भीलवाड़ा. भीलवाड़ा कोऑपरेटिव बैंक घोटाला प्रकरण में ईडी ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. जिसके तहत बैंक घोटाले के मामले में आरोपियों की ईडी संपत्ति कुर्क करने का फैसला लिया गया है. इस फैसले के बाद बैंक खातेदारों में खुशी छाई है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्यवाई करते हुए भीलवाड़ा महिला अरबन कॉपरेटिव बैक (बीएमयूसीबी) से संबंधित 25.10 करोड़ रुपये के मामले में 9.97 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार, रवींद्र कुमार बोरदिया, कीर्ति बोरदिया, देव किशन आचार्य, महावीर चंद पारख, रोशन लाल संचेती और अन्य की चल और अचल संपत्ति कुर्क होगी. ये सभी राजस्थान के भीलवाड़ा निवासी हैं और धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 (पीएमएलए) के तहत इनकी संपत्ति कुर्क होगी. संपत्तियों में चार बैंक खाते शामिल हैं, जिनमें 4.39 लाख रुपये की बैलेंस राशि और 9.92 करोड़ रुपये की 262 अचल संपत्ति है, जिसमें भीलवाड़ा में स्थित 12 बीघा 2.5 बिस्वा कृषि भूमि, आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियां शामिल हैं.
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राजस्थान पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की गई थी और मामले में चार्जशीट दायर की गई थी. 19 मई 2016 को राजस्थान पुलिस के पास इस मामले में शिकायत दर्ज की गई थी. पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि उक्त लोगों ने भीलवाड़ा महिला अरबन कॉपरेटिव बैक (बीएमयूसीबी) के साथ 25.10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी. उधर, महिला बैक के खातेदारों को बोरदिया मंडली के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग जांच कार्यवाई होने को लेकर बैंक खातेदारों में खुशी की लहर दौड़ गई और उन्हें अपना पैसा आने की उम्मीद जगी. वहीं, बोरदिया मंडली व रिश्तेदारों में सन्नाटा छा गया.