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भीलवाड़ा: मालिकों ने कपड़ा फैक्ट्री बंद कर मजदूरों को निकाला बाहर, श्रमिकों ने किया विरोध प्रदर्शन - Workers fired in Bhilwara textile

लॉकडाउन की वजह से भीलवाड़ा की कपड़ा फैक्ट्री को हुए नुकसान का खामियाजा अब गरीब श्रमिकों को भुगतना पड़ रहा है. श्रमिकों को लॉकडाउन के बाद से तनख्वाह नहीं मिली है. वहीं अब फैक्ट्री मालिक श्रमिकों को फैक्ट्री के अंदर भी नहीं आने दे रहे हैं. श्रमिकों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान तय हुए 4 हजार रुपए की राशि भी अब तक नहीं दी है.

भीलवाड़ा कपड़ा फैक्ट्री बंद, Bhilwara textile factory closed
कपड़ा फैक्ट्री मालिकों ने श्रमिकों को निकाला बाहर
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Published : Jun 20, 2020, 2:56 PM IST

भीलवाड़ा. कोरोना कहर का खासा असर उद्योग नगरी भीलवाड़ा की कपड़ा इंडस्ट्री पर साफ दिख रहा है. लॉकडाउन के वक्त फैक्ट्री मालिक श्रमिकों को तनख्वाह नहीं दे पा रहे थे. जिसके बाद फैक्ट्री मालिकों और श्रमिकों के बीच तनख्वाह को लेकर वाद-विवाद बढ़ता ही जा रहा है. इसके चलते फैक्‍ट्री मालिक मजदूरों को पीछे के रास्ते से बाहर निकाल रहे हैं.

कपड़ा फैक्ट्री मालिकों ने श्रमिकों को निकाला बाहर

अनलॉक के बाद भी यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. ऐसा ही नजारा रिको फेज 3 में नजर आया जब फैक्‍ट्री मालिक ने श्रमिकों को काम से हटा दिया. जिसके बाद श्रमिकों ने फैक्‍ट्री के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया. बता दें की श्रमिक पिछले 11 सालों से इस फैक्‍ट्री में कार्य कर रहे थे. भीलवाड़ा की रिको फेज 3 में एक कंपनी में शनिवार सुबह जब श्रमिक काम करने पहुंचे तो उन्‍हें गेट से अंदर ही नहीं जाने दिया गया. जब उन्‍होंने फैक्‍ट्री मालिक से बात की तो उसने फैक्‍ट्री बंद करने की बात कहकर अपना पल्‍ला झाड़ लिया.

पढ़ेंः भरतपुर में आपसी विवाद में फायरिंग, 2 महिलाओं और 1 बच्चा घायल

श्रमिकों का कहना है कि वह पिछले 11 साल से यहां पर काम कर रहे थे. आज फैक्‍ट्री मालिक ने हमें पहले से कुछ भी नहीं बताया और अचानक से फैक्ट्री बंद कर दी. श्रमिकों का कहना है कि इन्‍होंने हमे कोरोना और लॉकडाउन के दौरान तय हुए 4 हजार रुपए की राशि भी अब तक नहीं दी है. श्रमिकों ने कहा कि हमने जब उनसे हिसाब की बात कही तो उन्‍होंने हिसाब करने से भी मना कर दिया है. इस वजह से अपना विरोध जता रहे हैं.

भीलवाड़ा. कोरोना कहर का खासा असर उद्योग नगरी भीलवाड़ा की कपड़ा इंडस्ट्री पर साफ दिख रहा है. लॉकडाउन के वक्त फैक्ट्री मालिक श्रमिकों को तनख्वाह नहीं दे पा रहे थे. जिसके बाद फैक्ट्री मालिकों और श्रमिकों के बीच तनख्वाह को लेकर वाद-विवाद बढ़ता ही जा रहा है. इसके चलते फैक्‍ट्री मालिक मजदूरों को पीछे के रास्ते से बाहर निकाल रहे हैं.

कपड़ा फैक्ट्री मालिकों ने श्रमिकों को निकाला बाहर

अनलॉक के बाद भी यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. ऐसा ही नजारा रिको फेज 3 में नजर आया जब फैक्‍ट्री मालिक ने श्रमिकों को काम से हटा दिया. जिसके बाद श्रमिकों ने फैक्‍ट्री के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया. बता दें की श्रमिक पिछले 11 सालों से इस फैक्‍ट्री में कार्य कर रहे थे. भीलवाड़ा की रिको फेज 3 में एक कंपनी में शनिवार सुबह जब श्रमिक काम करने पहुंचे तो उन्‍हें गेट से अंदर ही नहीं जाने दिया गया. जब उन्‍होंने फैक्‍ट्री मालिक से बात की तो उसने फैक्‍ट्री बंद करने की बात कहकर अपना पल्‍ला झाड़ लिया.

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श्रमिकों का कहना है कि वह पिछले 11 साल से यहां पर काम कर रहे थे. आज फैक्‍ट्री मालिक ने हमें पहले से कुछ भी नहीं बताया और अचानक से फैक्ट्री बंद कर दी. श्रमिकों का कहना है कि इन्‍होंने हमे कोरोना और लॉकडाउन के दौरान तय हुए 4 हजार रुपए की राशि भी अब तक नहीं दी है. श्रमिकों ने कहा कि हमने जब उनसे हिसाब की बात कही तो उन्‍होंने हिसाब करने से भी मना कर दिया है. इस वजह से अपना विरोध जता रहे हैं.

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