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साधु आत्मदाह मामले की जांच करने भरतपुर पहुंचे प्रमुख शासन सचिव, 6 सितंबर को देंगे सीएम को रिपोर्ट - भरतपुर पहुंचे प्रमुख शासन सचिव

भरतपुर के आदिब्रदी और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में खनन के विरोध में एक साधु के आत्मदाह मामले की जांच के लिए प्रमुख शासन सचिव कुंजी लाल मीणा भरतपुर पहुंच (Kunji Lal Meena in Bharatpur) गए़. उन्होंने यहां साधु के आत्मदाह के वक्त मौजूद 13 स्थानीय लोगों के बयान दर्ज किए. शुक्रवार को वे ग्रामीणों के साथ ही साधु-संतों से भी बातचीत कर बयान दर्ज करेंगे. पूरी रिपोर्ट 6 सितंबर को सीएम को सौंपी जाएगी.

Kunji Lal Meena in Bharatpur to investigate saint self immolation case, report on 6th September
साधु आत्मदाह मामले की जांच करने भरतपुर पहुंचे प्रमुख शासन सचिव, 6 सितंबर को देंगे सीएम को रिपोर्ट
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Published : Sep 1, 2022, 5:22 PM IST

Updated : Sep 1, 2022, 11:39 PM IST

भरतपुर. आदिबद्री और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में खनन के खिलाफ साधु-संतों के आंदोलन के दौरान पसोपा में बाबा विजयदास के आत्मदाह मामले की जांच करने गुरुवार दोपहर प्रमुख शासन सचिव कुंजी लाल मीणा भरतपुर पहुंचे. मीणा ने सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ वार्ता की. उन्होंने गुरुवार दोपहर साधु के आत्मदाह के समय मौजूद 13 स्थानीय लोगों के बयान दर्ज किए. शुक्रवार को इनके अलावा साधु-संतों के बयान भी लिए जाएंगे. पूरे मामले की जांच रिपोर्ट 6 सितंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को (Report of Saint Self immolation case to CM) सौपेंगे.

तीन घंटे तक की 13 लोगों से बात: भरतपुर के सर्किट हाउस में अधिकारियों से बातचीत करने के बाद कुंजीलाल मीणा दोपहर करीब 3 बजे पसोपा पहुंचे. सबसे पहले वे बाबा विजय दास के आत्मदाह स्थल पहुंचे और पूरे घटनास्थल का जायजा लिया. इसके बाद गांव के मंदिर पर पहुंचे और वहां के पुजारी एवं लोगों से बातचीत की. बाद में कुंजीलाल मीणा गांव के राजीव गांधी सेवा केंद्र पहुंचे और घटना के वक्त मौके पर मौजूद 13 लोगों से एक-एक कर बंद कमरे में बातचीत की और उनके बयान दर्ज किए. बयान दर्ज करने का ये सिलसिला करीब तीन घंटे तक चला.इससे पहले भी वो घटना की जांच के लिए भरतपुर आए थे. लेकिन उस समय वो पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से बात कर जयपुर लौट गए थे.

साधु आत्मदाह मामले की जांच पर क्या बोले प्रमुख शासन सचिव

पढ़ें: साधु आत्मदाह मामला: साधु-संतों ने तीन मंत्रियों समेत 5 के खिलाफ थाने में दिया परिवाद

इन सवालों के तलाश रहे जवाब: जानकारी के अनुसार मीणा ने लोगों से पूछा कि जब सरकार के साथ साधु-संतों के एक दल की वार्ता हो गई थी, तो आखिर क्या वजह थी कि बाबा विजय दास को आत्मदाह करना पड़ा. इसमें सबसे बड़ा सवाल यह उभर कर आया कि क्या जयपुर से लौटे साधु-संतों के दल ने धरना स्थल पर बैठे साधु-संतों तक राज्य सरकार का पूरा मैसेज नहीं पहुंचाया? क्योंकि 18, 19 और 20 जुलाई की तारीखों के बीच सारा घटनाक्रम घूमा था.

पढ़ें: आत्मदाह से पहले बाबा विजयदास ने दी थी चेतावनी, कहा था- अब करो या मरो का रास्ता बचा... वीडियो वायरल

सरकार ने साधु संतों से जयपुर में वार्ता कर उनकी सभी मांगों को स्वीकार कर लिया था. बावजूद इसके आखिर क्या वजह रही कि बाबा विजय दास ने आत्मदाह किया. यह सवाल भी खड़ा हुआ कि आखिर बाबा विजय दास के पास आत्मदाह के लिए पेट्रोल कहां से आया? जानकारी के अनुसार मीणा शुक्रवार को भी पसोपा पहुंचेंगे. शुक्रवार को स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही बरसाने के साधु-संतों को भी बातचीत एवं बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया है.

पढ़ें: जनसुनवाई में साधु ने दी आत्मदाह की धमकी, महेश जोशी ने ऐसे जताई नाराजगी

इस पूरे मामले को लेकर राज्य सरकार द्वारा 10 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के सवाल के जवाब में कुंजीलाल मीणा ने कहा कि अब इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट 6 सितंबर को मुख्यमंत्री को सौंप दी जाएगी. गौरतलब है कि आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र को खनन से बचाने के लिए साधु-संतों ने करीब 551 दिन तक धरना दिया था. इस दौरान बाबा विजय दास ने पसोपा गांव में धरनास्थल के पास 20 जुलाई को आग लगा ली थी, जिनकी बाद में उपचार के दौरान दिल्ली में मौत हो गई. इस पूरे मामले की जांच के लिए ही प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा भरतपुर आए हैं. राज्य सरकार ने इसकी जांच के लिए कमेटी भी गठित की है. घटना के बाद राज्य सरकार ने 757.40 हेक्टेयर क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित कर दिया था.

भरतपुर. आदिबद्री और कनकांचल पर्वत क्षेत्र में खनन के खिलाफ साधु-संतों के आंदोलन के दौरान पसोपा में बाबा विजयदास के आत्मदाह मामले की जांच करने गुरुवार दोपहर प्रमुख शासन सचिव कुंजी लाल मीणा भरतपुर पहुंचे. मीणा ने सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ वार्ता की. उन्होंने गुरुवार दोपहर साधु के आत्मदाह के समय मौजूद 13 स्थानीय लोगों के बयान दर्ज किए. शुक्रवार को इनके अलावा साधु-संतों के बयान भी लिए जाएंगे. पूरे मामले की जांच रिपोर्ट 6 सितंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को (Report of Saint Self immolation case to CM) सौपेंगे.

तीन घंटे तक की 13 लोगों से बात: भरतपुर के सर्किट हाउस में अधिकारियों से बातचीत करने के बाद कुंजीलाल मीणा दोपहर करीब 3 बजे पसोपा पहुंचे. सबसे पहले वे बाबा विजय दास के आत्मदाह स्थल पहुंचे और पूरे घटनास्थल का जायजा लिया. इसके बाद गांव के मंदिर पर पहुंचे और वहां के पुजारी एवं लोगों से बातचीत की. बाद में कुंजीलाल मीणा गांव के राजीव गांधी सेवा केंद्र पहुंचे और घटना के वक्त मौके पर मौजूद 13 लोगों से एक-एक कर बंद कमरे में बातचीत की और उनके बयान दर्ज किए. बयान दर्ज करने का ये सिलसिला करीब तीन घंटे तक चला.इससे पहले भी वो घटना की जांच के लिए भरतपुर आए थे. लेकिन उस समय वो पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से बात कर जयपुर लौट गए थे.

साधु आत्मदाह मामले की जांच पर क्या बोले प्रमुख शासन सचिव

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इन सवालों के तलाश रहे जवाब: जानकारी के अनुसार मीणा ने लोगों से पूछा कि जब सरकार के साथ साधु-संतों के एक दल की वार्ता हो गई थी, तो आखिर क्या वजह थी कि बाबा विजय दास को आत्मदाह करना पड़ा. इसमें सबसे बड़ा सवाल यह उभर कर आया कि क्या जयपुर से लौटे साधु-संतों के दल ने धरना स्थल पर बैठे साधु-संतों तक राज्य सरकार का पूरा मैसेज नहीं पहुंचाया? क्योंकि 18, 19 और 20 जुलाई की तारीखों के बीच सारा घटनाक्रम घूमा था.

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सरकार ने साधु संतों से जयपुर में वार्ता कर उनकी सभी मांगों को स्वीकार कर लिया था. बावजूद इसके आखिर क्या वजह रही कि बाबा विजय दास ने आत्मदाह किया. यह सवाल भी खड़ा हुआ कि आखिर बाबा विजय दास के पास आत्मदाह के लिए पेट्रोल कहां से आया? जानकारी के अनुसार मीणा शुक्रवार को भी पसोपा पहुंचेंगे. शुक्रवार को स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही बरसाने के साधु-संतों को भी बातचीत एवं बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया है.

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इस पूरे मामले को लेकर राज्य सरकार द्वारा 10 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के सवाल के जवाब में कुंजीलाल मीणा ने कहा कि अब इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट 6 सितंबर को मुख्यमंत्री को सौंप दी जाएगी. गौरतलब है कि आदिबद्री धाम और कनकांचल पर्वत क्षेत्र को खनन से बचाने के लिए साधु-संतों ने करीब 551 दिन तक धरना दिया था. इस दौरान बाबा विजय दास ने पसोपा गांव में धरनास्थल के पास 20 जुलाई को आग लगा ली थी, जिनकी बाद में उपचार के दौरान दिल्ली में मौत हो गई. इस पूरे मामले की जांच के लिए ही प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा भरतपुर आए हैं. राज्य सरकार ने इसकी जांच के लिए कमेटी भी गठित की है. घटना के बाद राज्य सरकार ने 757.40 हेक्टेयर क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित कर दिया था.

Last Updated : Sep 1, 2022, 11:39 PM IST
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