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भीलवाड़ा: रिश्वत मामले में 3 इंजीनियरों को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा

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Published : Dec 4, 2020, 5:24 PM IST

भीलवाड़ा नगर विकास न्यास के तीन इंजीनियरों को एसीबी कोर्ट ने 18 दिसंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का आदेश दिया है. आरोपियों को गुरुवार को बिलों को पास करने के एवज में 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए एसीबी ने ट्रैप किया था.

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भीलवाड़ा में रिश्वत का मामला

भीलवाड़ा. भीलवाड़ा नगर विकास न्यास के तीन इंजीनियरों को आज शुक्रवार को एसीबी की कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 18 दिसंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का आदेश दिया है. आरोपियों को गुरुवार को बिलों को पास करने के एवज में 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए एसीबी ने ट्रैप किया था. जयपुर और टोंक एसीबी की टीमों ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा था.

3 अधिशासी अभियंताओं को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा

टोंक एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय सिंह मीणा ने बताया कि 3 दिसंबर को यूआईटी अधीक्षण अभियंता रामेश्वर शर्मा को 50 हजार, सतीश शारदा और ब्रह्मा लाल शर्मा को 25-25 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. जिन्हें 4 दिसंबर को विशिष्ठ न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (एसीबी) कोर्ट में पेश किया गया.

पढ़ें: मौज-मस्ती और शराब पार्टी के लिए पेट्रोल पंप लूटने की रच रहे थे साजिश...पुलिस ने 6 को दबोचा

मीणा ने बताया कि सर्च के दौरान सतीश शारदा के मकान से 1 लाख रुपए नगद और बैंक खातों में 40 लाख रुपए बैलेंस पाया गया. इसके अलावा 6 मकानों के दस्तावेज भी सर्च के दौरान मिले. वहीं अन्य दो आरोपियों के यहां भी सर्च की रिपोर्ट अभी तक नहीं मिल पाई है. रिपोर्ट आने के बाद ही पता लग पाएगा कि वहां से क्या-क्या बरामद किया गया.

बता दें कि भीलवाड़ा की नगर विकास न्यास में लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थी. परिवादी ने एसीबी को अपनी शिकायत में बताया कि यूआईटी भीलवाड़ा में उसकी तरफ से करवाए गए विभिन्न निर्माण कार्यों के बिल पास करवाने की एवज में रिश्वत मांगी जा रही है. रिपोर्ट का जब एसीबी ने सत्यापन करवाया. जिसमें नगर विकास न्यास अधीक्षण अभियंता रामेश्वर शर्मा द्वारा परिवादी से 1 लाख 25 हजार रुपए प्राप्त कर 75 हजार रुपए बाद में देना तय हुआ.

इसके साथ ही अधिशाषी अभियंता सतीश शारदा और सहायक अभियंता ब्रह्मा लाल शर्मा ने भी 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग परिवादी से की. जिसमें दोनों को 25-25 हजार रुपए देने की बात तय हुई थी. गुरुवार को परिवादी रिश्वत की राशि 1 लाख रुपए लेकर अधीक्षण अभियंता रामेश्वर शर्मा के घर पहुंचा. जहां पर रामेश्वर शर्मा ने 50 हजार रुपए और सतीश शारदा, ब्रह्मा लाल शर्मा ने 25-25 हजार रुपए रिश्वत के लिए. जिसके बाद तीनों आरोपियों को एसीबी ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.

भीलवाड़ा. भीलवाड़ा नगर विकास न्यास के तीन इंजीनियरों को आज शुक्रवार को एसीबी की कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 18 दिसंबर तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का आदेश दिया है. आरोपियों को गुरुवार को बिलों को पास करने के एवज में 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए एसीबी ने ट्रैप किया था. जयपुर और टोंक एसीबी की टीमों ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा था.

3 अधिशासी अभियंताओं को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेजा

टोंक एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय सिंह मीणा ने बताया कि 3 दिसंबर को यूआईटी अधीक्षण अभियंता रामेश्वर शर्मा को 50 हजार, सतीश शारदा और ब्रह्मा लाल शर्मा को 25-25 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. जिन्हें 4 दिसंबर को विशिष्ठ न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (एसीबी) कोर्ट में पेश किया गया.

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मीणा ने बताया कि सर्च के दौरान सतीश शारदा के मकान से 1 लाख रुपए नगद और बैंक खातों में 40 लाख रुपए बैलेंस पाया गया. इसके अलावा 6 मकानों के दस्तावेज भी सर्च के दौरान मिले. वहीं अन्य दो आरोपियों के यहां भी सर्च की रिपोर्ट अभी तक नहीं मिल पाई है. रिपोर्ट आने के बाद ही पता लग पाएगा कि वहां से क्या-क्या बरामद किया गया.

बता दें कि भीलवाड़ा की नगर विकास न्यास में लगातार भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थी. परिवादी ने एसीबी को अपनी शिकायत में बताया कि यूआईटी भीलवाड़ा में उसकी तरफ से करवाए गए विभिन्न निर्माण कार्यों के बिल पास करवाने की एवज में रिश्वत मांगी जा रही है. रिपोर्ट का जब एसीबी ने सत्यापन करवाया. जिसमें नगर विकास न्यास अधीक्षण अभियंता रामेश्वर शर्मा द्वारा परिवादी से 1 लाख 25 हजार रुपए प्राप्त कर 75 हजार रुपए बाद में देना तय हुआ.

इसके साथ ही अधिशाषी अभियंता सतीश शारदा और सहायक अभियंता ब्रह्मा लाल शर्मा ने भी 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग परिवादी से की. जिसमें दोनों को 25-25 हजार रुपए देने की बात तय हुई थी. गुरुवार को परिवादी रिश्वत की राशि 1 लाख रुपए लेकर अधीक्षण अभियंता रामेश्वर शर्मा के घर पहुंचा. जहां पर रामेश्वर शर्मा ने 50 हजार रुपए और सतीश शारदा, ब्रह्मा लाल शर्मा ने 25-25 हजार रुपए रिश्वत के लिए. जिसके बाद तीनों आरोपियों को एसीबी ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.

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