भरतपुर. कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लगे कर्फ्यू और लॉकडाउन से हर व्यापारी, मजदूर के काम धंधे चौपट हो चुके है. ऐसे में सभी अपनी जमा पूंजी को खर्च करने में लगे हुए है. लेकिन लोगों को अपने पैसे निकालने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन हम आपको एक सुविधा बताने जा रहे है जिससे आपको घर बैठे आपके पैसे मिल सकते है, वो भी चंद मिनटों में. वहीं चाहे आपका खाता किसी भी बैंक में हो लेकिन आपका खाता आपके आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए.
दरअसल ये AEPF (आधार इनेवल पैमेंट सिस्टम) सुविधा 01 सितंबर 2019 को शुरू की गई थी और इससे काफी बैंकों को जोड़ा गया था. लेकिन जैसे-जैसे लोगों को इस सिस्टम के बारे में पता लगा वैसे-वैसे इससे और भी प्राइवेट बैंकों को जोड़ा गया. वहीं इस सुविधा का सबसे ज्यादा ग्रामीण लोग फायदा उठा रहे है.
पढ़ेंः कोरोना वॉरियर्सः भरतपुर के डिप्टी कलेक्टर ने 60 हजार प्रवासी मजदूरों को पहुंचाया उनकी मंजिल तक
गौरतलब है कि जब ग्रामीणों के अकाउंट में जन धन खाते के तहत पैसा आया था तो भारतीय डाक विभाग की तरफ से गांव में कैम्प लगाकर पैसे बांटे गए थे. तब ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोगों को इसके बारे में पता लगा था. इसलिए ग्रामीणों ने लॉकडाउन और कर्फ्यू के समय में AEPF का सबसे ज्यादा फायदा उठाया.
AEPF की सुविधा लेने के लिए आपको आपके पास के कोई भी पोस्ट ऑफिस में फोन करना है और डाकिया आपको घर आकर पैसे दे जाएगा. इस सुविधा का उपयोग देश के किसी के भी कोने में किसी भी राज्य का व्यक्ति कर सकता है. चाहे उस व्यक्ति का अकाउंट किसी भी बैंक में हो. वहीं इसका कोई भी अन्य चार्ज नहीं लगता है. लेकिन एक बार में एक व्यक्ति 10 हजार रुपये तक ही निकाल सकता है और अगर किसी व्यक्ति का खाता पोस्टऑफिस में है तो वह कितनी भी राशि निकाल सकता है.
पढ़ेंः राज्यसभा चुनावः गुजरात कांग्रेस विधायकों की बाड़ाबंदी...राजस्थान बॉर्डर पहुंचे MLA
बता दें कि भारतीय डाक विभाग की ये सुविधा 01 सितंबर 2019 को शुरू की गई थी और 01 सितंबर से 01 मार्च तक 3986 लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया था. साथ ही करीब 87 लाख रुपये इस योजना के तहत निकाले गए है. लेकिन लॉकडाउन के दौरान 01 अप्रेल से 31 मई तक 23210 लोगों ने इस योजना का फायदा उठाया है. वहीं लगभग 04.50 करोड़ रुपये लोगों तक पहुंचाये गए है.