भीलवाड़ा. पर्यावरण संरक्षण और पेड़ों के सहारे रहने वाली पक्षियों के जीवन को ध्यान में रखते हुए शहर के आम लोगों ने जापान की तर्ज पर अनूठा सघन वन तैयार किया है. कम जगह पर लगने वाले इस वन में करीब 51 प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं. ऐसे सघन वन राजस्थान में 26 और भीलवाड़ा में 9 जगहों पर तैयार किए गए हैं. सामाजिक संगठनों की देखरेख में जहां पर अब पौधे फल-फूल रहे हैं. भीलवाड़ा शहर के प्रतापनगर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में तैयार किया गया. इस सघन वन में 156 पौधे लगाए गए हैं. इन पौधों की देखरेख यहां पर सुबह की सैर करने आने वाले व्यक्ति और छात्र करते हैं.
विनोद मेलाना ने कहा कि हमने कम से कम जगह पर अधिक पौधे लगाने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया है. जहां पर पौधा लगाने के बाद खाद और उर्वरक की एक परत बिछाते हैं. उसमें लगने वाले पौधे को गौमूत्र के अंदर रखकर उसे निरोग बनाया जाता है. इसके साथ एक- एक फीट की दूरी पर अलग-अलग प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं.
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उनका कहना रहा कि इस सघन वन का मुख्य उद्देश्य यही है कि यह वन किसी इंसान के लिए नहीं है, बल्कि यह वन उन जंतुओं और पक्षियों के लिए है, जो प्रकृति पर निर्भर है. आज के समय में पेड़-पौधे कम होने के कारण जीव-जंतु धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहे हैं. इन्हीं जीव-जंतुओं को वापस जीवित करने के लिए हमने यह इस तरह के वन का निर्माण किया है. ताकि प्रकृति का जो चक्र है, वह हमेशा ऐसे ही चलता रहे. यहां सबसे विशेष बात यह है कि इस वन की देखरेख सुबह की सैर करने आने वाले लोग और संस्था करती है. जिसके वजह से यह पौधे फल-फूल रहे हैं.