भरतपुर. सूर्यवंशी, कुशवाहा, मौर्य, सैनी और माली समाज के लोग आरक्षण की मांग को लेकर बीते 48 घंटे से जयपुर-आगरा हाइवे पर अरौदा के पास चक्का जाम किए हुए हैं. इस बीच आरक्षण संघर्ष समिति संयोजक मुरारीलाल सैनी ने सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया (Reservation convener allegations on government) है.
सैनी ने कहा कि सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. उनका बेटा राजीव पहाड़ी के गांव मुंगस्का में शिक्षक के रूप में कार्यरत था. हाल ही में उसका ट्रांसफर जालोर कर दिया गया है. इसी तरह उनकी भतीजी ममतेश ने कुछ दिन पहले ही वैर के बेरी गांव में शिक्षिका के रूप में ज्वाइन किया था, उसका भी ट्रांसफर बाड़मेर कर दिया गया है. सैनी का आरोप है कि घर पर आदमी भेजकर जान से मारने की धमकी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार घृणित स्तर पर उतर आई है.
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सैनी ने कहा कि मैं समाज की लड़ाई लड़ रहा हूं. इसलिए मेरे बच्चों को परेशान किया जा रहा है. धमकियां दी जा रही हैं. समाज के अन्य लोगों के साथ भी सरकार ऐसा ही करेगी. मुरारीलाल ने कहा कि 75 साल से समाज को गुलामी के लिए रखा था. सामंतवादी और राजनीतिक लोग आज भी यही चाहते हैं. सैनी ने कहा कि हम गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. समाज सरकार से वार्ता करने को तैयार है. सरकार के प्रतिनिधि धरनास्थल पर आएं और वार्ता करें.
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गौरतलब है कि सैनी, कुशवाहा, शाक्य मौर्य समेत माली समाज के लोग बीते 48 घंटे से जयपुर-आगरा हाईवे पर अरौदा गांव के पास चक्का जाम कर के बैठे (Chakka Jam for reservation in Bharatpur) हैं. कल जिला कलेक्टर और एसपी ने आंदोलनकारियों से वार्ता करने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने राजस्थान सरकार के प्रतिनिधि से ही बात करने की बात कही. अब मंगलवार को मंत्री विश्वेंद्र सिंह और संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा को राजस्थान सरकार ने वार्ता के लिए अधिकृत कर दिया है. मंत्री भरतपुर में और आंदोलनकारी धरनास्थल पर वार्ता का इंतजार कर रहे हैं.
सैनी समाज के चक्का जाम को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. प्रशासन ने नेशनल हाईवे 21 पर वाहनों का रूट डायवर्ट कर दिया है. आंदोलनकारी एंबुलेंस को छोड़कर किसी भी वाहन को नहीं निकलने दे रहे. शांति और कानून व्यवस्था के चलते अफवाहों को रोकने के लिए प्रशासन ने जिले की चार तहसीलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक रोक लगाई थी. जिसे 14 जून से बढ़ाकर 15 जून कर दिया है. नदबई ,वैर, भुसावर और उच्चैन तहसील में इंटरनेट सेवा बंद की गई है. आंदोलनकारियों ने अपने लिए पीने के पानी की व्यवस्था टैंकरों द्वारा की है. भोजन की व्यवस्था आसपास के गांव की जा रही है.