भरतपुर. गुर्जर आरक्षण की मांग को लेकर शनिवार को बयाना थाना क्षेत्र के अड्डा गांव में जिला प्रशासन से अनुमति लिए बिना गुर्जर महापंचायत कराने वाले कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के साथ ही 33 गुर्जर नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उच्च अधिकारियों के निर्देश पर बयाना थाना प्रभारी मदनलाल मीणा ने सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. इन गुर्जर नेताओं पर कोविड गाइडलाइन की पालना नहीं किए जाने का आरोप भी है.
![Case registered against Colonel Kirori Singh Bainsla, Gujjar mahapanchayat update](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/9223215_jjjj1.jpg)
रिपोर्ट में लिखा गया है कि नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट 2005 और राजस्थान महामारी अधिनियम 2020 के तहत वर्तमान में केवल 100 लोगों तक ही सभा या कार्यक्रम में कोविड गाइडलाइन की पालना करते हुए जिला प्रशासन की अनुमति से उपस्थित हो सकते हैं. गुर्जर महापंचायत उक्त कानून के उल्लंघन में की गई है, जो कि दंडनीय अपराध की श्रेणी का कृत्य है. इसे गैरकानूनी महापंचायत बताते हुए जिला कलेक्टर की ओर से 16 अक्टूबर को एक सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया गया था.
फिर भी गुर्जर समाज के नेताओं ने महापंचायत में अधिक से अधिक लोगों को बुलाने के लिए पर्चे छपवा कर वितरित किए. साथ ही गांव अड्डा निवासी नरोत्तम, हंसराज, अतरूप और राजाराम ने टेंट में माइक की व्यवस्था की, जिस कारण सभा में लगभग 2500 से 3000 व्यक्तियों ने भाग लिया. इस दौरान इन सभी नेताओं ने मंच से लोगों को 1 नवंबर 2020 से पूरे राजस्थान को जाम करने का आह्वान किया, जिस कारण इन सभी गुर्जर नेताओं के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मामला
बयाना थाने में गुर्जर महापंचायत के मुख्य अतिथि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला समेत विजय बैंसला, भूरा भगत, हरिराम अमीन, राजाराम अड्डा, यादराम सरपंच, विजय राम पूर्व सरपंच खामखेड़ा, नरोत्तम अड्डा, अतरूप अड्डा, राम हंस, तोताराम पहलवान शेरगढ़, कैप्टन हरप्रसाद, कैप्टन जगमोहन, रामस्वरूप कामर, झालाराम, पुष्पेंद्र करीरी, पिंटू चेची सवाई माधोपुर, जगराम देवलेन समेत कुल 33 नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
गौरतलब है कि शनिवार को बयाना थाना क्षेत्र के अड्डा गांव में गुर्जर आरक्षण को लेकर गुर्जर महापंचायत आयोजित की गई थी, जिसमें 80 गांव के गुर्जर समाज के हजारों लोगों की भीड़ जमा हुई थी. इस आयोजन के लिए जिला प्रशासन की ओर से भी किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं ली गई थी.