भीलवाड़ा. अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 3 ने शनिवार को 9 साल पूर्व अवैध संबंध से जन्मी बच्ची को झाड़ियों में फेंकने के मामले में कोर्ट ने 19 गवाह और 10 दस्तावेज के आधार पर आरोपी युवक और युवती को दोषी मानते हुए दोनों को 5-5 साल की सजा सुनाई है.
लोक अभियोजक गोपाल गाडरी ने कहा कि 2 अगस्त 2012 को बागोर थाना क्षेत्र में खेत पर जाते समय ग्रामीण को झाड़ियों में नवजात बच्ची मिली थी. इस पर उसने पुलिस को सूचित किया और मौके पर पहुंची पुलिस ने थोर के कांटे सीने में लगे होने से बच्ची को पहले पीएचसी बागोर ले गई. जहां उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया.
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साथ ही पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू की जहां इस दौरान एक महिला का नाम सामने आया. पुलिस ने महिला का मेडिकल मुआयना करवाया और उससे पूछताछ के बाद उसके प्रेमी का ब्लड सैंपल लिया. जिसका डीएनए टेस्ट करवाया गया. डीएनए रिपोर्ट से महिला और युवक का नवजात कन्या के जैविक माता-पिता होने की पुष्टि हो गई.
पुलिस ने अनुसंधान में पाया कि महिला का युवक से प्रेस प्रसंग था और अवैध शारीरिक संबंध बनाए जाने के परिणाम स्वरूप महिला गर्भवती हो गई. जिसके बाद महिला ने अपने पिता के बाड़े में नवजात कन्या को जन्म देकर बदनामी के डर से उसे मारने की नियत से थोर के कांटो के बाड़े में फेंक दिया. वहीं, इस काम में नवजात बच्ची के जैविक पिता को भी दोषी पाया गया. क्योंकि वह लगातार युवती के साथ इस घटना में मिला हुआ था और महिला से इसे छुपाने के लिए भी कहता रहा.
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इस खुलासे के बाद बागोर पुलिस ने महिला के साथ ही उसके प्रेमी के खिलाफ नवजात को जन्म देने के बाद मारने की कोशिश करने के आरोप में दोषी पाया. वहीं, मामला दर्ज होने पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया. जहां शनिवार को कोर्ट ने 19 गवाह और 10 दस्तावेज के आधार पर दोनों आरोपियों को दोषी मानते हुए दोनों को 5-5 साल की सजा सुनाई.