भरतपुर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर के गांव लश्कर से 11 साल पहले लक्ष्मी उपाध्याय अन्य लोगों के साथ मथुरा के जयगुरुदेव आश्रम दर्शन करने गई थी, लेकिन साथियों से बिछड़ गई और वापस गांव नहीं पहुंची. जब उसके पुत्र पवन को जानकारी मिली, तो तुरंत मां को तलाशने निकल गया. वर्षों तक कई शहरों में मां को तलाश लिया, लेकिन मां नहीं मिली. आखिर में 11 साल बाद भरतपुर के अपना घर आश्रम में पवन को अपनी मां (Son found mother after 11 years in Bharatpur) मिली.
शुक्रवार को बेटा पवन और नाती आश्रम पहुंचकर लक्ष्मी उपाध्याय को गांव लेकर रवाना हुए. पवन ने बताया कि करीब 11 साल पहले मां लक्ष्मी गांव के अन्य लोगों के साथ जयगुरुदेव आश्रम मथुरा गईं थीं. कुछ दिन बाद गांव के सभी लोग वापस आ गए, लेकिन मां नहीं लौटी. ग्रामीणों ने बताया कि मां बिछड़ गई है. मां के बिछड़ने की सूचना मिलते ही बेटा पवन उन्हें खोजने निकल गया, लेकिन उसकी कोशिशें बेकार रहीं.
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उधर लक्ष्मी मथुरा से भटकते हुए वृंदावन पहुंच गई. यहां काफी दिन तक भटकती रहीं. 7 अप्रैल, 2021 को वृंदावन के श्रीमती गीता दीक्षित महिला आश्रम ने लक्ष्मी उपाध्याय को भरतपुर के अपना घर आश्रम में भर्ती कराया. अपना घर आश्रम में लक्ष्मी का उपचार और देखभाल की गई. स्वस्थ होने पर काउंसलिंग के दौरान लक्ष्मी ने अपने घर का पता बताया.
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अपना घर की टीम ने स्थानीय पुलिस के माध्यम से लक्ष्मी के बेटे पवन से संपर्क कर मां के सकुशल होने की सूचना दी. बेटा पवन शुक्रवार को आश्रम पहुंचा. मां को देखते ही बेटा पवन दौड़कर मां के गले से लिपट गया. मां-बेटे का 11 साल बाद भावुक मिलन हुआ. साथ लक्ष्मी से नाती भी मिली. मां के मिलने पर पवन ने कहा कि मुझे मां मिल गई, भगवान ने मुझे सबकुछ दे दिया. अब मुझे भगवान से कुछ नहीं चाहिए.