भरतपुर. बीते दिनों भरतपुर संभाग के चारों जिले समेत अलवर में तीन दिन तक तेज बरसात हुई. खेतों में कटी पड़ी बाजरे और ज्वार की फसल के लिए (Farmer Condition in Bharatpur Division) यह बरसात नुकसानदायक साबित हुई. हालत ये रहे कि तीन दिन की बरसात में 5 जिलों के 67,757 किसानों की फसल चौपट हो गई. इसमें अधिकतर बाजरे की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा. अब बीमा कंपनी के साथ ही स्थानीय जिला प्रशासन भी सर्वे और गिरदावरी कर किसानों को नुकसान की एवज में मुआवजा दिलाने के प्रयास में जुटा है.
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि बीते दिनों 22,23 और 24 सितंबर को भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर और अलवर में काफी तेज बरसात हुई. किसान खेतों से खरीफ की कटी हुई फसल कूठने की तैयारी में था, लेकिन बरसात की वजह से (Crop Damage in Bharatpur) बाजरे और ज्वार की कटी हुई फसल खेत में ही पड़ी रह गई. ज्यादातर फसल बाजरे की थी. ऐसे पूरी कटी हुई फसल खेत में पानी में ही खराब हो गई.
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गिरदावरी और बीमा कंपनी से आस : संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि पांचों जिलों में कुल 3 लाख, 28 हजार 403 बीमित किसान हैं. इनमें से 67,757 किसानों ने फसल खराबे की शिकायत की है. बीमा कंपनी की तरफ से किसानों की फसल का सर्वे किया जा रहा है. कंपनी की तरफ से सर्वे के बाद 25 फीसदी का भुगतान किसानों को तुरंत कर दिया जाता है. बाकी फसल को 5 साल की औसत पैदावार से तुलना कर के दिया जाता है. वहीं, जिला प्रशासन की ओर से गिरदावरी कराकर भी किसानों को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया भी की जा रही है.
कहां कितने किसानों की फसल बर्बाद :
भरतपुर | 44,559 हेक्टेयर |
अलवर | 20,717 |
सवाई माधोपुर | 1109 |
करौली | 1260 |
धौलपुर | 112 |
यहां इतने क्षेत्र में बाजरे की बुवाई :
भरतपुर | 1,38,222 हेक्टेयर |
अलवर | 3,05,000 |
धौलपुर | 88,740 |
करौली | 1,38,000 |
सवाई माधोपुर | 73,010 हेक्टेयर |