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जलभराव के संकट से जूझ रहे शहर की 58 कॉलोनियों के हजारों लोग, नगर निगम हर वर्ष करता है लाखों खर्च... फिर भी समस्या जस की तस

संभाग मुख्यालय भरतपुर की करीब 58 कॉलोनियों के हजारों लोग वर्षों से जलभराव के संकट से जूझ रहे हैं. बरसात के मौसम में यह 3 कॉलोनियां जलमग्न हो जाती हैं और यहां रहने वाले लोगों को महीनों तक समस्या का सामना करना पड़ता है.

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जलभराव के संकट
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Published : Oct 5, 2021, 9:00 PM IST

भरतपुर. नगर निगम हर वर्ष जल निकासी की समस्या से निजात दिलाने के लिए लाखों रुपए खर्च करता है, फिर भी समस्या जस की तस है. अब निगम इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए 275 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी कर रहा है.

इस क्षेत्र की कॉलोनियों में समस्या : शहर के बाहरी क्षेत्र में बसी कॉलोनियों में जलभराव की समस्या विकराल बनी हुई है. शहर के सर्कुलर रोड से बाहर की तरफ बसी हुई और बाहरी क्षेत्र की करीब 58 कॉलोनियां नगर निगम ने जल भराव क्षेत्र के रूप में चिह्नित की हैं. बरसात के मौसम में ये सभी कॉलोनियां जलमग्न हो जाती हैं और करीब नवम्बर-दिसंबर तक यहां के लोग जलभराव की समस्या से ग्रस्त रहते हैं.

क्या कहते हैं महापौर अभिजीत कुमार

मौसमी बीमारियों का खतरा : बरसात के मौसम से सर्दियों तक जलभराव की समस्या से ग्रस्त कॉलोनियों में मौसमी बीमारियां फैलने का खतरा भी बना रहता है. जलभराव के चलते मच्छर पनपते हैं और इन कॉलोनियों में मलेरिया, डेंगू आदि का खतरा मंडराता रहता है.

जलनिकासी पर हर वर्ष लाखों खर्च : शहर की 58 कॉलोनियों में से नगर निगम हर वर्ष बड़े-बड़े पंपसेट के माध्यम से जल निकासी का कार्य करता है. साथी नाली निर्माण आदि का कार्य करता है जिस पर हर वर्ष लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं. वर्ष 2021 की बात करें तो नगर निगम ने शहर की कॉलोनियों में से 37 लाख रुपए खर्च कर जल निकासी का कार्य कराया जा रहा है.

पढ़ें : सांवलिया जी मंदिर के भंडारे से अब तक 5 करोड़ राशि की गणना, चांदी का iPhone बना आकर्षण का केंद्र

275 करोड़ से करेंगे समाधान : नगर निगम महापौर अभिजीत कुमार ने बताया कि शहर में से जल निकासी की समस्या से निजात दिलाने के लिए एक बड़ी योजना तैयार की है, जिसमें शहर के ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त किया जाएगा. साथ ही निचले इलाकों में बसी हुई कॉलोनियों में से जल निकासी और नालियों की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए नगर निगम ने 275 करोड रुपए का प्लान तैयार किया है, जिसकी टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो गई है. जल्द ही इस योजना पर कार्य शुरू किया जाएगा.

भरतपुर. नगर निगम हर वर्ष जल निकासी की समस्या से निजात दिलाने के लिए लाखों रुपए खर्च करता है, फिर भी समस्या जस की तस है. अब निगम इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए 275 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी कर रहा है.

इस क्षेत्र की कॉलोनियों में समस्या : शहर के बाहरी क्षेत्र में बसी कॉलोनियों में जलभराव की समस्या विकराल बनी हुई है. शहर के सर्कुलर रोड से बाहर की तरफ बसी हुई और बाहरी क्षेत्र की करीब 58 कॉलोनियां नगर निगम ने जल भराव क्षेत्र के रूप में चिह्नित की हैं. बरसात के मौसम में ये सभी कॉलोनियां जलमग्न हो जाती हैं और करीब नवम्बर-दिसंबर तक यहां के लोग जलभराव की समस्या से ग्रस्त रहते हैं.

क्या कहते हैं महापौर अभिजीत कुमार

मौसमी बीमारियों का खतरा : बरसात के मौसम से सर्दियों तक जलभराव की समस्या से ग्रस्त कॉलोनियों में मौसमी बीमारियां फैलने का खतरा भी बना रहता है. जलभराव के चलते मच्छर पनपते हैं और इन कॉलोनियों में मलेरिया, डेंगू आदि का खतरा मंडराता रहता है.

जलनिकासी पर हर वर्ष लाखों खर्च : शहर की 58 कॉलोनियों में से नगर निगम हर वर्ष बड़े-बड़े पंपसेट के माध्यम से जल निकासी का कार्य करता है. साथी नाली निर्माण आदि का कार्य करता है जिस पर हर वर्ष लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं. वर्ष 2021 की बात करें तो नगर निगम ने शहर की कॉलोनियों में से 37 लाख रुपए खर्च कर जल निकासी का कार्य कराया जा रहा है.

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275 करोड़ से करेंगे समाधान : नगर निगम महापौर अभिजीत कुमार ने बताया कि शहर में से जल निकासी की समस्या से निजात दिलाने के लिए एक बड़ी योजना तैयार की है, जिसमें शहर के ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त किया जाएगा. साथ ही निचले इलाकों में बसी हुई कॉलोनियों में से जल निकासी और नालियों की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए नगर निगम ने 275 करोड रुपए का प्लान तैयार किया है, जिसकी टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो गई है. जल्द ही इस योजना पर कार्य शुरू किया जाएगा.

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