भीलवाड़ा. जिले के शाहपुरा को अब नया जिला बनाने की मांग उठी है. ये मांग की है शाहपुरा विधानसभा (Demand to make Shahpura a new district) से भाजपा विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने. मेघवाल ने शाहपुरा को जिला बनाने की मांग को लेकर सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा है.
विधायक मेघवाल ने राजस्थान सरकार की उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष रामलुभाया को पत्र सौंप है. इसमें उन्होंने प्रदेश के प्रशासन तंत्र की नवरचना और पुनर्गठन की प्रक्रिया के तहत भीलवाड़ा जिले को विभाजित करते हुए शाहपुरा को नया जिला बनाने की मांग की है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि शाहपुरा को लगातार जिला बनाने की मांग उठती रही है. लेकिन इस पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है. जबकि नया जिला बनाने के लिए कई तथ्य और आवश्यकता है.
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विधायक ने पत्र में यह दिया तर्कः उन्होंने पत्र में लिखा है कि भीलवाड़ा राजस्थान के बड़े जिलों में शुमार है. ऐसे में इसका विभाजन (division of Bhilwara district) होना चाहिए. उन्होंने पत्र में तर्क दिया है कि प्रदेश के 33 जिलों में वर्ग किलोमीटर के अनुसार भीलवाड़ा 13वें स्थान पर है. विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से देखें तो 200 विधानसभा क्षेत्रों में से 11वें स्थान पर आता है. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भीलवाड़ा जिले की जनसंख्या 24,08,523 है, जो कि प्रदेश में 10वें स्थान पर है. पत्र में बताया है कि जिले में 16 उप तहसील, 16 तहसील, 14 पंचायत समितियां, 398 ग्राम पंचायत और 1809 राजस्व ग्राम हैं. इसे देखते हुए इसका विभाजन किया जाना आवश्यक है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि भीलवाड़ा राजस्थान के 11 बड़े शहरों में शामिल है. वहीं शाहपुरा भौगोलिक दृष्टि से जिले का सबसे बड़ा उपखंड क्षेत्र होने के साथ ही उपयुक्त नगर बताया है. आजादी के बाद देशी रियासतों के भारतीय संघ में सम्मिलित होने की प्रक्रिया में राजस्थान में शाहपुरा ने सबसे पहले समर्पण किया था. देश के क्रांतिकारी आंदोलन में बलिदान देने वाला बारहठ परिवार शाहपुरा का था.
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भौगोलिक दृष्टि से भी उपयुक्तः मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में विधायक मेघवाल ने कहा कि भीलवाड़ा का विभाजन कर जिला बनाने के लिए शाहपुरा भौगोलिक दृष्टि से भी उपयुक्त है. उन्होंने कहा कि शाहपुरा सभी ओर से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है. अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय की मुख्य पीठ शाहपुरा में है. क्षेत्र में 3 बड़े बांध (उम्मेद सागर, अरवड़, नाहर सागर) भी है, जो क्षेत्र में पानी की पूर्ति करने में सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि जिला बनने पर यहां विभिन्न कार्यालयों के निर्माण के लिए पर्याप्त मात्रा में भूमि भी उपलब्ध है.