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भरतपुर शहर में टिड्डियों का अटैक, प्रशासन की बढ़ी चिंता

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Published : Jun 30, 2020, 4:32 PM IST

राजस्थान में टिड्डियों का प्रकोप लगातार जारी है. मंगलवार को भरतपुर शहर में आगरा की तरफ से आई टिड्डियों ने प्रवेश किया. जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई. जिसके बाद कृषि विभाग की तरफ से टिड्डियों को भगाने के लिए पेड़ों पर कीटनाशक छिड़कने का काम शुरू कर दिया गया है.

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भरतपुर शहर में टिड्डियों का अटैक

भरतपुर. प्रदेश में टिड्डियों का अटैक लगातार जारी है. अभी तक टिड्डी दल का आतंक ग्रामीण क्षेत्रों में था, लेकिन मंगलवार को भरतपुर शहर में टिड्डी दल ने प्रवेश किया है. इतनी अधिक संख्या में टिड्डियां थीं, कि पूरा आसमान घिर गया. आसमान में धुआं छाने जैसा मंजर हो गया था. लोगों ने ढोल और बर्तन बजाकर टिड्डियों को भगाने के प्रयास किए.

ये टिड्डी दल उत्तर प्रदेश के आगरा की तरफ से आया है. अभी तक इसका प्रकोप भुसावर और डीग क्षेत्र में अधिक देखने को मिल रहा है, लेकिन जैसे ही इसने शहर के आसमान को घेरा तो प्रशासन की चिंता बढ़ गई. प्रशासनिक अधिकारी शहर में टिड्डियों के प्रभाव का जायजा लेने के लिए निकल पड़े.

भरतपुर शहर में टिड्डियों का अटैक

पढ़ें- टिड्डी दल को देख बढ़ी किसानों की चिंता, सतर्क करने में जुटा कृषि विभाग

वहीं टिड्डियों के हमले से पहले ही जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने कृषि विभाग को सचेत कर दिया था. जिला कलेक्टर ने निर्देश जारी किए थे कि टिड्डियों के हमले को रोकने के लिए पेड़ों पर दवा का छिड़काव किया जाए. जिसके बाद कृषि विभाग की तरफ से काम शुरू कर दिया गया है. अगर टिड्डी दल भरतपुर जिले में ठहरता है, तो वो किसानों की सारी फसल चट कर जाएगा. किसान पहले से ही ओलावृष्टि और लॉकडाउन की मार को झेल रहे हैं. ऐसे में किसानों के लिए एक नई आफत सामने आ गई है.

जिला प्रशासन कर रहा कार्रवाई

जिला कलेक्टर ने बताया कि टिड्डी दल के बारे मुख्यमंत्री द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही थी, जिसके बाद करीब 1 महीने पहले कृषि विभाग की ओर से तैयारियां करवा दी गईं थीं कि अगर जिले में टिड्डी दल का ठहराव होता है तो क्या कुछ करना होगा. दिन में टिड्डी दल कम बैठता है, इसलिए अभी जिला प्रशासन की ओर से डीजे बजवाए जा रहे हैं. इसके अलावा जो भी उपाय हो सकते हैं, उनको किया जा रहा है.

पढ़ें- अलवर के बानसूर में टिड्डियों का हमला, किसानों की बढ़ी मुश्किलें

उन्होंने बताया कि रात को टिड्डियां पेड़ों पर बैठती हैं, इसलिए कृषि विभाग, रेवेन्यू विभाग की टीमें पेड़ों पर कीटनाशक का पेडों पर छिड़काव कर रही हैं. दो दिन पहले हुए टिड्डियों के हमले में टीमों ने 70 प्रतिशत टिड्डियों को खत्म कर दिया था, लेकिन अलग-अलग दिशाओं से टिड्डियों का आक्रमण हो रहा है, जिसके लिए प्रशासन तैयारियों में लगा हुआ है.

टिड्डी हमले से किसान को चिंता

वहीं अलावा किसानों का कहना है कि टिड्डियों के हमले से पहले खड़ी हुई ज्वार बाजरे की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी. कहीं-कहीं इलाकों में टिड्डियों का 6 इंच का दल इकट्ठा हो गया है. टिड्डियां खेतों में खड़ी सारी फसल को चट कर जाएंगी. वहीं किसानों ने बताया कि उन्होंने आज से पहले ऐसा टिड्डियों का हमला कभी नहीं देखा. सिर्फ सुना है कि टिड्डियों का हमला ऐसा होता है कि वह पूरी फसल को चट कर जाती है.

हेलीकॉप्टर के जरिए होगा दवा का छिड़काव

बता दें कि टिड्डी दल के नियंत्रण के लिए कीटनाशक के छिड़काव को लेकर हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से एक हेलीकॉप्टर राजस्थान भेजा गया है. मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बाड़मेर के लिए एक हेलीकॉप्टर रवाना किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री तोमर ने बताया कि देश में पहली बार टिड्डी नियंत्रण के लिए हेलीकॉप्टर से दवा का छिड़काव किया जा रहा है. साथ ही बताया कि टिड्डी दल के नियंत्रण को लेकर ब्रिटेन से भी तीन मशीन मंगाई गई हैं.

भरतपुर. प्रदेश में टिड्डियों का अटैक लगातार जारी है. अभी तक टिड्डी दल का आतंक ग्रामीण क्षेत्रों में था, लेकिन मंगलवार को भरतपुर शहर में टिड्डी दल ने प्रवेश किया है. इतनी अधिक संख्या में टिड्डियां थीं, कि पूरा आसमान घिर गया. आसमान में धुआं छाने जैसा मंजर हो गया था. लोगों ने ढोल और बर्तन बजाकर टिड्डियों को भगाने के प्रयास किए.

ये टिड्डी दल उत्तर प्रदेश के आगरा की तरफ से आया है. अभी तक इसका प्रकोप भुसावर और डीग क्षेत्र में अधिक देखने को मिल रहा है, लेकिन जैसे ही इसने शहर के आसमान को घेरा तो प्रशासन की चिंता बढ़ गई. प्रशासनिक अधिकारी शहर में टिड्डियों के प्रभाव का जायजा लेने के लिए निकल पड़े.

भरतपुर शहर में टिड्डियों का अटैक

पढ़ें- टिड्डी दल को देख बढ़ी किसानों की चिंता, सतर्क करने में जुटा कृषि विभाग

वहीं टिड्डियों के हमले से पहले ही जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने कृषि विभाग को सचेत कर दिया था. जिला कलेक्टर ने निर्देश जारी किए थे कि टिड्डियों के हमले को रोकने के लिए पेड़ों पर दवा का छिड़काव किया जाए. जिसके बाद कृषि विभाग की तरफ से काम शुरू कर दिया गया है. अगर टिड्डी दल भरतपुर जिले में ठहरता है, तो वो किसानों की सारी फसल चट कर जाएगा. किसान पहले से ही ओलावृष्टि और लॉकडाउन की मार को झेल रहे हैं. ऐसे में किसानों के लिए एक नई आफत सामने आ गई है.

जिला प्रशासन कर रहा कार्रवाई

जिला कलेक्टर ने बताया कि टिड्डी दल के बारे मुख्यमंत्री द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही थी, जिसके बाद करीब 1 महीने पहले कृषि विभाग की ओर से तैयारियां करवा दी गईं थीं कि अगर जिले में टिड्डी दल का ठहराव होता है तो क्या कुछ करना होगा. दिन में टिड्डी दल कम बैठता है, इसलिए अभी जिला प्रशासन की ओर से डीजे बजवाए जा रहे हैं. इसके अलावा जो भी उपाय हो सकते हैं, उनको किया जा रहा है.

पढ़ें- अलवर के बानसूर में टिड्डियों का हमला, किसानों की बढ़ी मुश्किलें

उन्होंने बताया कि रात को टिड्डियां पेड़ों पर बैठती हैं, इसलिए कृषि विभाग, रेवेन्यू विभाग की टीमें पेड़ों पर कीटनाशक का पेडों पर छिड़काव कर रही हैं. दो दिन पहले हुए टिड्डियों के हमले में टीमों ने 70 प्रतिशत टिड्डियों को खत्म कर दिया था, लेकिन अलग-अलग दिशाओं से टिड्डियों का आक्रमण हो रहा है, जिसके लिए प्रशासन तैयारियों में लगा हुआ है.

टिड्डी हमले से किसान को चिंता

वहीं अलावा किसानों का कहना है कि टिड्डियों के हमले से पहले खड़ी हुई ज्वार बाजरे की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी. कहीं-कहीं इलाकों में टिड्डियों का 6 इंच का दल इकट्ठा हो गया है. टिड्डियां खेतों में खड़ी सारी फसल को चट कर जाएंगी. वहीं किसानों ने बताया कि उन्होंने आज से पहले ऐसा टिड्डियों का हमला कभी नहीं देखा. सिर्फ सुना है कि टिड्डियों का हमला ऐसा होता है कि वह पूरी फसल को चट कर जाती है.

हेलीकॉप्टर के जरिए होगा दवा का छिड़काव

बता दें कि टिड्डी दल के नियंत्रण के लिए कीटनाशक के छिड़काव को लेकर हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जाएगा. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से एक हेलीकॉप्टर राजस्थान भेजा गया है. मंगलवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बाड़मेर के लिए एक हेलीकॉप्टर रवाना किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री तोमर ने बताया कि देश में पहली बार टिड्डी नियंत्रण के लिए हेलीकॉप्टर से दवा का छिड़काव किया जा रहा है. साथ ही बताया कि टिड्डी दल के नियंत्रण को लेकर ब्रिटेन से भी तीन मशीन मंगाई गई हैं.

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