भरतपुर: जिले में कई साल बाद मेघ मेहरबान हुए हैं. इस बार ना केवल गत वर्ष की तुलना में 50% अधिक बरसात हुई बल्कि जिले के 11 बांधों में बरसात का पानी भी संग्रहित हुआ है. इतना ही नहीं कई साल से नदियों की तरफ आस लगाए बैठे जिले के किसानों की उम्मीदें भी गंभीरी नदी में पानी आने के साथ ही हरी हो गई हैं. 10 अगस्त तक जहां पूरे जिलेभर में अच्छी बरसात दर्ज की गई वहीं मानसून बीतने में कुछ समय शेष है सो उम्मीदें बरकरार हैं.
अब तक 358 मिमी बरसात: जल संसाधन विभाग के मुताबिक इस बार 10 अगस्त तक गत वर्ष की तुलना में 50% अधिक बरसात हुई है. वर्ष 2020 में 10 अगस्त तक जिले में जहां 233 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई थी, वहीं इस वर्ष 10 अगस्त तक 358 मिलीमीटर बरसात हुई, जो कि गत वर्ष से करीब 50% अधिक है.
29 बांधों में आया पानी: अधीक्षण अभियंता राकेश गुप्ता ने बताया कि इस बार अच्छे मानसून के चलते जिले भर में बरसात के साथ ही बांधों में भी अच्छा पानी आया है. जिले में कुल 197 बांध हैं, जिनमें से 41 जल संसाधन विभाग के अधीन हैं और बाकी 158 पंचायत समितियों के. जिले के जल संसाधन विभाग के सबसे महत्वपूर्ण बंध बारैठा का गेज 29 फीट है. जबकि इस मानसूनी सीजन में अब तक बंध बारैठा का गेज 24.40 फीट तक पहुंच गया है. इसी तरह से अजान बांध का गेज इस बार 7.40 फीट तक पहुंच गया है. वहीं जिले के आजउ, हुस्ना, धनवाड़ा, चिकसाना, हिंडोला, कैथवाड़ा,अलमपुर, बोरई, सीकरी बांध में भी अच्छा पानी पहुंचा है. इतना ही नहीं गंभीरी नदी के बाहर क्षेत्र में पड़ने वाले 18 बांधों में भी अच्छी मात्रा में पानी पहुंचा है.
5 साल बाद लबालब हुई गम्भीरी नदी: अधीक्षण अभियंता राकेश गुप्ता ने बताया कि जिले की गंभीर नदी में 5 साल के इंतजार के बाद इस वर्ष पानी आया है. अब से पहले वर्ष 2016 में पांचना बांध का पानी गंभीर नदी में आया था और अब 5 साल बाद पांचना बांध से करीब 900 एमसीएफटी से अधिक पानी छोड़ा गया है.
विश्व विरासत को मिला संबल: जल संकट से जूझ रहे विश्व विरासत केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को इस वर्ष अच्छे मानसून और पांचना बांध से मिले पाने से बड़ा संबल मिला है. अच्छी मात्रा में पानी मिलने से अगले पर्यटन सीजन में अच्छी संख्या में पर्यटकों के साथ ही काफी अच्छी संख्या में प्रवासी पक्षियों के पहुंचने की भी उम्मीद लगी हुई है. राकेश गुप्ता ने बताया कि पांचना बांध से गंभीर नदी के माध्यम से केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को इस वर्ष 200 एमसीएफटी से अधिक पानी मिलने की उम्मीद है.