भरतपुर. वर्षों से कैलाश आबादी क्षेत्रों से सांपों को पकड़कर सुरक्षित जंगल में छोड़ने का काम कर रहा था. अब तक 300 सांपों को पकड़ कर सुरक्षित जंगल में छोड़ चुका था. कैलाश का यही काम उसका पेशा बन गया और परिवार पालन का साधन भी. लेकिन ऐसा क्या पता था कि जिन सर्पों को वह सुरक्षित जंगल में छोड़ने का काम कर रहा था, वैसे ही किसी सर्पदंश से उसकी मौत हो जाएगी. जिले के हलैना क्षेत्र निवासी कैलाश की नाग पंचमी के दिन सर्प के डसने से मौत हो (Snake catcher died due to snake bite ) गई.
हलैना निवासी मोहन सिंह ने बताया कि कैलाश जाटव बीते कई वर्षों से स्नेक कैचर के रूप में काम कर रहा था. क्षेत्र में कहीं भी आबादी क्षेत्र में कोई सांप निकलने की सूचना मिलते ही, कैलाश वहां पहुंच जाता और सांप को रेस्क्यू करके सुरक्षित जंगल में छोड़ देता. धीरे-धीरे कैलाश का यही आजीविका का साधन भी बन गया. ग्रामीण मोहन सिंह ने बताया कि कैलाश अब तक 300 सांपों को रेस्क्यू करके जंगल में सुरक्षित छोड़ चुका था. लेकिन नाग पंचमी के दिन सोमवार को वह अपने खेत में गाय, भैंसों के लिए चारा (चरी) काटने गया था. इसी दौरान एक सर्प ने उसे दंश मार दिया. सूचना मिलते ही परिजन उसे लेकर तुरंत आरबीएम जिला अस्पताल पहुंचे, लेकिन यहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मंगलवार दोपहर को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया.