भरतपुर: जिले के जनाना अस्पताल की एक बार फिर बड़ी लापरवाही सामने आई है. डॉक्टर्स की लापरवाही के चलते एक प्रसूता के पेट में ही बच्चे की मौत हो गई. जिसके बाद प्रसूता के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
बीते दिनों पहले भी अस्पताल में गेट पर एक महिला का गर्भपात हो गया था. जिसके बाद डॉक्टरों और नर्सिंगकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी, उसके बाद भी डॉक्टर लापरवाही बरतने से बाज नहीं आ रहे. जबकि चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा भरतपुर के विधायक भी हैं और वे चिकित्सा व्यवस्था सुधारने की अक्सर बात कहते नजर आते हैं. इसके अलावा बीते शनिवार को मंत्री गर्ग ने जनाना अस्पताल का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने अस्पातल की व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिये थे, लेकिन सब निर्देश हवा होते दिखाई दे रहे हैं.
14 तारीख को हो जानी थी डिलीवरी...
प्रसूता के परिजनों के मुताबिक प्रसूता सिमरन कौर को 14 तारीख को प्रसव के लिए भर्ती करवाया था. डॉक्टर मीनाक्षी गुप्ता ने जब प्रसूता को देखा तो प्रसूता के परिजनों को सलाह दी कि प्रसूता के बच्चे का जन्म ऑपरेशन से होगा. जबकि प्रसूता को 9 महीने से ज्यादा हो चुके थे.
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प्रसूता के परिजनों के बार बार कहने पर भी डॉक्टर ऑपरेशन को टालते रहे, लेकिन रविवार को जब आज प्रसूता को असहनीय दर्द उठा, तब डॉक्टरों ने प्रसूता की नॉर्मल डिलीवरी कर दी, लेकिन तब तक बच्चा पेट में ही मर चुका था. महिला की कोख से मरा बच्चा पैदा हुआ.
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वहीं, प्रसूता का कहना है कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से उसके बच्चे की मौत हुई है. अगर डॉक्टर ने 14 तारीख को ध्यान दिया होता तो उसका बच्चा बच सकता था. इसके अलावा अगर डॉक्टर ने जब ऑपरेशन की सलाह दी थी तो बच्चे की नार्मल डिलीवरी कैसे हुई? इस मामले को लेकर अस्पताल के सभी डॉक्टर चुप्पी साधे हुए हैं.