भीलवाड़ा. राज्य सरकार द्वारा कोरोना महामारी को देखते हुए इस साल पटाखों पर बैन लगाया गया था. ऐसे में इस रोक के कारण भीलवाड़ा में ध्वनि प्रदूषण पिछले साल के मुकाबले इस साल कम नजर आया.
शहर में प्रदूषण को नापने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने शहर के 2 स्थानों आजाद आवासीय क्षेत्र और कुंभा सर्किल व्यवसाय क्षेत्र में जांच टीमें लगाई गई थी. पिछले वर्ष जहां ध्वनि प्रदूषण का आंकड़ा 75 प्रतिशत था, वहीं अब यह मात्र 60 से 70 प्रतिशत ही रह गया. इसमें आवासीय क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण में 19 प्रतिशत तो व्यवसायिक क्षेत्र में 3 से 4 प्रतिशत की कमी आई है.
मॉनिटरिंग करने वाले वैज्ञानिक महेश कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने जो पटाखों पर रोक लगाई, उसका आमजन ने सहयोग किया है. जिससे की इस बार ध्वनि प्रदूषण में कमी नजर आई है. वहीं शहर के कुंभा सर्किल व्यवसायिक क्षेत्र में जहां ध्वनि प्रदूषण पिछले साल 75 प्रतिशत था, वहीं इस वर्ष 71 प्रतिशत रहा. जबकि आजाद नगर आवासीय क्षेत्र में पिछले साल 85 प्रतिशत था, जो अब इस साल 66 प्रतिशत ही आया है.
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एक सवाल के जवाब में सिंह ने यह भी कहा कि ऐसा नहीं है कि इस साल शहर में पटाखे नहीं जले है. पटाखे जलाए गए है, लेकिन लोगों ने इस बार समझदारी दिखाते हुए कम पटाखें जलाएं है. जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम. नकाते ने बताया कि इस बार पटाखे ना जलाएं जाए, इसके लिए हमने टीमों का गठन किया था. जिसमें पटाखे बेचने वालों और पटाखे जलाने वालों पर कार्रवाई की.