भीलवाड़ा. केंद्र सरकार ने 10 वर्ष से छोटे बच्चों में कोरोना का संक्रमण न फैले इसलिए ज्यादा से ज्यादा घरों में रहने की सलाह दी है. क्षेत्र के बच्चों को इस महामारी के संक्रमण से बचाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की ओर से घर-घर जाकर पोषाहार वितिरत किया जा रहा है. जिले में अब तक एक लाख 40 हजार बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं. यह प्रक्रिया कोरोना संक्रमण की चेन खत्म होने तक जारी रहेगी.
भीलवाड़ा महिला बाल विकास विभाग के उपनिदेशक नगेंद्र कुमार तोलंबिया ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि देश में कोरोना की स्थिति भयावह होती जा रही है. ऐसे में छोटे बच्चों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निदेशालय की ओर से पोषाहार वितरण की व्यवस्था में कुछ बदलाव किए गए हैं. इसके तहत जिले के अंदर संचालित 2217 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से घरों में जाकर बच्चों व गर्भवती धात्री महिलाओं को 2 किलो गेहूं और 1 किलो चने की दाल वितरित किए जा रहे हैं ताकि उन्हें भरपूर पोषाहार मिल सके और वे संक्रमण से बच सकें.
जिले के 1 लाख 40 हजार बच्चे व गर्भवती धात्री महिलाएं इससे लाभान्वित हो रही हैं। विगत 2 माह से यह प्रक्रिया चल रही है. जब तक कोरोना संक्रमण का प्रकोप खत्म नहीं हो जाता घर-घर जाकर पोषाहार वितरित किया जाएगा. वहीं हमारी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां डोर टू डोर सर्वे कर रहीं है. गर्भवती महिलाओं में कोरोना संक्रमण न फैले इसके लिए उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है.