भरतपुर. आर्थिक तंगी के चलते सेवर क्षेत्र के एक मजदूर ने आत्महत्या कर ली. लॉकडाउन में युवक बेरोजगार हो गया था. उसे कोई काम-धंधा नहीं मिल रहा था. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार घटना के संबंध में मृतक के पिता चरन सिंह जाटव ने सेवर थाना में मर्ग रिपोर्ट दर्ज कराई है. जिसमें बताया है कि उनका बेटा नाहर सिंह रविवार की रात करीब 8 बजे बिना बताए घर से चला गया. नाहर सिंह रात को जब घर नहीं लौटा तो उसे आसपास काफी ढूंढा. लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला.
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सोमवार सुबह लोग जब शौच के लिए खेतों की तरफ गए तो शीशम के पेड़ पर नाहर सिंह का शव लटका हुआ था. जिसकी सूचना परिवारवालों को दी गई. मृतक नाहर सिंह ने आईटीआई कर रखी थी. वह अविवाहित था और मजदूरी कर परिवार का खर्च चलाता था. लॉकडाउन के चलते काफी समय से उसे काम नहीं मिल रहा था. जिसके चलते वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था और कई दिनों से तनाव में चल रहा था. प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि आर्थिक तंगी से परेशान होकर ही युवक ने आत्महत्या की है.
भरतपुर कलेक्टर की अपील
भरतपुर प्रशासन अब जिले भर में ग्रामीण स्तर पर टीकाकरण सेंटर स्थापित करने जा रहा है. जिसके माध्यम से 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को शत-प्रतिशत टीकाकरण का प्रयास किया जा रहा है. जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने जिलेवासियों से अपील की है कि वो कोरोना से बचाव के लिए स्वयं, अपने परिवार, रिश्तेदार एवं पहचान वालों को वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक करें. कलेक्टर ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यह देखा गया है कि जिन लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है उनकी मृत्यु की सम्भावनाएं बहुत कम रही हैं. ऐसे लोगों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होने के कारण कोविड-19 के साथ ही संक्रमण से भी लड़ने की क्षमता बढ़ गई है.
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों द्वारा सम्भावित कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम स्तर पर ही कोविड वैक्सीनेशन सेंटर स्थापित कर 45 प्लस आयुवर्ग के लोगों का शत-प्रतिशत टीकाकरण किये जाने का प्रयास किया जा रहा है. जिससे सम्भावित तीसरी लहर में कोविड संक्रमण से होने वाली जनहानि को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सके. भरतपुर में अब तक 19,541 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. जिनमें से 252 लोगों की मौत हो चुकी है और 19004 रिकवर हो चुके हैं. जिले में एक्टिव केसों की संख्या 285 है.