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Politics on ERCP: शेखावत नहीं चाहते ईआरसीपी का श्रेय वसुंधरा और पूनिया को मिले, इसलिए डाल रहे रोड़ा- सुभाष गर्ग

ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना को लेकर राजनीति तेज होती जा रही है. अब राज्यमंत्री सुभाष गर्ग ने योजना को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (subhash Garg target gajendra singh shekhawat on Ercp) पर निशाना साधा है. उन्होंने यह भी कहा है कि शेखावत इसलिए योजना में रोड़ा अटका रहे हैं क्योंकि कहीं ईआरसीपी का श्रेय पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को न मिल जाए.

Rajasthan state minister subhash Garg on ercp
ईआरसीपी पर बोले सुभाष गर्ग
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Published : Jul 13, 2022, 5:50 PM IST

Updated : Jul 13, 2022, 5:55 PM IST

भरतपुर. ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना (ERCP) को लेकर बुधवार को राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने गजेंद्र सिंह शेखावत (subhash Garg target gajendra singh shekhawat on Ercp) और भाजपा पर निशाना साधते हुए प्रहार किया. उन्होंने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत ईआरसीपी को इसलिए स्वीकृति नहीं मिलने दे रहे क्योंकि अगर योजना को स्वीकृति मिल जाएगी तो इसका श्रेय वसुंधरा राजे और सतीश पूनिया को मिल जाएगा. शेखावत इसका श्रेय किसी भी हाल में दोनों नेताओं को नहीं मिलने देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा में मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई चल रही है. उन्होंने कहा कि अब ईडी जैसी एजेंसियां पॉलिटिकल इंस्ट्रुमेंट बन गई हैं और उनका खतरा हमेशा मंडराता रहता है.

राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने (Rajasthan state minister subhash Garg on ercp) कहा कि भाजपा ईआरसीपी को लेकर राजनीति कर रही है. ये बड़ा अफसोसजनक है कि एक भी बार जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस योजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने के लिए प्रधानमंत्री से नहीं मिले हैं. डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि इस परियोजना से 13 जिलों की करीब 2 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. नए उद्योग लगाए जा सकेंगे.

ईआरसीपी पर बोले सुभाष गर्ग

पढ़ें. AAP plan for ERCP : 'आप' खोज रही ईआरसीपी से जुड़े 13 जिलों में अपना सियासी भविष्य, ग्रामीणों से भरवाया जाएगा सपोर्ट लेटर, पीएम को सौपेंगे..

मंत्री गर्ग ने कहा कि ये लोग आरोप लगाते हैं कि डीपीआर सही तैयार नहीं की गई है. जबकि हकीकत में जिस व्यक्ति ने इस परियोजना की डीपीआर तैयार की है वह व्यक्ति इन्हीं के मंत्रालय में सलाहकार के पद पर कार्यरत है. उसमें भाजपा गलत प्रचार कर रही है कि मध्यप्रदेश से एनओसी नहीं मिलेगी जबकि नियमों में स्पष्ट लिखा हुआ है कि जिस प्रदेश का कैचमेंट एरिया 90% है उसे एनओसी की जरूरत ही नहीं है. दूसरी तरफ लेटर जारी करवा दिया गया कि इस परियोजना पर राजस्थान सरकार काम न करे जबकि मुख्यमंत्री गहलोत इस परियोजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत कर चुके हैं फिर भी उस पर रोक लगवा रहे हैं.

क्या शेखावत को जल संसाधन मंत्री रहने का हक है ?
गर्ग बोले कि शेखावत ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस परियोजना को लेकर एक शब्द नहीं बोला, ऐसा हुआ होता तो पद से इस्तीफा दे देंग लेकिन वीडियो क्लिपिंग सामने आने के बावजूद वह इस बारे में कुछ नहीं बोल रहे. गजेंद्र सिंह शेखावत ने अब तक इस्तीफा नहीं दिया है. डॉ. सुभाष गर्ग ने केंद्र सरकार को आगाह करते हुए कहा कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की जनता आंदोलन करेगी. इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस, सहयोगी दल समेत तमाम किसान यूनियन एकजुट हैं. 24 जुलाई को भरतपुर में विशाल सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि पूरे देश में 16 राष्ट्रीय जल परियोजनाएं संचालित हैंं लेकिन उनमें से एक भी राजस्थान की नहीं है. ऐसे में क्या गजेंद्र सिंह शेखावत को जल संसाधन मंत्री रहने का हक है?

पढ़ें. Shekhawat Target Gehlot: 'राज्य सरकार राजनीतिक लाभ के लिए 13 जिलों के प्यासे लोगों के साथ खिलवाड़ कर रही'

यदि गजेंद्र सिंह शेखावत एक बार भी जाकर प्रधानमंत्री से मिलते और ईआरसीएपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने का प्रयास करते तो जरुर ऐसा हो जाता लेकिन हकीकत ये है कि शेखावत ईआरसीपी को राष्ट्रीय दर्जा दिलाना ही नहीं चाहते हैं. वो नहीं चाहते कि इसका श्रेय वसुंधरा राजे को मिले. मंत्री गर्ग ने कहा कि यह योजना निश्चित रूप से वसुंधरा राजे ने बनाई थी और अच्छी योजना होने की वजह से हमने इसे आगे बढ़ाया.

पीएम मोदी को या तो जानकारी नहीं दी या अंधेरे में रखा है
मंत्री गर्ग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद अजमेर और जयपुर में भाषण के दौरान कहा था कि इस परियोजना का खुद जल आयोग अध्ययन कर रहा है. कोई भी प्रधानमंत्री हो उसके भाषण का अपना महत्व होता है. प्रधानमंत्री जो कहते हैं वह करना चाहिए. सुभाष गर्ग ने कहा कि या तो प्रधानमंत्री को पूरे मुद्दे की जानकारी नहीं है या फिर गजेंद्र सिंह शेखावत और अन्य सांसदों की ओर से उन्हें जानकारी नहीं दी जा रही है. उन्हें अंधेरे में रखा जा रहा है या फिर प्रधानमंत्री जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं, कोई तो कारण है.

पढ़ें. Politics on ERCP : केंद्र से आरपार की लड़ाई को हम तैयार, जरूरत पड़ी तो दिल्ली कूच करेंगे - खाचरियावास

पानी को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए: डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि ईआरसीपी का मुद्दा पूर्वी राजस्थान की जनता के लिए जीवन और मरण का मुद्दा है. पूर्वी राजस्थान के जल संकट का समाधान ईआरसीपी से ही संभव है. मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि पानी के ऊपर राजनीति नहीं होनी चाहिए. यदि भाजपा पानी की सुविधा के लिए कुछ काम करेगी तो उसका राजनीतिक लाभ उनको ही मिलेगा, लेकिन शेखावत नहीं चाहते कि इस परियोजना का श्रेय वसुंधरा राजे को मिले.

पूर्वी राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का क्षेत्र भी है और वसुंधरा राजे का भी. भाजपा में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर खींचतान चल रही है और आपसी खींचतान की वजह से इस परियोजना को स्वीकृति नहीं दिलवाई जा रही. ईडी की कार्रवाई को लेकर मंत्री ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री और सभी विधायक सतर्क हैं. अब एजेंसियां पॉलिटिकल इंस्ट्रुमेंट बन गई हैं और इस वजह से खतरा हमेशा मंडराता रहता है. यहां पर कांग्रेस और सहयोगी दल एकजुट हैं. यहां पर कोशिशें होंगी तो नाकाम हो जाएंगे.

भरतपुर. ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना (ERCP) को लेकर बुधवार को राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने गजेंद्र सिंह शेखावत (subhash Garg target gajendra singh shekhawat on Ercp) और भाजपा पर निशाना साधते हुए प्रहार किया. उन्होंने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत ईआरसीपी को इसलिए स्वीकृति नहीं मिलने दे रहे क्योंकि अगर योजना को स्वीकृति मिल जाएगी तो इसका श्रेय वसुंधरा राजे और सतीश पूनिया को मिल जाएगा. शेखावत इसका श्रेय किसी भी हाल में दोनों नेताओं को नहीं मिलने देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा में मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई चल रही है. उन्होंने कहा कि अब ईडी जैसी एजेंसियां पॉलिटिकल इंस्ट्रुमेंट बन गई हैं और उनका खतरा हमेशा मंडराता रहता है.

राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने (Rajasthan state minister subhash Garg on ercp) कहा कि भाजपा ईआरसीपी को लेकर राजनीति कर रही है. ये बड़ा अफसोसजनक है कि एक भी बार जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत इस योजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने के लिए प्रधानमंत्री से नहीं मिले हैं. डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि इस परियोजना से 13 जिलों की करीब 2 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. नए उद्योग लगाए जा सकेंगे.

ईआरसीपी पर बोले सुभाष गर्ग

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मंत्री गर्ग ने कहा कि ये लोग आरोप लगाते हैं कि डीपीआर सही तैयार नहीं की गई है. जबकि हकीकत में जिस व्यक्ति ने इस परियोजना की डीपीआर तैयार की है वह व्यक्ति इन्हीं के मंत्रालय में सलाहकार के पद पर कार्यरत है. उसमें भाजपा गलत प्रचार कर रही है कि मध्यप्रदेश से एनओसी नहीं मिलेगी जबकि नियमों में स्पष्ट लिखा हुआ है कि जिस प्रदेश का कैचमेंट एरिया 90% है उसे एनओसी की जरूरत ही नहीं है. दूसरी तरफ लेटर जारी करवा दिया गया कि इस परियोजना पर राजस्थान सरकार काम न करे जबकि मुख्यमंत्री गहलोत इस परियोजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत कर चुके हैं फिर भी उस पर रोक लगवा रहे हैं.

क्या शेखावत को जल संसाधन मंत्री रहने का हक है ?
गर्ग बोले कि शेखावत ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस परियोजना को लेकर एक शब्द नहीं बोला, ऐसा हुआ होता तो पद से इस्तीफा दे देंग लेकिन वीडियो क्लिपिंग सामने आने के बावजूद वह इस बारे में कुछ नहीं बोल रहे. गजेंद्र सिंह शेखावत ने अब तक इस्तीफा नहीं दिया है. डॉ. सुभाष गर्ग ने केंद्र सरकार को आगाह करते हुए कहा कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की जनता आंदोलन करेगी. इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस, सहयोगी दल समेत तमाम किसान यूनियन एकजुट हैं. 24 जुलाई को भरतपुर में विशाल सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि पूरे देश में 16 राष्ट्रीय जल परियोजनाएं संचालित हैंं लेकिन उनमें से एक भी राजस्थान की नहीं है. ऐसे में क्या गजेंद्र सिंह शेखावत को जल संसाधन मंत्री रहने का हक है?

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यदि गजेंद्र सिंह शेखावत एक बार भी जाकर प्रधानमंत्री से मिलते और ईआरसीएपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने का प्रयास करते तो जरुर ऐसा हो जाता लेकिन हकीकत ये है कि शेखावत ईआरसीपी को राष्ट्रीय दर्जा दिलाना ही नहीं चाहते हैं. वो नहीं चाहते कि इसका श्रेय वसुंधरा राजे को मिले. मंत्री गर्ग ने कहा कि यह योजना निश्चित रूप से वसुंधरा राजे ने बनाई थी और अच्छी योजना होने की वजह से हमने इसे आगे बढ़ाया.

पीएम मोदी को या तो जानकारी नहीं दी या अंधेरे में रखा है
मंत्री गर्ग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद अजमेर और जयपुर में भाषण के दौरान कहा था कि इस परियोजना का खुद जल आयोग अध्ययन कर रहा है. कोई भी प्रधानमंत्री हो उसके भाषण का अपना महत्व होता है. प्रधानमंत्री जो कहते हैं वह करना चाहिए. सुभाष गर्ग ने कहा कि या तो प्रधानमंत्री को पूरे मुद्दे की जानकारी नहीं है या फिर गजेंद्र सिंह शेखावत और अन्य सांसदों की ओर से उन्हें जानकारी नहीं दी जा रही है. उन्हें अंधेरे में रखा जा रहा है या फिर प्रधानमंत्री जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं, कोई तो कारण है.

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पानी को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए: डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि ईआरसीपी का मुद्दा पूर्वी राजस्थान की जनता के लिए जीवन और मरण का मुद्दा है. पूर्वी राजस्थान के जल संकट का समाधान ईआरसीपी से ही संभव है. मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि पानी के ऊपर राजनीति नहीं होनी चाहिए. यदि भाजपा पानी की सुविधा के लिए कुछ काम करेगी तो उसका राजनीतिक लाभ उनको ही मिलेगा, लेकिन शेखावत नहीं चाहते कि इस परियोजना का श्रेय वसुंधरा राजे को मिले.

पूर्वी राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का क्षेत्र भी है और वसुंधरा राजे का भी. भाजपा में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर खींचतान चल रही है और आपसी खींचतान की वजह से इस परियोजना को स्वीकृति नहीं दिलवाई जा रही. ईडी की कार्रवाई को लेकर मंत्री ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री और सभी विधायक सतर्क हैं. अब एजेंसियां पॉलिटिकल इंस्ट्रुमेंट बन गई हैं और इस वजह से खतरा हमेशा मंडराता रहता है. यहां पर कांग्रेस और सहयोगी दल एकजुट हैं. यहां पर कोशिशें होंगी तो नाकाम हो जाएंगे.

Last Updated : Jul 13, 2022, 5:55 PM IST
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