भरतपुर. जिले की 8 नगरपालिकाओं में हुए चुनाव में जनता ने निर्दलीय के सिर जीत का सेहरा बांधकर उनको सत्ता की चाबी सौंप दी है. इस बार जिले में भाजपा के 45, कांग्रेस के 22, बसपा का एक और 187 निर्दलीय पार्षद जीते हैं. भाजपा के सर्वाधिक 15 पार्षद कामां व सबसे कम नदबई में एक पार्षद जीता है.
वहीं कांग्रेस की बात करें तो बयाना व नदबई में सर्वाधिक सात-सात पार्षद जीतकर आए हैं. डीग-कुम्हेर में कांग्रेस ने टिकटों का वितरण ही नहीं किया था. सबसे कम भुसावर में कांग्रेस का एक पार्षद जीता है.
नेता जुटे बोर्ड बनाने में
चुनाव परिणाम के साथ ही क्षेत्रीय विधायक, पूर्व विधायक, पार्टियों के प्रमुख नेता, राज्यमंत्री, पूर्व कैबिनेट मंत्री पार्टी का बोर्ड बनाने की तैयारियों में जुट गए हैं. संभावना है कि दो नगरपालिकाओं में जहां भाजपा बोर्ड बनाने की तैयारी कर चुकी है तो छह नगरपालिकाओं में कांग्रेस ने भी मजबूती के साथ प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी कर दी है.
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जानकारी के अनुसार बीते 15 साल के निकाय चुनाव के परिणामों का आंकड़ा देखें तो वर्ष 2005 में भाजपा के 55, कांग्रेस के 7, 118 निर्दलीय जीते थे. 2010 में भाजपा के 44, कांग्रेस के 21, निर्दलीय 115 और 2015 में भाजपा के 59, कांग्रेस के 11 व 120 निर्दलीय पार्षद जीतकर आए थे. लेकिन गत चुनावों की तुलना में इस बार कांग्रेस के विजेता पार्षदों को संख्या बढ़ी है. इस बार कांग्रेस ने जहां 67 वार्डों में प्रत्याशी मैदान में उतारे थे और 188 वार्डों को खाली छोड़ा था, तो भाजपा ने 141 वार्डों में प्रत्याशी मैदान में उतारे थे और 114 वार्डों को खाली छोड़ा था.
चुनावों का पूरा गणित समझें फैक्ट फाइल से
- कुल वार्ड : 255
- भाजपा जीती : 45
- कांग्रेस जीती : 22
- बसपा जीती : 01
- निर्दलीय जीते : 187
नगरपालिकाओं में अध्यक्ष पद आरक्षण
- वैर: एससी
- कामां: सामान्य महिला
- नगर: सामान्य
- डीग: ओबीसी
- कुम्हेर: सामान्य
- नदबई: ओबीसी महिला
- भुसावर: एससी
- बयाना: सामान्य
रविवार को राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने ट्वीट किया. सुभाष गर्ग ने एक बयान में कहा कि भरतपुर के कुम्हेर व डीग में पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह की नीति सफल रही. उन्होंने जो निर्दलियों को चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया था, वो पूरी तरह से सफल रहा है. यह उनके नेतृत्व में ही संभव हो सका है. उनकी अगुवाई में दोनों जगह कांग्रेस का बोर्ड भी बनेगा. उन्होंने फिर साबित किया है कि वो राजनीति के चाणक्य हैं.