भीलवाड़ा. जिले से कोरोना की चेन तोड़ने के लिए डॉक्टरों की मेहनत रंग लाई है. जहां भीलवाड़ा जिले में 26 कोरोना पॉजिटिव मरीज थे. जिनमें से 17 की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है. उनमें से 17 में से 9 की 3 फेजों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद शुक्रवार को महात्मा गांधी अस्पताल से सभी 9 मरीजों को 14 दिन घर में रहने की इजाजत दी.
साथ ही लोगों को जागरूक करने की शपथ दिलाते हुए हाथ पर मोहर लगाई और गुलाब का फूल देकर बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हुए डिस्चार्ज किया. भीलवाड़ा में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण की दिशा में पहला चरण पार कर लिया है. जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने शुक्रवार को नौ उन रोगियों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जो कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हो गए.
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तीसरे टेस्ट नगेटिव आने के बाद इन लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी गई है. बता दें कि इनका महात्मा गांधी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में उपचार चल रहा था. जिला कलेक्टर ने सभी को गुलाब का फूल भेंट कर अपने-अपने घर के लिए रवाना किया. उन्होंने आमजन से भी अपील की कि वह सोशल डिस्टेंस और स्वच्छता की आदतों का पालन करें. अपने और अपने परिवार को कोरोना से बचाने के सभी यथासंभव उपाय करें.
वहीं प्रशासन द्वारा लागू निषेधाज्ञा का पालन करते हुए अपने घरों में ही रहे. डिस्चार्ज किए गए सभी लोगों को 14 दिन के होम क्वारन्टाइन में रहने की हिदायत देते हुए उनके हाथों पर मोहर लगाई गई और घर में रहने और सोशल डिस्टेन्सिंग की शपथ भी दिलाई गई.
इस अवसर पर संक्रमण मुक्त इन लोगों ने मीडिया से बातचीत की और अपने अनुभव साझा किया. मेडिकल कालेज प्रिंसिपल डॉ. राजन नंदा, महात्मा गांधी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरूण गौड़ कोरोना संक्रमण के उपचार से जुड़े डॉक्टर्स और नर्सिंग कर्मी इस अवसर पर मौजूद रहे.
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वनवास से लौटने जैसा अनुभव
उपचार के बाद स्वस्थ हुए एक रोगी ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में उपचार लेना और वहां से स्वस्थ होकर लौटना किसी वनवास से घर लौटने जैसा है. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी अस्पताल में अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकाल के अनुसार उन्हें उपचार दिया गया और डाक्टरों की अथक मेहनत से वह इस महामारी से उबर कर घर लौट रहे हैं.
कलेक्टर ने बजाई तालियां
जिला कलक्टर ने कोरोना से लड़ने में अनवरत लगे हुए चिकित्सा विभाग के सभी डाक्टर, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कार्मिकों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि मानवता को बचाने की इस लड़ाई में दिन-रात लगकर चिकित्सकों ने फिर से सिद्ध कर दिया है कि धरती पर उन्हें भगवान यूं ही नहीं कहा जाता.
उन्होंने चिकित्सकों की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि भीलवाड़ा कोरोनावायरस की चेन ब्रेक करने की दिशा मे देशभर में एक मिसाल बना है. उन्होंने स्वयं तालियां बजाकर पूरी टीम का उत्साहवर्द्धन किया और टीम लीडर पीएमओ डॉ. अरुण गौड़ और मेडिकल कालेज प्रिंसिपल डॉं राजन नंदा को बधाई दी.
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ऐसे किया नियंत्राण
जिला कलक्टर ने कहा कि भीलवाड़ा ने पूरे विश्व के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है. यहां के चिकित्सा विभाग की टीम ने भीलवाड़ा में कोरोना के पहले रोगी का पता लगते ही गंभीरता से लेते हुए सभी आवश्यक चिकित्सकीय प्रबंध करके स्थिति को नियंत्रण में रखा. कभी भी स्थिति को नियंत्रण से बाहर नहीं होने दिया.