भरतपुर. आपराधिक घटनाओं और मनचलों की हरकतों को देखते हुए राज्य सरकार ने बेटियों के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण की योजना शुरू की. इस योजना के तहत राजकीय विद्यालय में शारीरिक शिक्षक मोनिका (Self Defense Trainer Monika Dithonia) अब तक 8 हजार बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा चुकी हैं.
पीटीआई मोनिका डिठोनिया ने बताया कि योजना के तहत सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने से पूर्व उन्होंने खुद इसका प्रशिक्षण लिया. उन्होंने खुद जूडो कराटे के कुछ महत्वपूर्ण दांव-पेंच सीखे और उसका पूर्ण प्रशिक्षण (Women Self Defense Training Scheme in Rajasthan) लेने के बाद बीते 5 वर्षों से लगातार बालिकाओं को दांव-पेच सिखा रही हैं. इसके लिए मोनिका ने हाल ही में फिर से राजस्थान पुलिस अकादमी में भी एक स्पेशल ट्रेनिंग की है जिसका लाभ वो बच्चियों तक पहुंचा रही हैं.
प्रशिक्षण के बाद बढ़ा आत्मविश्वास
मोनिका ने बताया कि राजस्थान में महिला अपराध (women crime in rajasthan) काफी बढ़ गया है. ऐसे में बेटियों को अपराधियों से सुरक्षित बनाने के लिए सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग काफी महत्वपूर्ण साबित हो रही है. वर्ष 2014 में राज्य सरकार ने इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत बेटियों और महिला शिक्षिकाओं के लिए यह योजना शुरू की थी. सेल्फ डिफेंस के प्रशिक्षण के बाद बेटियों में आत्मविश्वास भी बढ़ा है.
हर बेटी को ट्रेंड करने का प्रयास
मोनिका ने बताया कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाली बेटियों तक सीधे पहुंच पाना मुश्किल है. ऐसे में भरतपुर संभाग मुख्यालय स्तर पर अलग-अलग ब्लॉक की महिला पीटीआई और शिक्षिकाओं को बुलाकर सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग (monika dithonia self defense training) दी जाती है. इसके बाद यह ट्रेंड महिला पीटीआई और शिक्षिका अपने विद्यालयों में जाकर वहां पढ़ने वाली बच्चियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देती हैं. इसी चेन सिस्टम के माध्यम से जिले के प्रत्येक स्कूल में बेटियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देने का प्रयास किया जाता है. अब तक पूरे जिले में मोनिका सीधे तौर पर करीब आठ हजार बेटियों और महिला शिक्षकों को प्रशिक्षण दे चुकी हैं.
इन पांच दांव पेंच का दिया जाता है प्रशिक्षण
पीटीआई पूजा चौधरी ने बताया कि सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग में मुख्यतः बच्चियों को पंचेज, किक, फॉल, थ्रो की ट्रेनिंग दी जाती है. ताकि बेटियां ना केवल खुद की सुरक्षा कर सकें बल्कि दुश्मन को भी धूल चटा सकें.
ये दांव आएंगे काम
गौरतलब है कि भरतपुर संभाग मुख्यालय पर सरकारी विद्यालयों की महिला पीटीआई और बेटियों को हर वर्ष प्रशिक्षण देने के लिए शिविर आयोजित किया जाता है. इसमें जिले के प्रत्येक ब्लॉक से महिला पीटीआई, शिक्षिकाओं को बुलाया जाता है और आवासीय सुविधा के तहत प्रशिक्षण दिया जाता है.