भरतपुर. एक तरफ देश कोरोना महामारी के संकट जूझ रहा है. जिसको लेकर देश मे लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है. हालांकि लॉकडाउन से अपराध पर रोक लगी है. लेकिन अपराधी इस संकट के समय मे भी ठगी के नए-नए तरीके निकाल रहे हैं.
खाताधारकों को ही नहीं पता कहां से आया पैसा
जिले के चिकसाना थाना इलाके में कुछ बेरोजगार युवकों के खाते में लाखों रुपये आ गए. जैसे ही ये बात ग्रामीणों को पता लगी तभी गांव मे हड़कंप मच गया. लेकिन खाताधारकों ये नहीं पता कि उनके खाते में पैसे कहां से आये और किसने डाले. जिसके बाद युवक बैंक अधिकारियों के पास पहुंचे और पूरा माजरा बताया. लेकिन कोई हल नहीं निकलने पर युवक पुलिस के पास पहुंचे और मामला दर्ज करवाया.
दरअसल चिकसाना थाना क्षेत्र के गावों नूरपुर, चक हथकौली, बल्टीगढ़ी के निवासी युवकों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. जहां उन युवकों ने पुलिस को बताया है कि उनके खातों में लाखों रुपये का लेनदेन हुआ है. जिसकी जानकारी उनको नहीं है और लगता है की उनको फंसाने की साजिश रची जा रही है. थाने के कई गांवों के अनेकों युवकों के बैंक खातों में लाखों रुपये किसने डाले गए हैं.
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बहन की शादी का बनाया बहाना
गांव नूरपुर निवासी रवि ने बताया कि बीते 10 अप्रैल के करीब गांव का संदीप उसके पास आया और मेरा बैंक एटीएम और बैंक खाता नंबर लेकर चला गया. यह कहते हुए कि बहन की शादी है और उसके रुपये नेवी में भर्ती कराने वाले एक दलाल पर फंसे हुए हैं. जिससे 10 लाख रुपये मुझे वापस बैंक खातों में डालवाने हैं.
लाखों का हुआ है लेनदेन
उसने बहाना बनाया की लॉकडाउन के कारण वह रुपये लौटाने के लिए हमारे पास आने में असमर्थ है, इसलिए वह बैंक खातों में ही रुपये डालेगा. दर्जनों बैंक एटीएम इकट्ठे किए गए और करीब सप्ताह के अंदर दो लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक ग्रामीण युवकों के खातों में डाले गए और फिर निकाल भी लिए गए.
एक ही गांव के बैंक खातों में इस तरह लाखों रुपये के लेनदेन का पता जब स्थानीय पंजाब नेशनल बैंक को पता लगा, तो बैंक ने खाताधारकों से इस लेनदेन की जानकारी मांगी. जिस पर युवकों ने बैंक अधिकारियों को पूरी घटना बताई.