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मानसून का संदेश लेकर आए 'मानसून दूत', घना में Openbill Stork ने डाला डेरा...कम पानी के कारण घट रही संख्या

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Published : Jun 30, 2021, 7:29 PM IST

Updated : Jun 30, 2021, 8:52 PM IST

घना में मानसून से पहले ओपेनबिल स्टॉर्क (Openbill Stork) यानी घोंघिल ने डेरा डालना शुरू कर दिया है. काफी संख्या में पेंड़ों पर इन्होंने घोंसले बनाने शुरू कर दिए हैं. हालांकि पानी की कमी के कारण इनकी संख्या लगातार घट रही है.

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घना में ओपेनबिल स्टॉर्क का डेरा

भरतपुर. मानसून से पहले विश्व प्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 'मानसून दूत' यानी ओपन बिल स्टॉर्क (Openbill Stork) पहुंच चुके हैं. करीब 190 ओपन बिल स्टॉर्क ने घना के डी ब्लॉक में नेस्टिंग (Nesting) शुरू कर दी है. पक्षी विशेषज्ञों की मानें तो ओपन बिल स्टॉर्क के घना पहुंचने के 10 से 15 दिन बाद मानसून भी भरतपुर पहुंच जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि पहले सैकड़ों की संख्या में ओपन बिल स्टॉर्क मानसून का संदेश लेकर घना पहुंचते थे लेकिन अब पानी की कमी के चलते इनकी संख्या भी लगातार घटती जा रही है.

मानसून से पहले पहुंचता है घना

सहायक वनपाल धर्म सिंह ने बताया कि ओपन बिल स्टॉर्क देसी प्रवासी पक्षी है जो मानसून से 10 से 15 दिन पहले घना पहुंचता है. ये पक्षी मानसून के आगे उड़ान भरता हुआ यहां पहुंचता है. पक्षी यहां पर नेस्टिंग के साथ प्रजनन भी करता है. उसके बाद दिसंबर, जनवरी तक यहां पर प्रवास करता है. उसके बाद बच्चों के साथ देश के अन्य किसी हिस्से में उड़कर चला जाता है.

घना में ओपेनबिल स्टॉर्क का डेरा

पढ़ें: Special : अलवर में 159 हेक्टेयर जमीन से खत्म किए गए विलायती बबूल के पेड़, जानिए इसका इतिहास और कैसे भारत आया

190 Openbill Stork ने बनाए घोंसले

सहायक वनपाल धर्म सिंह ने बताया कि फिलहाल मौसम सुहाना होने के साथ घना के डी ब्लॉक में करीब 190 ओपन बिल स्टॉर्क ने डेरा डाला हुआ है. यहां पर इन्होंने नेस्टिंग शुरू कर दी है. ओपन बिल स्टॉर्क नए घोंसले बनाने के साथ ही पुराने घोंसलों को भी रिपेयर कर रहे हैं.

पढ़ें: SPECIAL : पौधा लगाइये और परिवार की तरह पालिये...Family Forestry पर जानें Land for Life Awardee श्याम सुंदर ज्याणी के विचार

ओपन बिल स्टॉर्क यानी घोंघिल

धर्म सिंह ने बताया कि ओपन बिल स्टॉर्क को घोंघिल भी कहा जाता है. इसकी चोंच के बीच गैप होता है, जिसमें घोंघा को फंसाकर खाता है. इसकी चोंच आगे से मुड़ी हुई होती है. घोंघा इसका सबसे पसंदीदा भोजन है, इसीलिए इसे घोंघिल भी कहा जाता है. यह पक्षी सफेद और स्लेटी रंग का होता है.

लगातार घट रही संख्या

सहायक वनपाल धर्म सिंह ने बताया कि घना में पानी की कमी की वजह से मानसून दूत यानि ओपन बिल स्टॉर्क की संख्या भी लगातार कम हो रही है. धर्म सिंह ने बताया कि जब तक घना में पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता था तब तक मानसून सीजन में ओपन बिल स्टॉर्क की एक साथ सैकड़ों की संख्या में नेस्टिंग होती थी लेकिन अब संख्या 150 से 200 तक सिमटकर रह गई है.

भरतपुर. मानसून से पहले विश्व प्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में 'मानसून दूत' यानी ओपन बिल स्टॉर्क (Openbill Stork) पहुंच चुके हैं. करीब 190 ओपन बिल स्टॉर्क ने घना के डी ब्लॉक में नेस्टिंग (Nesting) शुरू कर दी है. पक्षी विशेषज्ञों की मानें तो ओपन बिल स्टॉर्क के घना पहुंचने के 10 से 15 दिन बाद मानसून भी भरतपुर पहुंच जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि पहले सैकड़ों की संख्या में ओपन बिल स्टॉर्क मानसून का संदेश लेकर घना पहुंचते थे लेकिन अब पानी की कमी के चलते इनकी संख्या भी लगातार घटती जा रही है.

मानसून से पहले पहुंचता है घना

सहायक वनपाल धर्म सिंह ने बताया कि ओपन बिल स्टॉर्क देसी प्रवासी पक्षी है जो मानसून से 10 से 15 दिन पहले घना पहुंचता है. ये पक्षी मानसून के आगे उड़ान भरता हुआ यहां पहुंचता है. पक्षी यहां पर नेस्टिंग के साथ प्रजनन भी करता है. उसके बाद दिसंबर, जनवरी तक यहां पर प्रवास करता है. उसके बाद बच्चों के साथ देश के अन्य किसी हिस्से में उड़कर चला जाता है.

घना में ओपेनबिल स्टॉर्क का डेरा

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190 Openbill Stork ने बनाए घोंसले

सहायक वनपाल धर्म सिंह ने बताया कि फिलहाल मौसम सुहाना होने के साथ घना के डी ब्लॉक में करीब 190 ओपन बिल स्टॉर्क ने डेरा डाला हुआ है. यहां पर इन्होंने नेस्टिंग शुरू कर दी है. ओपन बिल स्टॉर्क नए घोंसले बनाने के साथ ही पुराने घोंसलों को भी रिपेयर कर रहे हैं.

पढ़ें: SPECIAL : पौधा लगाइये और परिवार की तरह पालिये...Family Forestry पर जानें Land for Life Awardee श्याम सुंदर ज्याणी के विचार

ओपन बिल स्टॉर्क यानी घोंघिल

धर्म सिंह ने बताया कि ओपन बिल स्टॉर्क को घोंघिल भी कहा जाता है. इसकी चोंच के बीच गैप होता है, जिसमें घोंघा को फंसाकर खाता है. इसकी चोंच आगे से मुड़ी हुई होती है. घोंघा इसका सबसे पसंदीदा भोजन है, इसीलिए इसे घोंघिल भी कहा जाता है. यह पक्षी सफेद और स्लेटी रंग का होता है.

लगातार घट रही संख्या

सहायक वनपाल धर्म सिंह ने बताया कि घना में पानी की कमी की वजह से मानसून दूत यानि ओपन बिल स्टॉर्क की संख्या भी लगातार कम हो रही है. धर्म सिंह ने बताया कि जब तक घना में पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता था तब तक मानसून सीजन में ओपन बिल स्टॉर्क की एक साथ सैकड़ों की संख्या में नेस्टिंग होती थी लेकिन अब संख्या 150 से 200 तक सिमटकर रह गई है.

Last Updated : Jun 30, 2021, 8:52 PM IST
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