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समाज कल्याण विभाग ने परीक्षा के बीच में बंद किए छात्रावास, छात्राएं बैठी धरने पर, कलेक्टर के निर्देश पर फिर खुले

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने गुरुवार को भरतपुर शहर में संचालित दो राजकीय सावित्रीबाई फुले कन्या (Hostels were closed in Bharatpur amid examinations ) छात्रावास को बंद कर दिया. इससे परेशान छात्राएं धरने पर बैठ गईं. बाद में जिला कलेक्टर के निर्देश पर छात्रावास फिर से खोले गए.

reopened on the instructions of the Collector,  girl students protest in bharatpur
समाज कल्याण विभाग ने परीक्षा के बीच में बंद किए छात्रावास.
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Published : Jun 2, 2022, 4:18 PM IST

Updated : Jun 2, 2022, 11:31 PM IST

भरतपुर. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने गुरुवार को भरतपुर शहर में संचालित दो (Hostels were closed in Bharatpur amid examinations ) राजकीय सावित्रीबाई फुले कन्या छात्रावासों को बंद कर दिया. छात्राओं की स्कूली परीक्षाएं हो रही हैं और विभागीय अधिकारियों ने बजट खत्म होने की बात बोलकर छात्राओं को हॉस्टल से जाने के लिए कह दिया. इस पर परेशान छात्राएं छात्रावास के बाहर सड़क पर धरने पर बैठ गई और (girl students protest in bharatpur) जिला कलेक्टर को अपनी समस्या बताई. इसके बाद जिला कलेक्टर के निर्देश पर छात्रावास फिर से खोले गए.

भरतपुर शहर के किला और पुष्पवटिका कॉलोनी स्थित राजकीय सावित्रीबाई फुले कन्या छात्रावास में करीब 50 स्कूली छात्राएं निवासरत हैं. गुरुवार को अचानक से छात्रावास वार्डन ने सभी छात्राओं को छात्रावास बंद होने की सूचना देकर छात्रावास खाली करने को बोल दिया. इससे छात्राएं परेशान हो गई और दोनों छात्रावास की छात्राएं किला स्थित छात्रावास के बाहर धरने पर बैठ गईं. छात्राओं ने बताया कि अभी उनकी स्कूली परीक्षा आयोजित हो रही हैं, जो कि 11 जुलाई तक जारी रहेगी. ऐसे में बीच परीक्षा के दौरान छात्रावास खाली करके छात्राएं कहां जाकर रहेंगी और परीक्षा की तैयारी कैसे करेंगी?. छात्रावास खोलने की मांग को लेकर छात्राओं ने देर तक किला स्थित छात्रावास के बाहर प्रदर्शन किया.

पढ़ेंः RU प्रशासन का छात्रावास बंद करने का आदेश, छात्रों ने किया प्रदर्शन

विभाग के उपनिदेशक जेपी सांवरिया ने बताया कि इस बार विभाग की ओर से छात्रावासों के लिए सिर्फ साढ़े सात माह का ही बजट दिया गया. बजट 30 अप्रैल को ही समाप्त हो गया था. लेकिन फिर भी हमने 1 महीने और अतिरिक्त छात्रावासों का संचालन किया. लेकिन अब बजट उपलब्ध नहीं होने की वजह से छात्रावास संचालन करना मुश्किल हो रहा है. छात्रों की सूचना पर जिला कलेक्टर ने एसडीएम देवेंद्र परमार को मौके पर भेजा और छात्राओं की परेशानी सुनी. इसके बाद जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने विभागीय अधिकारियों को हॉस्टल खोलने के निर्देश दिए. साथ ही विभाग के उच्च अधिकारियों से बजट समस्या को लेकर बात करने के लिए भी कहा. तब जाकर विभागीय अधिकारी ने फिर से हॉस्टल खोला और छात्राओं को प्रवेश दिया.

भरतपुर. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने गुरुवार को भरतपुर शहर में संचालित दो (Hostels were closed in Bharatpur amid examinations ) राजकीय सावित्रीबाई फुले कन्या छात्रावासों को बंद कर दिया. छात्राओं की स्कूली परीक्षाएं हो रही हैं और विभागीय अधिकारियों ने बजट खत्म होने की बात बोलकर छात्राओं को हॉस्टल से जाने के लिए कह दिया. इस पर परेशान छात्राएं छात्रावास के बाहर सड़क पर धरने पर बैठ गई और (girl students protest in bharatpur) जिला कलेक्टर को अपनी समस्या बताई. इसके बाद जिला कलेक्टर के निर्देश पर छात्रावास फिर से खोले गए.

भरतपुर शहर के किला और पुष्पवटिका कॉलोनी स्थित राजकीय सावित्रीबाई फुले कन्या छात्रावास में करीब 50 स्कूली छात्राएं निवासरत हैं. गुरुवार को अचानक से छात्रावास वार्डन ने सभी छात्राओं को छात्रावास बंद होने की सूचना देकर छात्रावास खाली करने को बोल दिया. इससे छात्राएं परेशान हो गई और दोनों छात्रावास की छात्राएं किला स्थित छात्रावास के बाहर धरने पर बैठ गईं. छात्राओं ने बताया कि अभी उनकी स्कूली परीक्षा आयोजित हो रही हैं, जो कि 11 जुलाई तक जारी रहेगी. ऐसे में बीच परीक्षा के दौरान छात्रावास खाली करके छात्राएं कहां जाकर रहेंगी और परीक्षा की तैयारी कैसे करेंगी?. छात्रावास खोलने की मांग को लेकर छात्राओं ने देर तक किला स्थित छात्रावास के बाहर प्रदर्शन किया.

पढ़ेंः RU प्रशासन का छात्रावास बंद करने का आदेश, छात्रों ने किया प्रदर्शन

विभाग के उपनिदेशक जेपी सांवरिया ने बताया कि इस बार विभाग की ओर से छात्रावासों के लिए सिर्फ साढ़े सात माह का ही बजट दिया गया. बजट 30 अप्रैल को ही समाप्त हो गया था. लेकिन फिर भी हमने 1 महीने और अतिरिक्त छात्रावासों का संचालन किया. लेकिन अब बजट उपलब्ध नहीं होने की वजह से छात्रावास संचालन करना मुश्किल हो रहा है. छात्रों की सूचना पर जिला कलेक्टर ने एसडीएम देवेंद्र परमार को मौके पर भेजा और छात्राओं की परेशानी सुनी. इसके बाद जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने विभागीय अधिकारियों को हॉस्टल खोलने के निर्देश दिए. साथ ही विभाग के उच्च अधिकारियों से बजट समस्या को लेकर बात करने के लिए भी कहा. तब जाकर विभागीय अधिकारी ने फिर से हॉस्टल खोला और छात्राओं को प्रवेश दिया.

Last Updated : Jun 2, 2022, 11:31 PM IST
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