भरतपुर. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए समय-समय पर लगाए जाने वाले लॉकडाउन (lockdown) की वजह से लोगों के घरों में खाने के लाले पड़ गए. सबसे ज्यादा मार रोज कुआं खोदकर पानी पीने वाले यानी दिहाड़ी मजदूरों को झेलनी पड़ी. ऐसे बेसहारा लोगों के लिए इस बार भी जिले की हनुमान रसोई (World Food Safety Day 2021) सहारा बनी है. 20 दिनों में एक लाख से अधिक लोगों को भोजन कराया जा चुका है।
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नगर निगम पार्षद और संकटमोचन संगठन के संरक्षक संजय शुक्ला ने बताया कि 18 मई से सबसे पहले शहर के हनुमान मंदिर पर हनुमान रसोई का शुभारंभ किया गया. इसके बाद 11 मंदिरों, फिर 21, 31 और अब 35 हनुमान मंदिरों (Hanuman Temples) पर नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. इतना ही नहीं शनिवार को एकादशी पर शहर के 56 हनुमान मंदिरों पर नि:शुल्क भोजन (free meal) उपलब्ध कराया गया. 18 मई से 4 जून तक करीब एक लाख से अधिक गरीब लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा चुका है.
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संगठन का मुख्य उद्देश्य रोगियों को औषधि और भूखे को भोजन उपलब्ध कराना है. ऐसे में हनुमान रसोई के माध्यम से सिर्फ गरीबों को भोजन ही नहीं कराया जा रहा, बल्कि उन्हें औषधीय भोजन भी कराया जा रहा है. जिससे लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर हो रहा है और बीमारियों व संक्रमण से सुरक्षा भी मिल रही है. औषधीय खिचड़ी व भोजन में संजीवनीवटी, शुभ्रा भष्म, त्रिकूट का चूर्ण आदि मिलाया जाता है.
सामाजिक सद्भाव का दे रहे संदेश
ये रसोई किसी जाति, धर्म विशेष के लोगों के लिए नहीं बल्कि सर्वधर्म और सभी जाति के लोगों के लिए संचालित की जा रही है. रसोई का भोजन शहर के 35 हनुमान मंदिरों के अलावा ईदगाह, आनंद नगर स्थित मस्जिद, बी नारायण गेट स्थित गुरुद्वारा और गोपालगढ़ स्थित चर्च के पास लोगों के लिए नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.
निगम की इंदिरा रसोई भी बनी मददगार
शहर में जरूरतमंद लोगों के लिए पांच इंदिरा रसोई (Indira Rasoi rajasthan) से भी मुफ्त भोजन की व्यवस्था की गई है. नगर निगम आयुक्त राजेश गोयल ने बताया कि शहर में 15 मई से जरूरतमंद लोगों को घरों पर ही भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. हर दिन करीब 500 लोगों को घरों पर ही भोजन पहुंचाया जा रहा है. साथ ही जो लोग इंदिरा रसोई पर ही आकर भोजन करना चाहते हैं, ऐसे लोगों के लिए 23 मई से सभी पांच रसोइयों पर सुविधा उपलब्ध कराई गई है. ऐसे में हर दिन करीब 1500 लोगों को भोजन कराया जा रहा है.