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नाबालिग के साथ कुकर्म का मामला: पीड़ित की मां ने PM मोदी को पत्र लिखकर की सुरक्षा की मांग, कहा- राजस्थान छोड़कर जाना चाहती हूं - भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो

भरतपुर में नाबालिग बच्चे से सामूहिक यौन दुराचार के मामले में कुकर्म पीड़ित बच्चे की मां ने देश के प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री से सुरक्षा की मांग करते हुए कहा कि वह राजस्थान में सुरक्षित नहीं है. जानें क्या है पूरा मामला...

भरतपुर, नाबालिग साथ कुकर्म का मामला
Mathura Gate Police Station
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Published : Nov 1, 2021, 10:49 AM IST

Updated : Nov 1, 2021, 12:01 PM IST

भरतपुर. बहुचर्चित नाबालिक बच्चे के साथ कुकर्म मामले में सोमवार (Monday) सुबह एक नया मोड़ आ गया है. कुकर्म पीड़ित बच्चे की मां ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर सुरक्षा की मांग की है. साथ ही पत्र में मथुरा गेट (Mathura Gate) थाना प्रभारी रामनाथ पर धमकाने और झूठा मामला दर्ज करने का आरोप भी लगाया है. साथ ही पीड़िता अपने बच्चों के साथ राजस्थान छोड़कर किसी सुरक्षित स्थान पर जाना चाहती है.

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परिजनों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज

पीड़ित बच्चे की मां ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र भेजकर लिखा है कि बच्चे के साथ हुए कुकर्म मामले में मथुरा गेट थाना प्रभारी रामनाथ की ओर से उन्हें धमकाया गया है. साथ ही परिजनों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया है. उसके बाद पीड़िता की ओर से बच्चे के साथ हुए कुकर्म की रिपोर्ट दर्ज की गई है.

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एडिशनल एसपी के नाम को एफआईआर से हटाया

पीड़िता ने पत्र में लिखा है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एडिशनल एसपी परमेश्वर लाल का शिकायत में नाम दिया गया था. इसके बावजूद एफआईआर में उनका नाम नहीं लिखा गया है. पुलिस की ओर से आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही पीड़िता ने लिखा कि वह राजस्थान (Rajasthan) छोड़कर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर जाना चाहती है. पीड़िता ने पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई और पूरे परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है.

यह भी पढ़ें - बाड़मेर के लोगों की बुझेगी प्यास, पेयजल योजना के लिए 13 करोड़ रुपए स्वीकृत

कब-क्या हुआ, पूरा घटनाक्रम

28 अक्टूबर को शाम 4 बजे जज जितेंद्र बच्चे को घर छोड़ने आया. उस दौरान पीड़ित की मां ने जज को बच्चे के साथ गलत हरकत करते देख लिया. मां के सामने बच्चे ने यौन दुराचार के सिलसिले की बात बताई. 29 अक्टूबर को पीड़ित की मां ने बच्चे को खेलने के लिए नहीं भेजा, जिस पर जज जितेंद्र गुलिया, अंशुल सोनी, राहुल कटारा, एसीबी सीओ पीएल यादव और पुलिस कर्मी पीड़ित बच्चे के घर आए और बच्चे को जज साहब के घर भेजने का दबाव डालने लगे. नहीं भेजने पर जेल में सड़वाने की धमकी दी. 29 अक्टूबर की रात को जज जितेंद्र का पीड़ित की मां के पास फोन पहुंचा और पीड़ित की मां को धमकाने की कोशिश की. पीड़ित की मां ने जब बताया कि बच्चे ने पूरी घटना उसे बता दी है, तो जज ने फोन काट दिया. 30 अक्टूबर को दोपहर 11.55 बजे जज जितेंद्र, राहुल कटारा और अंशुल सोनी घर आए और बच्चे के साथ किए कुकर्म के लिए माफी मांगी.

भरतपुर. बहुचर्चित नाबालिक बच्चे के साथ कुकर्म मामले में सोमवार (Monday) सुबह एक नया मोड़ आ गया है. कुकर्म पीड़ित बच्चे की मां ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर सुरक्षा की मांग की है. साथ ही पत्र में मथुरा गेट (Mathura Gate) थाना प्रभारी रामनाथ पर धमकाने और झूठा मामला दर्ज करने का आरोप भी लगाया है. साथ ही पीड़िता अपने बच्चों के साथ राजस्थान छोड़कर किसी सुरक्षित स्थान पर जाना चाहती है.

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परिजनों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज

पीड़ित बच्चे की मां ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को पत्र भेजकर लिखा है कि बच्चे के साथ हुए कुकर्म मामले में मथुरा गेट थाना प्रभारी रामनाथ की ओर से उन्हें धमकाया गया है. साथ ही परिजनों के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया है. उसके बाद पीड़िता की ओर से बच्चे के साथ हुए कुकर्म की रिपोर्ट दर्ज की गई है.

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एडिशनल एसपी के नाम को एफआईआर से हटाया

पीड़िता ने पत्र में लिखा है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के एडिशनल एसपी परमेश्वर लाल का शिकायत में नाम दिया गया था. इसके बावजूद एफआईआर में उनका नाम नहीं लिखा गया है. पुलिस की ओर से आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही पीड़िता ने लिखा कि वह राजस्थान (Rajasthan) छोड़कर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर जाना चाहती है. पीड़िता ने पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई और पूरे परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है.

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कब-क्या हुआ, पूरा घटनाक्रम

28 अक्टूबर को शाम 4 बजे जज जितेंद्र बच्चे को घर छोड़ने आया. उस दौरान पीड़ित की मां ने जज को बच्चे के साथ गलत हरकत करते देख लिया. मां के सामने बच्चे ने यौन दुराचार के सिलसिले की बात बताई. 29 अक्टूबर को पीड़ित की मां ने बच्चे को खेलने के लिए नहीं भेजा, जिस पर जज जितेंद्र गुलिया, अंशुल सोनी, राहुल कटारा, एसीबी सीओ पीएल यादव और पुलिस कर्मी पीड़ित बच्चे के घर आए और बच्चे को जज साहब के घर भेजने का दबाव डालने लगे. नहीं भेजने पर जेल में सड़वाने की धमकी दी. 29 अक्टूबर की रात को जज जितेंद्र का पीड़ित की मां के पास फोन पहुंचा और पीड़ित की मां को धमकाने की कोशिश की. पीड़ित की मां ने जब बताया कि बच्चे ने पूरी घटना उसे बता दी है, तो जज ने फोन काट दिया. 30 अक्टूबर को दोपहर 11.55 बजे जज जितेंद्र, राहुल कटारा और अंशुल सोनी घर आए और बच्चे के साथ किए कुकर्म के लिए माफी मांगी.

Last Updated : Nov 1, 2021, 12:01 PM IST
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