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भीलवाड़ाः नवजात बच्ची को झाड़ियों में फेंकने का 9 साल पुराना मामला, आरोपियों को 5-5 साल की सजा

भीलवाड़ा में शनिवार को अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या तीन ने 9 साल पहले नवजात बच्ची को झाड़ियों में फेंकने के मामले में 19 गवाह और 10 दस्तावेजों के आधार पर आरोपी युवक और युवती को दोषी मानते हुए दोनों को 5 - 5 साल की सजा सुनाई.

bhilwara news , एडीजे कोर्ट ने सुनाई सजा, बच्ची को फेंकने का मामला
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Published : Oct 20, 2019, 2:45 AM IST

भीलवाड़ा. अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 3 ने शनिवार को 9 साल पूर्व अवैध संबंध से जन्मी बच्ची को झाड़ियों में फेंकने के मामले में कोर्ट ने 19 गवाह और 10 दस्तावेज के आधार पर आरोपी युवक और युवती को दोषी मानते हुए दोनों को 5-5 साल की सजा सुनाई है.

नवजात बच्ची को झाड़ियों में फेंकने के मामले में आरोपियोॆ को मिली सजा

लोक अभियोजक गोपाल गाडरी ने कहा कि 2 अगस्त 2012 को बागोर थाना क्षेत्र में खेत पर जाते समय ग्रामीण को झाड़ियों में नवजात बच्ची मिली थी. इस पर उसने पुलिस को सूचित किया और मौके पर पहुंची पुलिस ने थोर के कांटे सीने में लगे होने से बच्ची को पहले पीएचसी बागोर ले गई. जहां उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया.

पढ़ेंः भीलवाड़ा: गागेडा पंचायत के सरपंच का 'रिपोर्ट कार्ड'...मॉडल तालाब से लेकर पार्क तक सब चकाचक

साथ ही पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू की जहां इस दौरान एक महिला का नाम सामने आया. पुलिस ने महिला का मेडिकल मुआयना करवाया और उससे पूछताछ के बाद उसके प्रेमी का ब्लड सैंपल लिया. जिसका डीएनए टेस्ट करवाया गया. डीएनए रिपोर्ट से महिला और युवक का नवजात कन्या के जैविक माता-पिता होने की पुष्टि हो गई.

पुलिस ने अनुसंधान में पाया कि महिला का युवक से प्रेस प्रसंग था और अवैध शारीरिक संबंध बनाए जाने के परिणाम स्वरूप महिला गर्भवती हो गई. जिसके बाद महिला ने अपने पिता के बाड़े में नवजात कन्या को जन्म देकर बदनामी के डर से उसे मारने की नियत से थोर के कांटो के बाड़े में फेंक दिया. वहीं, इस काम में नवजात बच्ची के जैविक पिता को भी दोषी पाया गया. क्योंकि वह लगातार युवती के साथ इस घटना में मिला हुआ था और महिला से इसे छुपाने के लिए भी कहता रहा.

पढ़ेंः भीलवाड़ा : 21 अक्टूबर को प्रशासन पहुंचेगा पुर, लोगों की सुनी जाएगी समस्याएं

इस खुलासे के बाद बागोर पुलिस ने महिला के साथ ही उसके प्रेमी के खिलाफ नवजात को जन्म देने के बाद मारने की कोशिश करने के आरोप में दोषी पाया. वहीं, मामला दर्ज होने पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया. जहां शनिवार को कोर्ट ने 19 गवाह और 10 दस्तावेज के आधार पर दोनों आरोपियों को दोषी मानते हुए दोनों को 5-5 साल की सजा सुनाई.

भीलवाड़ा. अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 3 ने शनिवार को 9 साल पूर्व अवैध संबंध से जन्मी बच्ची को झाड़ियों में फेंकने के मामले में कोर्ट ने 19 गवाह और 10 दस्तावेज के आधार पर आरोपी युवक और युवती को दोषी मानते हुए दोनों को 5-5 साल की सजा सुनाई है.

नवजात बच्ची को झाड़ियों में फेंकने के मामले में आरोपियोॆ को मिली सजा

लोक अभियोजक गोपाल गाडरी ने कहा कि 2 अगस्त 2012 को बागोर थाना क्षेत्र में खेत पर जाते समय ग्रामीण को झाड़ियों में नवजात बच्ची मिली थी. इस पर उसने पुलिस को सूचित किया और मौके पर पहुंची पुलिस ने थोर के कांटे सीने में लगे होने से बच्ची को पहले पीएचसी बागोर ले गई. जहां उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया.

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साथ ही पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच-पड़ताल शुरू की जहां इस दौरान एक महिला का नाम सामने आया. पुलिस ने महिला का मेडिकल मुआयना करवाया और उससे पूछताछ के बाद उसके प्रेमी का ब्लड सैंपल लिया. जिसका डीएनए टेस्ट करवाया गया. डीएनए रिपोर्ट से महिला और युवक का नवजात कन्या के जैविक माता-पिता होने की पुष्टि हो गई.

पुलिस ने अनुसंधान में पाया कि महिला का युवक से प्रेस प्रसंग था और अवैध शारीरिक संबंध बनाए जाने के परिणाम स्वरूप महिला गर्भवती हो गई. जिसके बाद महिला ने अपने पिता के बाड़े में नवजात कन्या को जन्म देकर बदनामी के डर से उसे मारने की नियत से थोर के कांटो के बाड़े में फेंक दिया. वहीं, इस काम में नवजात बच्ची के जैविक पिता को भी दोषी पाया गया. क्योंकि वह लगातार युवती के साथ इस घटना में मिला हुआ था और महिला से इसे छुपाने के लिए भी कहता रहा.

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इस खुलासे के बाद बागोर पुलिस ने महिला के साथ ही उसके प्रेमी के खिलाफ नवजात को जन्म देने के बाद मारने की कोशिश करने के आरोप में दोषी पाया. वहीं, मामला दर्ज होने पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया. जहां शनिवार को कोर्ट ने 19 गवाह और 10 दस्तावेज के आधार पर दोनों आरोपियों को दोषी मानते हुए दोनों को 5-5 साल की सजा सुनाई.

Intro:( नोट - खबर में संशोधन करके दोबारा भेजा गया है )

भीलवाड़ा - भीलवाड़ा में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 3 ने शनिवार को 9 साल पूर्व नाजायज संबंध से जन्मी बच्ची को झाड़ियों में फेंकने के मामले में युवक और युवती को 5- 5 साल की सजा सुनाई है । बाबू थाना क्षेत्र के बागरियापूरा गांव में युवती ने 9 साल पहले बदनामी के डर से नवजात बालिकाओं को झाड़ियों में फेंक दिया था ।


Body:लोक अभियोजक गोपाल गाडरी ने कहा कि 2 अगस्त 2012 को बागोर थाना क्षेत्र के बागरिया गांव में खेत पर जाते समय ग्रामीण को झाड़ियों में बच्चे के रोने की आवाज सुनी इस पर उसने पुलिस को सूचित किया । सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची तो थोर के कांटे सीने में लगे होने से उसे पहले पीएचसी बागोर ले जाया गया । जहां उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया । उधर पुलिस ने मामला दर्ज करके महिला का प्रस्तुता मेडिकल मुआयना करवाया गया । पुलिस ने उससे पूछताछ के बाद बागरियापूरा निवासी नारायण लाल का ब्लड सैंपल लिया जिसका डीएनए टेस्ट करवाया गया। रिपोर्ट से महिला और नारायण लाल के डीएनए से नवजात कन्या के जैविक माता-पिता होने की पुष्टि हुई। पुलिस ने अनुसंधान में पाया कि महिला का नारायण लाल से प्रेस प्रसंग था । प्रेम प्रसंग के चलते अवैध शारीरिक संबंध बनाए । परिणाम स्वरूप महिला के गर्भ धारण करने क्व बाद महिला ने अपने पिता के बाडे में नवजात कन्या को जन्म देकर नाजायज संतान को समाज एवं बदनामी के डर से छिपाने के लिए मारने की नियत से थोर के कांटो की बाडे में फेंक दिया । नारायण लाल नवजात बच्ची का जैविक पिता था शारीरिक संबंधों की वजह से गर्भधारण के दौरान महिला ने बार-बार नारायण को जानकारी दी लेकिन नारायण द्वारा गर्भधारण के पश्चात बच्ची के जन्म लेने तक महिला को बच्चा जन्म लेने की दशा मैं उसे फेंकने और किसी को यह बात नहीं बताने के लिए उसे कहता था रहा । ऐसे में महिला ने बच्ची को जन्म देकर थोर के बादे में फेंक दिया। इस खुलासे के बाद बागोर पुलिस ने महिला के साथ ही उसके प्रेमी नारायण लाल के खिलाफ नवजात को जन्म देने के बाद मारने की नियत से थोर के बाड़े में फकने क्व आरोप में मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया पुलिस ने बच्ची को झाड़ियों से निकाल कर मामला दर्ज किया इस पर पुलिस ने दोनों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया । जहां आज कोर्ट ने 19 गवाह और 10 दस्तावेज के आधार पर दोनों आरोपियों को दोषी मानते हुए दोनों को 5 - 5 साल की सजा सुनाई ।


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