भरतपुर: पीड़ित नाबालिग की मां ने पुलिस अधीक्षक देवेंद्र कुमार विश्नोई को ई-मेल भेजकर सूचित किया कि 30 अक्टूबर 2021 को मथुरा गेट थाने में मामला दर्ज होने के दौरान और बाद में पुलिस की कड़ी पूछताछ से बच्चा मानसिक रूप से असहज हो गया है. वो अवसाद में है और उसकी तबीयत खराब है. मां ने जानकारी दी है कि बच्चे का सुरक्षित जगह पर इलाज कराया जा रहा है.
ईमेल (E mail) में लिखा गया कि बयान दर्ज कराने के लिए आते समय बच्चे की तबीयत बिगड़ गई. जिस कारण कोर्ट में धारा 164 के बयान दर्ज कराने के लिए पीड़ित परिवार असमर्थ है. पीड़ित परिवार ने ईमेल के माध्यम से बच्चे की तबीयत ठीक होने तक बयान दर्ज कराने के लिए दो-तीन दिन का समय भी मांगा है. हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज बुधवार (4 November 2021) को पीड़ित परिवार बच्चे का बयान दर्ज कराने के लिए भरतपुर (Bharatpur) आ सकता है.
पढ़ें-भरतपुर यौन दुराचार मामले में जज और एसीबी के सीओ निलंबित
आरोप है कि जज जितेंद्र गुलिया और दो लिपिक राहुल कटारा, अंशुल सोनी ने 7 वीं के नाबालिग बच्चे के साथ कुकर्म (Bharatpur Sexual Abuse Case) किया था. घटना के बाद जहां दोनों लिपिक फरार हैं. वहीं आरोपी जज जयपुर में है. पीड़ित परिवार ने प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर सुरक्षा की मांग की और भरतपुर से पलायन कर उत्तर प्रदेश के आगरा (Agra) जिले में अपने रिश्तेदारों के यहां आसरा ले लिया.
हालांकि जिला प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार के घर पर सुरक्षा के लिए आरएसी (RAC) के 5 जवान तैनात कर दिए हैं. पुलिस प्रशासन बीते 2 दिनों से पीड़ित परिवार के न्यायालय में 164 के बयान दर्ज कराने का प्रयास कर रहा है लेकिन पीड़ित परिवार अभी तक आगरा में अपने रिश्तेदारों के यहीं पर रुका हुआ है.