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भरतपुर में सब्जियों से बनाया जा रहा होली के लिए रंग और गुलाल

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Published : Mar 5, 2020, 7:29 PM IST

Updated : Mar 16, 2020, 8:37 AM IST

भरतपुर में हरी सब्जियों से होली के लिए स्पेशल रंग और गुलाल तैयार किया जा रहा है. जो केमिकल युक्त गुलाल रंगों से ज्यादा खुशबूदार, सुरक्षित और सस्ते हैं. इन रंगों की डिमांड भरतपुर शहर के अलावा आसपास के शहरों से भी आ रही है.

भरतपुर में होली, holi in bharatpur
सब्जियों से बना रंग

भरतपुर. होली का त्योहार जैसे जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे होली की तैयारियां भी जोर पकड़ रही है. बाजारो में दुकानों पर रंग गुलाल सजने लगे है. व्यापारी दुकानों के बाहर रंगों और पिचकारियों की फड़ सजा रहे है. लेकिन लोग इस बार रंगों से दूरी बनाते भी दिख रहे है. इसका कारण है कोरोना वायरस. जब से इस वायरस का प्रकोप फैला है तब से लोगो ने चाइना के सामानों से दूरी बना ली है.

सब्जियों से बनाया जा रहा होली के लिए रंग और गुलाल

वहीं भरतपुर में महिला स्वयं सहायता समूह में होली के लिए ऐसे रंग तैयार किये जा रहे है जो सेहत को बिल्कुल नुकसान नहीं पहुचायेंगे. साथ ही और अन्य रंग गुलालों के मुकाबले सस्ते भी रहेंगे. दरअसल शहर के हीरादास चौराहे के पास एक महिला स्वयं सहायता समूह चलाया जा रहा है. जहां पर गाय के गोबर से दिए, घर सजाने की वस्तु, धूप बत्ती इत्यादि चीजे बनाई जा रही है. जो स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए बिल्कुल भी हानिकारक नही है.

पढ़ेंः बड़ी लापरवाहीः जा सकती थी 'जान'...11 हजार केवी तार की चपेट में आई स्कूली बस, 8 साल का मासूम झुलसा

इसके अलावा हरी सब्जियों से होली के लिए स्पेशल रंग और गुलाल तैयार किया जा रहा है. जो केमिकल युक्त गुलाल रंगों से ज्यादा खुशबूदार, सुरक्षित और सस्ते हैं. इन रंगों की डिमांड भरतपुर शहर के अलावा आसपास के शहरों से भी आ रही है. लेकिन हालात ये गई है कि स्वयं सहायता समूह की महिलायें गुलाल और रंगों की डिमांड को पूरा भी नही कर पा रही.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: भरतपुर में जर्जर हालत में नवीन राजकीय महाविद्यालय, 3 विषयों के लिए कोई व्याख्याता नहीं

शोशल वेल्फेयर रिसर्च ग्रुप के प्रबंधक बलवीर सिंह ने बताया कि यहां पर एक शहरी आजीविका शिविर आयोजित किया जा रहा है. जहां पर गरीब तबके की महिलाओं को सशक्त करने का प्रयास किया जाता है. उन्होंने बताया कि होली के त्योहार को देखते हुए एक रीसर्च किया गया था कि लोगों के लिए ऑर्गेनिक गुलाल तैयार किया जाए. जो लोग केमिकल के गुलालों से दूर भागते है ऐसे लोग ऑर्गेनिक गुलाल से होली खेल सकते है क्योंकि ये गुलाल ऑर्गेनिक है और इसमें किसी भी प्रकार का केमिकल नहीं है. वहीं उन्होंने बताया कि रोजाना महिलाएं जितना भी गुलाल बनाती है वह गुलाल पूरा बिक जाता है.

पढ़ेंः पानी की सप्लाई समय पर न होने से नाराज लोगों का प्रदर्शन, जलदाय विभाग कार्यालय के सामने दिया धरना

साथ ही उन्होंने बताया कि गाय के गोबर में इतनी शक्ति होती है कि वह किसी भी वायरस को खत्म कर सकती है. जिसके लिए गाय के गोबर से हैंड वाश, नहाने के साबुन, बर्तन धोने के साबुन बनाये जा रहे है जो सेहत के लिए लाभदायक है. वहीं गाय के गोबर से बनने वाली धूप बत्ती, अगरबत्ती, दिये जलाने से घर ने नकारात्मक चीजे प्रवेश नहीं करती साथ ही बीमारियां भी दूर रहती है.

भरतपुर. होली का त्योहार जैसे जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे होली की तैयारियां भी जोर पकड़ रही है. बाजारो में दुकानों पर रंग गुलाल सजने लगे है. व्यापारी दुकानों के बाहर रंगों और पिचकारियों की फड़ सजा रहे है. लेकिन लोग इस बार रंगों से दूरी बनाते भी दिख रहे है. इसका कारण है कोरोना वायरस. जब से इस वायरस का प्रकोप फैला है तब से लोगो ने चाइना के सामानों से दूरी बना ली है.

सब्जियों से बनाया जा रहा होली के लिए रंग और गुलाल

वहीं भरतपुर में महिला स्वयं सहायता समूह में होली के लिए ऐसे रंग तैयार किये जा रहे है जो सेहत को बिल्कुल नुकसान नहीं पहुचायेंगे. साथ ही और अन्य रंग गुलालों के मुकाबले सस्ते भी रहेंगे. दरअसल शहर के हीरादास चौराहे के पास एक महिला स्वयं सहायता समूह चलाया जा रहा है. जहां पर गाय के गोबर से दिए, घर सजाने की वस्तु, धूप बत्ती इत्यादि चीजे बनाई जा रही है. जो स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए बिल्कुल भी हानिकारक नही है.

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इसके अलावा हरी सब्जियों से होली के लिए स्पेशल रंग और गुलाल तैयार किया जा रहा है. जो केमिकल युक्त गुलाल रंगों से ज्यादा खुशबूदार, सुरक्षित और सस्ते हैं. इन रंगों की डिमांड भरतपुर शहर के अलावा आसपास के शहरों से भी आ रही है. लेकिन हालात ये गई है कि स्वयं सहायता समूह की महिलायें गुलाल और रंगों की डिमांड को पूरा भी नही कर पा रही.

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: भरतपुर में जर्जर हालत में नवीन राजकीय महाविद्यालय, 3 विषयों के लिए कोई व्याख्याता नहीं

शोशल वेल्फेयर रिसर्च ग्रुप के प्रबंधक बलवीर सिंह ने बताया कि यहां पर एक शहरी आजीविका शिविर आयोजित किया जा रहा है. जहां पर गरीब तबके की महिलाओं को सशक्त करने का प्रयास किया जाता है. उन्होंने बताया कि होली के त्योहार को देखते हुए एक रीसर्च किया गया था कि लोगों के लिए ऑर्गेनिक गुलाल तैयार किया जाए. जो लोग केमिकल के गुलालों से दूर भागते है ऐसे लोग ऑर्गेनिक गुलाल से होली खेल सकते है क्योंकि ये गुलाल ऑर्गेनिक है और इसमें किसी भी प्रकार का केमिकल नहीं है. वहीं उन्होंने बताया कि रोजाना महिलाएं जितना भी गुलाल बनाती है वह गुलाल पूरा बिक जाता है.

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साथ ही उन्होंने बताया कि गाय के गोबर में इतनी शक्ति होती है कि वह किसी भी वायरस को खत्म कर सकती है. जिसके लिए गाय के गोबर से हैंड वाश, नहाने के साबुन, बर्तन धोने के साबुन बनाये जा रहे है जो सेहत के लिए लाभदायक है. वहीं गाय के गोबर से बनने वाली धूप बत्ती, अगरबत्ती, दिये जलाने से घर ने नकारात्मक चीजे प्रवेश नहीं करती साथ ही बीमारियां भी दूर रहती है.

Last Updated : Mar 16, 2020, 8:37 AM IST
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