भीलवाड़ा. प्रदेश के जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्यमंत्री अर्जुन सिंह बामनिया एक दिवसीय दौरे पर भीलवाड़ा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत ने खास बात की. बातचीत के दौरान मंत्री बामनिया ने गहलोत सरकार की जमकर तारीफ की.
'भीलवाड़ा मॉडल बना उदारहण'
अर्जुन सिंह बामनिया के मुताबिक राजस्थान सरकार आम व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए बेहद चिंतित है. एक समय में भीलवाड़ा कोरोना का एपी सेंटर बन गया था. धीरे-धीरे करके यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी. लेकिन समय रहते जिले ने जिस तरह से संक्रमण पर काबू पाया. वह आज पूरे देश के लिए उदाहरण बन गया है. गहलोत सरकार की मेहनत और अथक प्रयासों का नतीजा ही है, कि आज भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा हर जगह हो रही है.
बामनिया ने कहा कि कोरोना को किस तरीके से हराया जाना चाहिए, लोगों को यह भीलवाड़ा से सीखना चाहिए. 'मुझे खुशी है कि राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की चिंता करते हैं और उनके द्वारा चालाए गए अभियानों का ही नतीजा है कि प्रदेश की कोरोना रिकवरी रेट अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है.'
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'लोग बने जागरूक'
जनजाति मंत्री ने कहा कि अब हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम खुद जागरूक बने और लोगों को भी कोरोना के खतरे के प्रति आगाह करें.
वहीं जिले में बजरी माफियाओं को लेकर मंत्री बामनिया ने कहा कि बजरी माफियाओं के लिए सरकार चिंतित है. लेकिन फिलहाल हमारी पहली प्राथमिकता कोरोना सें जीतना है. अगर समय रहते बजरी माफियाओं पर अकुंश नहीं लगाया जा सका, तो उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
'नई नियुक्तियों के नहीं मिले आदेश'
भीलवाड़ा में राजनीतिक नियुक्तियों के सवाल पर मंत्री बामनिया ने कहा कि यह हाइकमान का मामला है. अभी तक हमें राजनीतिक नियुक्तियों के लिए कोई भी निर्देश नहीं मिले हैं. जब ऊपर से आदेश मिल जाएंगे, उसके बाद ही इस विषय पर कोई निर्णय लिया जाएगा.
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कांग्रेस पार्टी में आपसी फूट के मुद्द पर बोलते हुए मंत्री बामनिया ने कहा कि सबकी अलग-अलग सोच होती है. सत्ता और संगठन आपस में मिलते हैं, तभी विकास का काम होता है. आज सत्ता और संगठन में तालमेल है, इसी वजह से कोरोना जैसी महामारी पर कंट्रोल पाया जा सका है. परिवार में छोटे-मोटे विवाद तो होते रहते हैं कांग्रेस में कुछ ऐसा ही है. लेकिन कांग्रेस के भीतर कोई आपसी मतभेद नहीं है.