के मंदिर में शिखर बना हुआ है. मंदिर का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और हर नवरात्रि को दानपात्र खोला जाता है.

पढ़ें. Karni Mata Fair in Alwar करणी माता मेला 26 सितंबर से, प्रशासन ने किए बड़े बदलाव

उन्होंने बताया कि इस बार 4 किलो चांदी की छत्र व सोने का मुकुट, आभूषणों से श्रृंगार किया (Chauth mata Mandir in Navratra) गया है. चौथ माता आचलिया परिवार की कुलदेवी मानी जाती है. नवरात्रि के 9 दिन माता जी के मेले जैसा आयोजन किया जाता है. हर रविवार को माता रानी के यहां भजन कीर्तन और सामूहिक भोज का आयोजन भी किया जाता है. नवरात्रि में चौथ माता के मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना, अनुष्ठान, यज्ञ, हवन आदि होते हैं.

पढ़ें. इस नवरात्रि राजस्थान में मां दुर्गा के इन प्रसिद्ध मंदिरों का करें दर्शन, म‍िलेगा मनोवांछित फल

माता रानी के दर्शन के लिए भक्तजन दूर-दूर से नवरात्रि में अपनी मनोकामना लेकर आते हैं. जोधपुर, उदयपुर, नीमच, मंदसौर, चित्तौड़, भीलवाड़ा, रतलाम, बेंगलुरु से भी भक्त दर्शन के लिए आते हैं. चौथ माता श्री मंदिर प्रांगण के सामने दर्शनार्थी के लिए गार्डन बनाया हुआ है. वहीं, नवरात्रि के चौथ को बैंड बाजों के साथ विशाल झंडा की शोभायात्रा निकाली जाती है. भीलवाड़ा जिले के 35 किलोमीटर दूर अजमेर-भीलवाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर स्थित रायला में सालों पुराना प्राचीन मंदिर स्थित है. मंदिर स्थापना के समय भक्त चौथ के बरवाड़ा से ज्योत लाए थे. श्रीचौथ मातेश्वरी व चामुंडा माता मंदिर प्रांगण में नवरात्रि को विशाल मेले का आयोजन किया जाता है.

भीलवाड़ा. जिले के रायला क्षेत्र में प्रसिद्ध चौथ माता मंदिर में गुरुवार से दो दिवसीय विशेष मेले का आयोजन हो (Chauth Mata Mandir Mela) रहा है. जहां 4 किलो चांदी के छत्र से माता का विशेष श्रृंगार किया गया. वहीं, काफी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं.

मंदिर के पुजारी कैलाश गुर्जर ने बताया कि रविवार को घटस्थापना दोपहर 3:00 बजे की गई. मेले का आयोजन नवरात्रि के चौथे (chauth mata Mela in Bhilwara) दिन होता है. दो दिवसीय मेले में दूर-दूर से भक्त जन माता रानी के दर्शन के लिए आते हैं. चौथ माता के मंदिर में करवाचौथ के दिन भी सुहागिन महिलाएं भी पूजा-अर्चना करती हैं. 101 फीट पर चौथ माता के मंदिर में शिखर बना हुआ है. मंदिर का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और हर नवरात्रि को दानपात्र खोला जाता है.

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उन्होंने बताया कि इस बार 4 किलो चांदी की छत्र व सोने का मुकुट, आभूषणों से श्रृंगार किया (Chauth mata Mandir in Navratra) गया है. चौथ माता आचलिया परिवार की कुलदेवी मानी जाती है. नवरात्रि के 9 दिन माता जी के मेले जैसा आयोजन किया जाता है. हर रविवार को माता रानी के यहां भजन कीर्तन और सामूहिक भोज का आयोजन भी किया जाता है. नवरात्रि में चौथ माता के मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना, अनुष्ठान, यज्ञ, हवन आदि होते हैं.

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माता रानी के दर्शन के लिए भक्तजन दूर-दूर से नवरात्रि में अपनी मनोकामना लेकर आते हैं. जोधपुर, उदयपुर, नीमच, मंदसौर, चित्तौड़, भीलवाड़ा, रतलाम, बेंगलुरु से भी भक्त दर्शन के लिए आते हैं. चौथ माता श्री मंदिर प्रांगण के सामने दर्शनार्थी के लिए गार्डन बनाया हुआ है. वहीं, नवरात्रि के चौथ को बैंड बाजों के साथ विशाल झंडा की शोभायात्रा निकाली जाती है. भीलवाड़ा जिले के 35 किलोमीटर दूर अजमेर-भीलवाड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर स्थित रायला में सालों पुराना प्राचीन मंदिर स्थित है. मंदिर स्थापना के समय भक्त चौथ के बरवाड़ा से ज्योत लाए थे. श्रीचौथ मातेश्वरी व चामुंडा माता मंदिर प्रांगण में नवरात्रि को विशाल मेले का आयोजन किया जाता है.

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