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Food Adulteration: मिर्च-हल्दी में रासायनिक रंग, पनीर में तेल, मिलावटखोर कर रहे लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़...32 फीसदी नमूने फेल - Shudh Ke Liye Yudh Abhiyan in Bharatpur

भरतपुर में जनवरी 2022 से अब तक लिए गए खाद्य पदार्थों के 101 नमूनों में से करीब 32 फीसदी नमूने फेल (Food items samples failed in test) हुए हैं. असुरक्षित पाए गए नमूनों में मिर्च, हल्दी, सोयाबीन तेल, पेड़ा (मावा मिठाई) और पनीर शामिल हैं. मिर्च और हल्दी पाउडर में रासायनिक रंगों की मिलावट पाई गई.

Food items samples failed in test
भरतपुर में फूड सेंपल की जांच
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Published : Mar 17, 2022, 8:43 PM IST

Updated : Mar 17, 2022, 11:16 PM IST

भरतपुर. कहीं आप महंगे दामों में अच्छे खाद्य पदार्थों के नाम पर घातक रासायनिक रंगो युक्त मिर्च और हल्दी, तेल युक्त पनीर और चीनी युक्त शहद तो नहीं खरीद रहे. जी हां, जिले के व्यापारी मुनाफा कमाने के चक्कर में उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. इस बात का खुलासा चिकित्सा विभाग की टीम के बीते दिनों जिले के अलग-अलग हिस्सों से लिए गए विभिन्न खाद्य पदार्थों के नमूनों की रिपोर्ट में हुआ है.

चौंकाने वाली बात यह है कि जनवरी 2022 से अब तक लिए गए खाद्य पदार्थों के नमूनों में से करीब 32 फीसदी नमूने फेल हुए हैं. इससे साफ पता चलता है कि महंगी कीमतों पर खरीदने के बावजूद उपभोक्ताओं को शुद्ध खाद्य पदार्थ नहीं मिल रहे.

पढ़ें: जयपुर: पुलिस ने 16 पीपे मिलावटी घी किए जब्त, एक आरोपी गिरफ्तार

101 में से 32 नमूने फेल: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी लक्ष्मण सिंह ने बताया कि चिकित्सा विभाग की ओर से 'शुद्ध के लिए युद्ध अभियान' के तहत (Shudh Ke Liye Yudh Abhiyan in Bharatpur) 1 जनवरी से 31 मार्च 2022 तक जिले भर में खाद्य पदार्थों के नमूने लिए जा रहे हैं. 1 जनवरी से 7 मार्च तक जिले भर से विभिन्न खाद्य पदार्थों के 135 नमूने लिए गए, जिनमें से 101 नमूनों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी (Test report of food items from Bharatpur) है. ताज्जुब की बात यह है कि 101 नमूनों की जांच रिपोर्ट में से 32 की रिपोर्ट फेल हुई है. जबकि 34 नमूनों की जांच रिपोर्ट आना बाकी है.

भरतपुर में खाद्य पदार्थों के 101 नमूनों में से करीब 32 फीसदी नमूने फेल

पढ़ें: 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान : खाद्य विभाग की टीमों ने मिलावटखोरों पर कसा शिकंजा

रासायनिक रंग और तेल की मिलावट: खाद्य निरीक्षक केशव गोयल ने बताया कि जांच में फेल पाए गए नमूनों में 18 नमूने अमानक, 6 मिसब्रांड और 8 नमूने असुरक्षित पाए गए. असुरक्षित पाए गए नमूनों में मिर्च, हल्दी, सोयाबीन तेल, पेड़ा (मावा मिठाई) और पनीर शामिल हैं. मिर्च और हल्दी पाउडर में जहां रासायनिक रंगों की मिलावट पाई गई. वहीं सोयाबीन तेल में अन्य तेल की मौजूदगी पाई गई. इसी तरह मावा मिठाई और पनीर में भी असुरक्षित तेल की मौजूदगी पाई गई.

बीमार कर सकते हैं मिलावटी पदार्थ: चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ प्रदीप गर्ग ने बताया कि यदि खाद्य पदार्थों में अमानक पदार्थों की मिलावट की जाएगी और उसका नियमित सेवन किया जाएगा, तो उससे स्वास्थ्य खराब हो सकता है. हल्दी और मिर्ची के पाउडर में रासायनिक रंगों की मिलावट से एलर्जी, पाचनतंत्र खराब और कैंसर जैसी घातक बीमारियों का खतरा भी रहता है. इसलिए हमेशा शुद्ध खाद्य पदार्थों का ही इस्तेमाल करना चाहिए.

पढ़ें: दौसा में मिलावटखोरों के खिलाफ प्रशासन ने कसी कमर, किया गया कोर ग्रुप का गठन

सीएमएचओ ने बताया कि जिन व्यापारियों के खाद्य पदार्थों के नमूने अमानक पाए गए हैं, उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा. न्यायालय के आदेशानुसार संबंधित व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि होली और दीपावली त्यौहार के नजदीक आते ही चिकित्सा विभाग खाद्य पदार्थों के नमूने लेना शुरू कर देता है. त्योहार पर अत्यधिक मांग के चलते व्यापारी ज्यादा मुनाफा कमाने और मांग पूरी करने के चक्कर में मिलावटी पदार्थ की बिक्री बढ़ा देते हैं.

भरतपुर. कहीं आप महंगे दामों में अच्छे खाद्य पदार्थों के नाम पर घातक रासायनिक रंगो युक्त मिर्च और हल्दी, तेल युक्त पनीर और चीनी युक्त शहद तो नहीं खरीद रहे. जी हां, जिले के व्यापारी मुनाफा कमाने के चक्कर में उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. इस बात का खुलासा चिकित्सा विभाग की टीम के बीते दिनों जिले के अलग-अलग हिस्सों से लिए गए विभिन्न खाद्य पदार्थों के नमूनों की रिपोर्ट में हुआ है.

चौंकाने वाली बात यह है कि जनवरी 2022 से अब तक लिए गए खाद्य पदार्थों के नमूनों में से करीब 32 फीसदी नमूने फेल हुए हैं. इससे साफ पता चलता है कि महंगी कीमतों पर खरीदने के बावजूद उपभोक्ताओं को शुद्ध खाद्य पदार्थ नहीं मिल रहे.

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101 में से 32 नमूने फेल: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी लक्ष्मण सिंह ने बताया कि चिकित्सा विभाग की ओर से 'शुद्ध के लिए युद्ध अभियान' के तहत (Shudh Ke Liye Yudh Abhiyan in Bharatpur) 1 जनवरी से 31 मार्च 2022 तक जिले भर में खाद्य पदार्थों के नमूने लिए जा रहे हैं. 1 जनवरी से 7 मार्च तक जिले भर से विभिन्न खाद्य पदार्थों के 135 नमूने लिए गए, जिनमें से 101 नमूनों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी (Test report of food items from Bharatpur) है. ताज्जुब की बात यह है कि 101 नमूनों की जांच रिपोर्ट में से 32 की रिपोर्ट फेल हुई है. जबकि 34 नमूनों की जांच रिपोर्ट आना बाकी है.

भरतपुर में खाद्य पदार्थों के 101 नमूनों में से करीब 32 फीसदी नमूने फेल

पढ़ें: 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान : खाद्य विभाग की टीमों ने मिलावटखोरों पर कसा शिकंजा

रासायनिक रंग और तेल की मिलावट: खाद्य निरीक्षक केशव गोयल ने बताया कि जांच में फेल पाए गए नमूनों में 18 नमूने अमानक, 6 मिसब्रांड और 8 नमूने असुरक्षित पाए गए. असुरक्षित पाए गए नमूनों में मिर्च, हल्दी, सोयाबीन तेल, पेड़ा (मावा मिठाई) और पनीर शामिल हैं. मिर्च और हल्दी पाउडर में जहां रासायनिक रंगों की मिलावट पाई गई. वहीं सोयाबीन तेल में अन्य तेल की मौजूदगी पाई गई. इसी तरह मावा मिठाई और पनीर में भी असुरक्षित तेल की मौजूदगी पाई गई.

बीमार कर सकते हैं मिलावटी पदार्थ: चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ प्रदीप गर्ग ने बताया कि यदि खाद्य पदार्थों में अमानक पदार्थों की मिलावट की जाएगी और उसका नियमित सेवन किया जाएगा, तो उससे स्वास्थ्य खराब हो सकता है. हल्दी और मिर्ची के पाउडर में रासायनिक रंगों की मिलावट से एलर्जी, पाचनतंत्र खराब और कैंसर जैसी घातक बीमारियों का खतरा भी रहता है. इसलिए हमेशा शुद्ध खाद्य पदार्थों का ही इस्तेमाल करना चाहिए.

पढ़ें: दौसा में मिलावटखोरों के खिलाफ प्रशासन ने कसी कमर, किया गया कोर ग्रुप का गठन

सीएमएचओ ने बताया कि जिन व्यापारियों के खाद्य पदार्थों के नमूने अमानक पाए गए हैं, उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा. न्यायालय के आदेशानुसार संबंधित व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि होली और दीपावली त्यौहार के नजदीक आते ही चिकित्सा विभाग खाद्य पदार्थों के नमूने लेना शुरू कर देता है. त्योहार पर अत्यधिक मांग के चलते व्यापारी ज्यादा मुनाफा कमाने और मांग पूरी करने के चक्कर में मिलावटी पदार्थ की बिक्री बढ़ा देते हैं.

Last Updated : Mar 17, 2022, 11:16 PM IST
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