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भरतपुर में आवारा पशुओं का तांडव...अब तक कई राहगीर हो चुके जख्मी - आवारा गोवंश का तांडव

एक ओर जहां पूरा देश कोरोना महामारी से परेशान है, वहीं दूसरी ओर भरतपुर के लोग आवारा पशुओं से परेशान हैं. आए दिन शहर की सड़कों पर आवारा जानवर आपस में लड़ते रहते हैं, जिससे अब तक कई राहगीर जख्मी हो चुके हैं.

आवारा पशुओं से लोग परेशान, People upset by stray animals
आवारा पशुओं से लोग परेशान
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Published : Aug 12, 2020, 2:21 PM IST

भरतपुर. शहर में आवारा जानवरों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. आए दिन शहर की सड़कों पर आवारा जानवरों को आपस में लड़ते हुए देखा जा सकता है. इनके इस झगड़े में कई बार तो राहगीर भी आ जाते है, जो घायल तक हो जाते है.

आवारा पशुओं से लोग परेशान

इसके अलावा कई लोग अभी तक आवारा जानवरों के झगड़े की चपेट में आने से अपनी जान तक गवां चुके है. आवारा जानवरों के झगड़े में लोगों के वाहनों तक का नुकसान हो जाता है, लेकिन निगम की तरफ से इनसे निजात दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.

पढ़ेंः मेरे मन में सब के लिए मान-सम्मान है जिसने जो कहा वो अपनी जाने मैं ईगो नहीं रखता: सचिन पायलट

वहीं बुधवार को शहर के बिजली घर चौराहे की नगर निगम से महज 200 मीटर की दूरी पर दो आवारा सांडों ने जमकर उत्पात मचाया. सांडों के झगड़े में कई वाहन और राहगीर उनकी चपेट में आने से भी बच गए. दरअसल शहर के बिजली घर चौराहा भरतपुर के मुख्य चौराहों में से एक है.

जहां आवारा पशुओं का झुंड अकसर घूमता रहता है. जिसके कारण कभी भी आवारा पशु आपस में झगड़े को उतारू हो जाते है और उसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है. आवारा पशुओं के झगड़े में कोई घायल हो जाता है, तो किसी के वाहन का नुकसान हो जाता है.

आमजनता भी आवारा पशुओं से पूरी तरह त्रस्त हो चुकी है और नगर निगम का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. वहीं जब भी निगम के चुनाव होते है, तो उसके लिए निगम एजेंडे में आवारा पशुओं से निजात दिलाने की बात कही जाती है. लेकिन वो वायदे सिर्फ एजेंडे में ही सिमट कर रह जाते है. इसके अलावा निगम की तरफ से आवारा पशुओं के नाम पर मोटा बजट उठाया जाता है.

पढ़ेंः राजस्थान के रण में जीता हाईकमान, गहलोत ने बचाई कुर्सी!

वहीं जब निगम के मेयर से इस बारे में बात की तो उनका कहना है कि आवारा पशुओं से निजात के लिए इकरन में गोशाला का निर्माण करवाया गया है. गोशाला को फरवरी तक शुरू करना था, लेकिन कुछ काम अधूरा रहने के कारण गोशाला शुरू नहीं हो पाई. जिसके बाद कोरोना काल में काम पूर्ण रूप से बंद हो गया. अब फिर से काम शुरू करवाया गया है. फिलहाल आवारा गोवंश को पकड़वाया जा रहा है और उनको दूसरी गोशालाओं में शिफ्ट किया जा रहा है.

भरतपुर. शहर में आवारा जानवरों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. आए दिन शहर की सड़कों पर आवारा जानवरों को आपस में लड़ते हुए देखा जा सकता है. इनके इस झगड़े में कई बार तो राहगीर भी आ जाते है, जो घायल तक हो जाते है.

आवारा पशुओं से लोग परेशान

इसके अलावा कई लोग अभी तक आवारा जानवरों के झगड़े की चपेट में आने से अपनी जान तक गवां चुके है. आवारा जानवरों के झगड़े में लोगों के वाहनों तक का नुकसान हो जाता है, लेकिन निगम की तरफ से इनसे निजात दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.

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वहीं बुधवार को शहर के बिजली घर चौराहे की नगर निगम से महज 200 मीटर की दूरी पर दो आवारा सांडों ने जमकर उत्पात मचाया. सांडों के झगड़े में कई वाहन और राहगीर उनकी चपेट में आने से भी बच गए. दरअसल शहर के बिजली घर चौराहा भरतपुर के मुख्य चौराहों में से एक है.

जहां आवारा पशुओं का झुंड अकसर घूमता रहता है. जिसके कारण कभी भी आवारा पशु आपस में झगड़े को उतारू हो जाते है और उसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है. आवारा पशुओं के झगड़े में कोई घायल हो जाता है, तो किसी के वाहन का नुकसान हो जाता है.

आमजनता भी आवारा पशुओं से पूरी तरह त्रस्त हो चुकी है और नगर निगम का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. वहीं जब भी निगम के चुनाव होते है, तो उसके लिए निगम एजेंडे में आवारा पशुओं से निजात दिलाने की बात कही जाती है. लेकिन वो वायदे सिर्फ एजेंडे में ही सिमट कर रह जाते है. इसके अलावा निगम की तरफ से आवारा पशुओं के नाम पर मोटा बजट उठाया जाता है.

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वहीं जब निगम के मेयर से इस बारे में बात की तो उनका कहना है कि आवारा पशुओं से निजात के लिए इकरन में गोशाला का निर्माण करवाया गया है. गोशाला को फरवरी तक शुरू करना था, लेकिन कुछ काम अधूरा रहने के कारण गोशाला शुरू नहीं हो पाई. जिसके बाद कोरोना काल में काम पूर्ण रूप से बंद हो गया. अब फिर से काम शुरू करवाया गया है. फिलहाल आवारा गोवंश को पकड़वाया जा रहा है और उनको दूसरी गोशालाओं में शिफ्ट किया जा रहा है.

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